ETV Bharat / city

संकट में डिस्कॉम : नए सामान की खरीद पर 3 महीने रोक, सरकार पर भी सब्सिडी के करोड़ों रुपए बकाया

author img

By

Published : Aug 26, 2021, 1:58 PM IST

राजस्थान डिस्कॉम से जुड़े अधिकारियों के कुप्रबंधन और सरकार की अनदेखी के चलते वित्तीय संकट से घिरे डिस्कॉम में अगले 3 महीने तक नए सामान और उपकरण की खरीद पर रोक लगा दी है. आर्थिक बदहाली का असर डिस्कॉम के साथ अब बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ना शुरू हो चुका है.

rajasthan discom latest news, Rajasthan Discom
संकट में डिस्कॉम

जयपुर. राजस्थान डिस्कॉम अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. डिस्कॉम से जुड़े अधिकारियों के कुप्रबंधन और सरकार की अनदेखी के चलते वित्तीय संकट से घिरे डिस्कॉम में अगले 3 महीने तक नए सामान और उपकरण की खरीद पर रोक लगा दी है. आर्थिक बदहाली का असर डिस्कॉम के साथ अब बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ना शुरू हो चुका है. इस बीच ऊर्जा मंत्री की ओर से अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाने के निर्देश पर अमल शुरू कर दिया गया है.

पढ़ें- सरकार की नीतियों का खामियाजा भुगत रही आम जनता...प्रदेश में बिजली संकट, बढ़ रहा डिस्कॉम का घाटा...आखिर कैसे सुधरेंगे हालात?

87 हजार करोड़ की देनदारी

बताया जा रहा है कर्ज में डूबे डिस्कॉम के हर महीने ऑपरेशन व मेंटेनेंस से जुड़े बजट को भी कम कर दिया गया है. पहले हर महीने तीनों डिस्कॉम कंपनियों का ये बजट करीब 126 करोड़ था जो घटकर 63 करोड़ रह गया है. बजट की कमी के चलते नए उपकरण और सामान की खरीद पर रोक लगा दी, लेकिन आवश्यक होने पर डिस्कॉम चेयरमैन से मंजूरी के बाद ही ये खरीद होगी. अगर इसमें लेटलतीफी हुई तो आम उपभोक्ताओं की सर्विस पर इसका असर पड़ेगा.

संकट में डिस्कॉम

सब्सिडी के भुगतान में भी सरकार कर रही देरी

जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम की मौजूदा आर्थिक बदहाली के पीछे केवल डिस्कॉम प्रबंधन और अधिकारी ही नहीं बल्कि सरकार की कार्यशैली भी सीधे तौर पर जिम्मेदार है. जिन वर्गों को बिजली पर सरकार सब्सिडी देती है उसका भुगतान अब तक बिजली कंपनियों को सरकार ने नहीं किया. बताया जा रहा है 50 हजार करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को चुकाना है.

ऊर्जा मंत्री ने दिया था खर्चे कम करने का सुझाव

प्रदेश की बिजली कंपनियों की खराब माली हालत को देखते हुए ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान डिस्कॉम के अनावश्यक खर्चे कम करने के निर्देश दिए थे. लेकिन ऊर्जा सचिव ने ऑपरेशन एंड मेंटिनेस का बजट ही कम कर डाला. होना तो यह चाहिए था कि डिस्कॉम बिजली चोरी और छीजत रोके लेकिन उसके बजाय नए सामान की खरीद को रोक दिया गया.

निजीकरण की दिशा में जा रहा डिस्कॉम

दरअसल, जो हालात प्रदेश के बिजली कंपनियों की है उसके बाद अब इस बात की संभावनाएं प्रबल हो गई है कि सरकार भविष्य में बिजली कंपनियों का निजीकरण कर देगी. हालांकि, डिस्कॉम में निजीकरण के तहत पिछले दिनों कुछ कार्यों की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन हालात जिस प्रकार खराब हो रहे हैं उसके बाद सरकार भी अब इस घाटे के सौदे से बचने के लिए संभवत: बिजली से जुड़ा काम धीरे-धीरे कर निजी हाथों में सौंप सकती है.

जयपुर. राजस्थान डिस्कॉम अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. डिस्कॉम से जुड़े अधिकारियों के कुप्रबंधन और सरकार की अनदेखी के चलते वित्तीय संकट से घिरे डिस्कॉम में अगले 3 महीने तक नए सामान और उपकरण की खरीद पर रोक लगा दी है. आर्थिक बदहाली का असर डिस्कॉम के साथ अब बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ना शुरू हो चुका है. इस बीच ऊर्जा मंत्री की ओर से अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाने के निर्देश पर अमल शुरू कर दिया गया है.

पढ़ें- सरकार की नीतियों का खामियाजा भुगत रही आम जनता...प्रदेश में बिजली संकट, बढ़ रहा डिस्कॉम का घाटा...आखिर कैसे सुधरेंगे हालात?

87 हजार करोड़ की देनदारी

बताया जा रहा है कर्ज में डूबे डिस्कॉम के हर महीने ऑपरेशन व मेंटेनेंस से जुड़े बजट को भी कम कर दिया गया है. पहले हर महीने तीनों डिस्कॉम कंपनियों का ये बजट करीब 126 करोड़ था जो घटकर 63 करोड़ रह गया है. बजट की कमी के चलते नए उपकरण और सामान की खरीद पर रोक लगा दी, लेकिन आवश्यक होने पर डिस्कॉम चेयरमैन से मंजूरी के बाद ही ये खरीद होगी. अगर इसमें लेटलतीफी हुई तो आम उपभोक्ताओं की सर्विस पर इसका असर पड़ेगा.

संकट में डिस्कॉम

सब्सिडी के भुगतान में भी सरकार कर रही देरी

जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम की मौजूदा आर्थिक बदहाली के पीछे केवल डिस्कॉम प्रबंधन और अधिकारी ही नहीं बल्कि सरकार की कार्यशैली भी सीधे तौर पर जिम्मेदार है. जिन वर्गों को बिजली पर सरकार सब्सिडी देती है उसका भुगतान अब तक बिजली कंपनियों को सरकार ने नहीं किया. बताया जा रहा है 50 हजार करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को चुकाना है.

ऊर्जा मंत्री ने दिया था खर्चे कम करने का सुझाव

प्रदेश की बिजली कंपनियों की खराब माली हालत को देखते हुए ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान डिस्कॉम के अनावश्यक खर्चे कम करने के निर्देश दिए थे. लेकिन ऊर्जा सचिव ने ऑपरेशन एंड मेंटिनेस का बजट ही कम कर डाला. होना तो यह चाहिए था कि डिस्कॉम बिजली चोरी और छीजत रोके लेकिन उसके बजाय नए सामान की खरीद को रोक दिया गया.

निजीकरण की दिशा में जा रहा डिस्कॉम

दरअसल, जो हालात प्रदेश के बिजली कंपनियों की है उसके बाद अब इस बात की संभावनाएं प्रबल हो गई है कि सरकार भविष्य में बिजली कंपनियों का निजीकरण कर देगी. हालांकि, डिस्कॉम में निजीकरण के तहत पिछले दिनों कुछ कार्यों की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन हालात जिस प्रकार खराब हो रहे हैं उसके बाद सरकार भी अब इस घाटे के सौदे से बचने के लिए संभवत: बिजली से जुड़ा काम धीरे-धीरे कर निजी हाथों में सौंप सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.