जयपुर. राजधानी के चंदवाजी थाना इलाके में लबाना गांव के पास शुक्रवार को हुए बस हादसे में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक हादसे में बस ड्राइवर, बिजली विभाग और स्थानीय होटल संचालक की लापरवाही उजागर हुई है. पुलिस तीनों पक्षों पर मामला दर्ज कर जांच कर रही है.
बता दें कि शुक्रवार को जयपुर-दिल्ली हाइवे पर चंदवाजी के पास यात्रियों से भरी एक निजी बस हाईटेंशन लाइन के चपेट में आ गई थी. हादसे के बाद बस में करंट फैलने और आग लगने से 19 यात्री झुलस गए थे जिनमें से 3 की मौत हो गई थी. वहीं 6 यात्रियों की हालत अब भी गंभीर है.
पुलिस के मुताबिक बस ड्राइवर ने बिना देखे ही बस को रिवर्स में लेली जिससे ऊपर से गुजर रही 11000 केवी हाईटेंशन लाइन बस से छू गई. आग लगते ही चालक सबसे पहले कूदकर भाग निकला. जिसकी वजह से 3 यात्री जिंदा जल गए. चालक ने बस में बैठे यात्रियों की जान बचाने की कोशिश तक नहीं की. हाईटेंशन लाइन की ऊंचाई कम होने की वजह से बस से टच हो गई. जिसकी वजह से हादसा हो गया.
इसमें बिजली विभाग की लापरवाही मानी जा रही है. वही हादसे की जगह होटल का काम चल रहा है. होटल मालिक की ओर से रास्ते में मिट्टी डालकर ऊंचाई बढ़ा दी गई थी. जिसकी वजह से जमीन से बिजली लाइन की हाइट कम होने से बस विद्युत लाइन से टच हो गई. पुलिस ने बस चालक, विद्युत विभाग और होटल मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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तीनों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सुपुर्द किया गया. हादसे में दोसा निवासी सुगना देवी, नागौर निवासी भगवान सिंह और अलवर निवासी नूर मोहम्मद की मौत हुई है. बिजली विभाग की ओर से बस चालक और होटल संचालक के खिलाफ चंदवाजी थाने में रिपोर्ट दी गई है. बिजली विभाग के अधिकारियों की माने तो होटल संचालक ने रास्ते में मिट्टी डालकर ऊंचाई बढ़ा दी. जिसकी वजह से हाईटेंशन लाइन और जमीन के बीच की दूरी कम हो गई.