जयपुर. तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार के समय नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच जो खान आवंटन हुए थे, उन्हें लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार सरकार की ओर से गठित 3 सदस्यीय कमेटी ने अपनी ने रिपोर्ट सौंप दी है. आईएएस सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित 3 सदस्य कमेटी ने अपनी रिपोर्ट इन खानों का आवंटन गलत माना है.
राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट लिखा गया है कि भाजपा सरकार के समय अफसरों ने आनन-फानन में चहेतों को खान आवंटन किया था. हालांकि इससे पहले लोकायुक्त भी खान आवंटन को गलत ठहरा चुके हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट पर अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ है. मौजूदा कमेटी ने 223 मामलों की रिपोर्ट खनन कारोबारियों को भेज दी है. इसके अलावा बाकी बचे 44 आवंटनों पर रिपोर्ट अभी भेजी जानी है.
गौरतलब है कि साल 2015 में खान आवंटन घूसकांड में निलंबित चल रहे तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव IAS अशोक सिंघवी की गिरफ्तारी के बाद इस मामले ने प्रदेश में जमकर तूल पकड़ा था. उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस पार्टी लगातार खान आवंटन के मुद्दे पर तत्कालीन भाजपा सरकार को घेरती रही थी. इससे पहले ईडी की जांच में सामने आया कि नवंबर 2014 से जनवरी 2015 में 600 खानों का आवंटन नियम विपरीत हुआ है.
पढ़ेंः सचिन पायलट को मंच से नीचे उतारने का मामला गरमाया, आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर कही ये बात...
सितंबर, 2015 में जब एसीबी ने खान विभाग में चल रहे घूस के खेल को उजागर किया तो कई अधिकारी इसकी जद में आए. एसीबी ने चित्तौड़गढ़ में बंद पड़ी 6 खानों को चालू करने की एवज में 22 करोड़ की डील का तब खुलासा करते हुए दलाल को ढ़ाई करोड़ की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसीबी ने तत्कालीन प्रमुख सचिव खान अशोक सिंघवी, खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत, माइनिंग इंजीनियर पीआर आमेटा सहित कई खान कारोबारियों और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था.