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भारत बंद का असर, प्रदेशभर की 247 मंडियों में रहा कामकाज बंद

कृषि कानून के विरोध में देशभर के किसान 12 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. इसी के तहत किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया था. जिसका साफ असर जयपुर की मंडियों में दिखा. प्रदेश की 247 मंडियों में कामकाज बंद रहा.

जयपुर की मंडियां बंद, markets of Jaipur closed
प्रदेश की 247 मंडियों में रहा कामकाज बंद
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Published : Dec 8, 2020, 2:26 PM IST

जयपुर. किसान आंदोलन और भारत बंद का असर प्रदेश की मंडियों में भी देखने को मिला. जयपुर समेत प्रदेश की 247 मंडियों में भारत बंद के चलते कामकाज ठप रहा. दरअसल राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से बंद का समर्थन किया गया है और संघ का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों से जुड़ा जो कानून है वह किसान विरोधी है.

प्रदेश की 247 मंडियों में रहा कामकाज बंद

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि इन कृषि कानून का विरोध प्रदेश का मंडी कारोबारी शुरू से ही कर रहा है. इसे लेकर पहले भी मंडी कारोबारियों की ओर से 5 दिन मंडियां बंद की गई थी, लेकिन अब देशभर के किसान भी इस बिल के विरोध में उतर गए हैं तो ऐसे में मंडी कारोबारी भी उनका समर्थन कर रहे हैं. इसी के तहत प्रदेश में आज भारत बंद के दौरान 247 मंडियों में कामकाज बंद रहा.

पढ़ेंः सचिन पायलट से मिले गोविंद डोटासरा, कांग्रेस की नई टीम को लेकर कही ये बात

जयपुर की सबसे बड़ी अनाज मंडी कुकर खेड़ा मे भी बंद का असर देखने को मिला. मंडी में लगभग सभी कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध किया. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि केंद्र सरकार के इस बिल के विरोध में मंडी कारोबारी आगे भी अपना विरोध दर्ज कराता रहेगा.

इसके साथ ही कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो किसानों के साथ जुड़ कर इस आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा. जिससे केंद्र सरकार तक किसानों और कारोबारियों की आवाज पहुंच सके. राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने यह भी कहा कि महज कुछ चुनिंदा कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार यह किसान विरोधी कानून लेकर आई है.

जयपुर. किसान आंदोलन और भारत बंद का असर प्रदेश की मंडियों में भी देखने को मिला. जयपुर समेत प्रदेश की 247 मंडियों में भारत बंद के चलते कामकाज ठप रहा. दरअसल राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से बंद का समर्थन किया गया है और संघ का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों से जुड़ा जो कानून है वह किसान विरोधी है.

प्रदेश की 247 मंडियों में रहा कामकाज बंद

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि इन कृषि कानून का विरोध प्रदेश का मंडी कारोबारी शुरू से ही कर रहा है. इसे लेकर पहले भी मंडी कारोबारियों की ओर से 5 दिन मंडियां बंद की गई थी, लेकिन अब देशभर के किसान भी इस बिल के विरोध में उतर गए हैं तो ऐसे में मंडी कारोबारी भी उनका समर्थन कर रहे हैं. इसी के तहत प्रदेश में आज भारत बंद के दौरान 247 मंडियों में कामकाज बंद रहा.

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जयपुर की सबसे बड़ी अनाज मंडी कुकर खेड़ा मे भी बंद का असर देखने को मिला. मंडी में लगभग सभी कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध किया. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि केंद्र सरकार के इस बिल के विरोध में मंडी कारोबारी आगे भी अपना विरोध दर्ज कराता रहेगा.

इसके साथ ही कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो किसानों के साथ जुड़ कर इस आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा. जिससे केंद्र सरकार तक किसानों और कारोबारियों की आवाज पहुंच सके. राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने यह भी कहा कि महज कुछ चुनिंदा कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार यह किसान विरोधी कानून लेकर आई है.

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