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माइक्रो कंटेनमेंट जोन में हो रहा इजाफा, अब तक जयपुर शहर में 301 बनाए गए

प्रदेश भर में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. संक्रमण के साथ माइक्रो कंटेनमेंट जोन में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है.अब तक जयपुर शहर में 301 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं.

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Published : Apr 18, 2021, 4:02 PM IST

शहर में 301 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए , Corona growing in Rajasthan,  Micro Containment Zones are being built in Jaipur city,  301 micro containment zones created in the city
जयपुर शहर में बनाए जा रहे माइक्रो कंटेनमेंट जोन

जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. वैसे वैसे माइक्रो कंटेनमेंट जोन में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले 7 दिनों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन में लगातार वृद्धि हो रही है. अब तक जयपुर शहर में 301 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं.

जयपुर शहर में बनाए जा रहे माइक्रो कंटेनमेंट जोन

प्रदेश भर में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सबसे अधिक संख्या में संक्रमित मरीज जयपुर में सामने आ रहे हैं. बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए जयपुर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है और लगातार संक्रमण रोकने का प्रयास किया जा रहा है. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने जयपुर शहर को अलग-अलग भागों में बांटकर 23 इंसिडेंट कमांडर लगाए हैं और इन इंसिडेंट कमांडरों के साथ मेडिकल और पुलिस की टीम भी शामिल है और इन्हें संक्रमण रोकने की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन भी यही टीम घोषित करेगी.

पढ़ें: झुंझुनू जिला और प्रशासन कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार- कलेक्टर

अब तक जयपुर शहर में 301 माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा चुके हैं और यहां लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगाई गई है. शनिवार तक जयपुर शहर में कंटेनमेंट जोन की संख्या 278 थी. कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा के अनुसार पहले 5 या 5 से अधिक लोगों के एक साथ संक्रमित आने पर उस जगह को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा था लेकिन अब अधिक संक्रमित मरीज आने के बाद दो या दो से अधिक संक्रमित मरीज मिलने पर भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से माइक्रो कंटेनमेंट जोन में रहने वाले मरीजों के लिए दवाइयां भिजवाई जा रही है.

माइक्रो कंटेनमेंट जोन में रहने वाले मरीज पूरी तरह से आइसोलेट रहेंगे. उन्हें बाहर आने जाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं होगी. इनकी निगरानी के लिए एक बीट कांस्टेबल के अलावा होमगार्ड के जवान भी लगाए गए हैं. पिछली बार कोरोना काल में संक्रमण रोकने के लिए इंसिडेंट कमांडर लगाएं गए थे और आज भी इन्हीं इंसिडेंट कमांडरों को जिम्मेदारी दी गई है. पहले कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाते थे लेकिन अब जिला प्रशासन का ध्यान माइक्रो कंटेनमेंट जोन की ओर ज्यादा है. माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने से एक छोटी जगह पर ही पाबंदियां लगाई जा रही है जिससे अधिक लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. वैसे वैसे माइक्रो कंटेनमेंट जोन में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले 7 दिनों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन में लगातार वृद्धि हो रही है. अब तक जयपुर शहर में 301 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं.

जयपुर शहर में बनाए जा रहे माइक्रो कंटेनमेंट जोन

प्रदेश भर में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सबसे अधिक संख्या में संक्रमित मरीज जयपुर में सामने आ रहे हैं. बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए जयपुर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है और लगातार संक्रमण रोकने का प्रयास किया जा रहा है. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने जयपुर शहर को अलग-अलग भागों में बांटकर 23 इंसिडेंट कमांडर लगाए हैं और इन इंसिडेंट कमांडरों के साथ मेडिकल और पुलिस की टीम भी शामिल है और इन्हें संक्रमण रोकने की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन भी यही टीम घोषित करेगी.

पढ़ें: झुंझुनू जिला और प्रशासन कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार- कलेक्टर

अब तक जयपुर शहर में 301 माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा चुके हैं और यहां लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगाई गई है. शनिवार तक जयपुर शहर में कंटेनमेंट जोन की संख्या 278 थी. कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा के अनुसार पहले 5 या 5 से अधिक लोगों के एक साथ संक्रमित आने पर उस जगह को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा था लेकिन अब अधिक संक्रमित मरीज आने के बाद दो या दो से अधिक संक्रमित मरीज मिलने पर भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से माइक्रो कंटेनमेंट जोन में रहने वाले मरीजों के लिए दवाइयां भिजवाई जा रही है.

माइक्रो कंटेनमेंट जोन में रहने वाले मरीज पूरी तरह से आइसोलेट रहेंगे. उन्हें बाहर आने जाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं होगी. इनकी निगरानी के लिए एक बीट कांस्टेबल के अलावा होमगार्ड के जवान भी लगाए गए हैं. पिछली बार कोरोना काल में संक्रमण रोकने के लिए इंसिडेंट कमांडर लगाएं गए थे और आज भी इन्हीं इंसिडेंट कमांडरों को जिम्मेदारी दी गई है. पहले कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाते थे लेकिन अब जिला प्रशासन का ध्यान माइक्रो कंटेनमेंट जोन की ओर ज्यादा है. माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने से एक छोटी जगह पर ही पाबंदियां लगाई जा रही है जिससे अधिक लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

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