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बीएसएनएल से कर्मचारियों की विदाई शुरू, जोधपुर में 285 कर्मचारियों ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति - बीएसएनएल कर्मचारियों की रिटायरमेंट

घाटे से जूझ रही बीएसएनएल के 285 कर्मचारियों ने शुक्रवार को जोधपुर में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों के लिए तारघर में एक समारोह आयोजित कर विदा किया गया. जिले में कुल 520 कर्मचारी कार्यरत थे.

BSNL Employees Retirement, जोधपुर न्यूज
जोधपुर में 285 बीएसएनएल कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली
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Published : Jan 31, 2020, 7:51 PM IST

जोधपुर. घाटे से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने अपने कर्मचारियों की विदाई शुरू कर दी है. इसके तहत जोधपुर में शुक्रवार को 285 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. जिले में कुल 520 कर्मचारी कार्यरत थे. वीआरएस लेने वालों के लिए तारघर में आयोजित एक समारोह में 45 कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर विदा किया गया.

जोधपुर में 285 बीएसएनएल कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली

वहीं कर्मचारियों का कहना था कि बीएसएनएल को जिंदा रखने के लिए वीआरएस लेना बहुत जरूरी था. हालांकि इस निर्णय से कर्मचारी थोड़े मायूस भी हैं. उनका कहना है कि किसी भी संस्थान से कर्मचारियों का हटना नुकसानदायक होता है, लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है तो उसकी पालना करनी ही थी. वहीं कुछ कर्मचारियों कहना है कि सरकार ने वीआरएस के लिए जो दिया पैकेज गया, बहुत अच्छा था. शेष बची हुई सेवा किचन का 125 फीसदी बीएसएनल एक कर्मचारी को दे रहा है.

पढ़ें- भीलवाड़ा: कलेक्टर ने ली सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन समिति की बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश

इसके अलावा अन्य फायदे भी कर्मचारी को मिल रहे हैं. जिस कर्मचारी की 5 साल की सेवा बाकी है, उसे कम से कम 1 करोड़ रुपए के परिणाम एक साथ मिल रहे हैं. बीएसएनएल के सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के समय में निजी कंपनियों के टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी मेनपावर पर सिर्फ 5 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं. जबकि बीएसएनएल का यह खर्चा 75 से 80 फीसदी तक पहुंच गया था. ऐसे में बीएसएनल का चलना बहुत कठिन था.

उनका यह भी कहना है कि रिटायरमेंट के बाद में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी बीएसएल में रहेंगे. इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग से बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को सेवा देगी, जिसका फायदा भी कस्टमर को होगा.

जोधपुर. घाटे से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने अपने कर्मचारियों की विदाई शुरू कर दी है. इसके तहत जोधपुर में शुक्रवार को 285 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. जिले में कुल 520 कर्मचारी कार्यरत थे. वीआरएस लेने वालों के लिए तारघर में आयोजित एक समारोह में 45 कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर विदा किया गया.

जोधपुर में 285 बीएसएनएल कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली

वहीं कर्मचारियों का कहना था कि बीएसएनएल को जिंदा रखने के लिए वीआरएस लेना बहुत जरूरी था. हालांकि इस निर्णय से कर्मचारी थोड़े मायूस भी हैं. उनका कहना है कि किसी भी संस्थान से कर्मचारियों का हटना नुकसानदायक होता है, लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है तो उसकी पालना करनी ही थी. वहीं कुछ कर्मचारियों कहना है कि सरकार ने वीआरएस के लिए जो दिया पैकेज गया, बहुत अच्छा था. शेष बची हुई सेवा किचन का 125 फीसदी बीएसएनल एक कर्मचारी को दे रहा है.

पढ़ें- भीलवाड़ा: कलेक्टर ने ली सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन समिति की बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश

इसके अलावा अन्य फायदे भी कर्मचारी को मिल रहे हैं. जिस कर्मचारी की 5 साल की सेवा बाकी है, उसे कम से कम 1 करोड़ रुपए के परिणाम एक साथ मिल रहे हैं. बीएसएनएल के सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के समय में निजी कंपनियों के टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी मेनपावर पर सिर्फ 5 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं. जबकि बीएसएनएल का यह खर्चा 75 से 80 फीसदी तक पहुंच गया था. ऐसे में बीएसएनल का चलना बहुत कठिन था.

उनका यह भी कहना है कि रिटायरमेंट के बाद में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी बीएसएल में रहेंगे. इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग से बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को सेवा देगी, जिसका फायदा भी कस्टमर को होगा.

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Body:जोधपुर देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल जो कि वर्तमान में घाटे से जूझ रही है ने अपने कर्मचारियों की विदाई शुरू कर दी है इसके तहत जोधपुर में शुक्रवार को 285 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। जिले में कुल 520 कर्मचारी कार्यरत थे। वीआरएस लेने वालों के लिये तारघर में आयोजित एक समारोह में शहर में कार्यरत 45 कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर विदा किया गया कर्मचारियों का कहना था कि बीएसएनएल को जिंदा रखने के लिए वीआरएस लेना बहुत जरूरी था। हालांकि इस निर्णय से कर्मचारी थोड़े मायूस भी हैं उनका कहना है कि किसी भी संस्थान से कर्मचारियों का हटना नुकसानदायक होता है लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है तो उसकी पालना करनी ही थी वहीं कुछ कर्मचारियों कहना है कि सरकार ने वीआरएस के लिए जो पैकेज गया बहुत अच्छा था शेष बची हुई सेवा किचन का 125 फ़ीसदी बीएसएनल एक कर्मचारी को दे रहा है इसके अलावा अन्य फायदे भी कर्मचारी को मिल रहे हैं जिस कर्मचारी की 5 साल की सेवा बाकी है उसे कम से कम 1 करोड रुपए के परिणाम एक साथ मिल रहे हैं। बीएसएनएल के अधिकारी जो रिटायर हो रहे हैं उनका कहना था कि प्रतिस्पर्धा के समय में निजी कंपनियों के टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी मेनपावर पर सिर्फ 5 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं जबकि बीएसएनएल का यह खर्चा 75 से 80 फीसदी तक पहुंच गया था ऐसे में बीएसएनल का चलना बहुत कठिन था उनका यह भी कहना है कि रिटायरमेंट के बाद में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी बीएसएल में रहेंगे इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग से बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को सेवा देगी जिसका फायदा भी कस्टमर को होगा।

सभी बाईट बीएसएनल के सेवानिवृत्त कर्मचारी


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