जयपुर. राजस्थान पुलिस द्वारा पूरे प्रदेश भर में लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं और सरकार भी यही चाहती है कि राजस्थान में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके. सड़क पर चलने वाले वाहन चालक एकदम सुरक्षित अपने घर पहुंच सके.
राजस्थान में प्रतिवर्ष 10 हजार से भी अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में मौत का शिकार होते हैं और इससे भी कहीं अधिक संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं. यदि बात वर्ष 2020 की जनवरी से लेकर मई महीने की तो लॉकडाउन के चलते सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2019 की तुलना में 33% की कमी दर्ज की गई है. वहीं सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत के आंकड़ों में 28.65% और घायलों की संख्या में 39.15% की कमी दर्ज की गई है.
यह है सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण...
डीआईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग और ड्रिंक एंड ड्राइव है. पूरे प्रदेश में प्रतिवर्ष 10 हजार से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं. इसके साथ ही यदि बात पूरे भारत के लिए की जाए तो यहां हर साल 1.5 लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं.
पूरे विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत के आंकड़ों में भारत शीर्ष पर कायम है. वहीं बात राजस्थान की की जाए तो वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर मई महीने तक कुल 6943 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई. जिसमें 3292 लोगों ने अपनी जान गंवाई. इसके साथ ही 6203 लोग सड़क दुर्घटना में घायल हुए.
पढ़ेंः जयपुर: नानी की बैठक में शामिल होने जा रहे थे मां-बेटे, हादसे में मौत
सड़क दुर्घटनाओं में अधिकांश लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से सैकड़ों लोग बिस्तर से खड़े होने की स्थिति में भी नहीं है. ऐसे में घायलों के परिजनों को एक बड़ी आर्थिक हानि उठानी पड़ी है. राजस्थान में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक की आयु के लोग अपनी जान गंवाते हैं.
ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड को ब्लैक स्पॉट को लेकर अवगत कराती है ट्रैफिक पुलिस
डीआईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि राजस्थान पुलिस सड़क दुर्घटनाओं को लेकर काफी गंभीर है और पूरे प्रदेश में ऐसे ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाते हैं, जहां पर सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है. ब्लैक स्पॉट पर होने वाली सड़क दुर्घटनाएं अधिकांश किस कारण के चलते घटित होती है इसका अध्ययन करने के बाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा इसकी एक रिपोर्ट ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड को दी जाती है.
पढ़ेंः बारां: नशे में धुत बोलेरो चालक ने मारी बाइक को टक्कर, युवक की मौत
रोड इंजीनियरिंग के चलते जहां पर सर्वाधिक सड़क दुर्घटना घटित होती हैं वहां पर रोड इंजीनियरिंग में जो कमी होती है. उसे जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास किया जाता है. इसके साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले, ओवर स्पीडिंग करने वाले और अन्य वायलेशन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाती है.