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जयपुरः राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार करने के मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार

वन विभाग की आमेर रेंज ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय पक्षी मोर को जहरीला दाना खिलाकर शिकार करने के मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया.

Peacock poaching case,  Forest Department Amer Range
3 आरोपी गिरफ्तार
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Published : Jun 9, 2020, 8:32 PM IST

जयपुर. प्रदेश में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. राजधानी जयपुर के आमेर में मोर के शिकार का मामला सामने आया है. वन विभाग की आमेर रेंज ने कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय पक्षी मोर को जहरीला दाना खिलाकर शिकार करने के मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आमेर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

मोर के शिकार करने के मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार

वनपाल धारी लाल बेरवा को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आमेर के कूकस स्थित खोरा मीणा गांव में राष्ट्रीय पक्षी मोर को जहरीला दाना खिलाकर शिकार किया जा रहा है. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. वन विभाग की टीम ने मौके से रामचंद्र बावरिया, छोटूराम बावरिया और प्रकाश बावरिया को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही आरोपियों के कब्जे से मरे हुए मोरों को भी बरामद किया है.

पढ़ें- बजरी माफिया के SDM के ड्राइवर की हत्या करने पर बोले सचिन पायलट, होनी चाहिए कठोर कार्रवाई

आमेर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा के मुताबिक कूकस मनपाल धारीलाल बैरवा को मुखबिर से सूचना मिली थी कि खोरा मीणा गांव में 3 व्यक्ति जहरीला दाना खिला कर मोर का शिकार कर रहे हैं. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मोरों का शिकार करके ले जा रहे 3 लोगों को दबोच लिया. आरोपियों के कब्जे से मरे हुए करीब 4 मोर बरामद किए गए हैं. आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39/51 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है. वन विभाग की टीम पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है. मोर के शिकार के मामलों में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसके बारे में भी सूचना जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. कार्रवाई को अंजाम देने में वन कर्मचारी वीरेंद्र सिंह मान, नरेंद्र सिंह और राजेंद्र प्रसाद सैनी की भी अहम भूमिका रही है.

बता दें कि वन विभाग को काफी समय से मोड़ के शिकार की सूचनाएं मिल रही थी. इससे पहले भी दिसंबर 2019 में मोर के शिकार का मामला सामने आया था, जिसमें भी वन विभाग की टीम ने शिकारियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था.

जयपुर. प्रदेश में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. राजधानी जयपुर के आमेर में मोर के शिकार का मामला सामने आया है. वन विभाग की आमेर रेंज ने कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय पक्षी मोर को जहरीला दाना खिलाकर शिकार करने के मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आमेर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

मोर के शिकार करने के मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार

वनपाल धारी लाल बेरवा को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आमेर के कूकस स्थित खोरा मीणा गांव में राष्ट्रीय पक्षी मोर को जहरीला दाना खिलाकर शिकार किया जा रहा है. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. वन विभाग की टीम ने मौके से रामचंद्र बावरिया, छोटूराम बावरिया और प्रकाश बावरिया को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही आरोपियों के कब्जे से मरे हुए मोरों को भी बरामद किया है.

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आमेर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा के मुताबिक कूकस मनपाल धारीलाल बैरवा को मुखबिर से सूचना मिली थी कि खोरा मीणा गांव में 3 व्यक्ति जहरीला दाना खिला कर मोर का शिकार कर रहे हैं. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मोरों का शिकार करके ले जा रहे 3 लोगों को दबोच लिया. आरोपियों के कब्जे से मरे हुए करीब 4 मोर बरामद किए गए हैं. आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39/51 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है. वन विभाग की टीम पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है. मोर के शिकार के मामलों में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसके बारे में भी सूचना जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. कार्रवाई को अंजाम देने में वन कर्मचारी वीरेंद्र सिंह मान, नरेंद्र सिंह और राजेंद्र प्रसाद सैनी की भी अहम भूमिका रही है.

बता दें कि वन विभाग को काफी समय से मोड़ के शिकार की सूचनाएं मिल रही थी. इससे पहले भी दिसंबर 2019 में मोर के शिकार का मामला सामने आया था, जिसमें भी वन विभाग की टीम ने शिकारियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था.

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