जयपुर. प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. राजधानी जयपुर भी इससे अछूती नहीं है, यहां भी संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है. संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन हर से मुस्तैद है और इसे रोकने का प्रयास भी किया जा रहा है. बढ़ते कोरोना के चलते अब माइक्रो कंटेनमेंट जोन में भी बढ़ोतरी हो रही है. जिला प्रशासन अब तक शहर में 213 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना चुका है.
जयपुर जिला प्रशासन कलेक्टर अंतर सिंह मेहरा के नेतृत्व में लगातार कोरोना को रोकने का प्रयास कर रहा है. जिला प्रशासन की ओर से जयपुर शहर में 23 इंसिडेंट कमांडर लगाए हुए हैं और उन्हें कोरोना संक्रमण रोकने और माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित करने की जिम्मेदारी दी हुई है. इसके साथ ही मेडिकल टीम और पुलिस की टीम भी साथ में काम कर रही है, जहां भी 5 या 5 से अधिक कोरोना संक्रमित मिलते हैं, उसे माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाता है. ऐसे मामले कम सामने आ रहे थे और अब जिला प्रशासन 2 या 2 से अधिक संक्रमित मरीज मिलने के बाद माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर रहा है. जिला कलेक्टर लगातार बैठक भी कर रहे हैं, ताकि कोरोना का संक्रमण रोका जा सके. माइक्रो कंटेनमेंट जोन में लोगों के आने-जाने पर पूरी पाबंदी रहेगी. मेडिकल टीम पीड़ित लोगों को दवाई पहुंचाएगी.
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कलेक्टर नेहरा ने कहा कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने की प्रक्रिया सतत प्रक्रिया है, इसमें से कुछ माइक्रो कंटेनमेंट जोन कम होते जाएंगे और कुछ बढ़ते जाएंगे. बुधवार तक जिला प्रशासन ने शहर में 213 कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिए हैं. माइक्रो कंटेनमेंट जोन की अलग गाइड लाइन है उसकी पूरी तरह से पालना की जा रही है. बीट कांस्टेबल और होमगार्ड के जवानों की ओर से माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर नजर रखी जा रही है.
माइक्रो कंटेनमेंट जोन के उल्लंघन के सवाल पर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि लोगों को भी इसकी जिम्मेदारी समझनी होगी, इसका उल्लंघन नहीं करें. लोगों से समझाइश भी की जा रही है. माइक्रो कंटेनमेंट जोन में काफी हद तक लोग अपने घरों में ही रह रहे हैं. अंतर सिंह नेहरा ने लोगों से अपील की है कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोग कोविड गाइड लाइन की पालना करे और बाहर निकल कर दूसरों का जीवन खतरे में नहीं डालें.