ETV Bharat / city

SPECIAL: सरकार की वादाखिलाफी से परेशान होटल संचालक, गहराया आर्थिक संकट

अजमेर में कोरोना के मद्देनजर प्रशासन द्वारा 19 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए थे. प्रशासन ने जिले भर के होटल और समारोह स्थलों का अधिग्रहण किया था. जिसमें लोगों को अलग-अलग श्रेणी के हिसाब से रखा गया, जिनमें डॉक्टर, नर्सेज और आम लोग शामिल थे. होटलों और समारोह स्थलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में तब्दील करने के बाद उन्हें सर्वसुविधा युक्त बनाया गया. इस मामले में होटल संचालकों की शिकायत है कि अभी तक उन्हें इसका भुगतान नहीं किया गया है.

author img

By

Published : Aug 17, 2020, 11:05 PM IST

ajmer news, etv bharat hindi news
होटलों का नहीं हुआ सरकारी भुगतान

अजमेर. जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बाद प्रशासन द्वारा जगह-जगह क्वॉरेंटाइन सेंटरों को स्थापित किया गया था. जिसमें संदिग्ध लोगों को और बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा था. 22 मार्च को देश के प्रधानमंत्री द्वारा जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया था. उसके बाद प्रशासन ने मुस्तैदी से कई होटलों का अधिग्रहण कर लिया. इसके अलावा कई समारोह स्थलों को भी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अधिग्रहण किया गया. लगभग 2 से 3 महीनों तक होटलों और समारोह स्थलों का अधिग्रहण किया गया था. जिसमें लोगों को अलग-अलग श्रेणी के हिसाब से रखा गया, जिनमें डॉक्टर, नर्सेज और आम लोग शामिल थे.

होटलों का नहीं हुआ सरकारी भुगतान

उनकी देखरेख के लिए चिकित्सकों को टीम को भी वहां लगाया जाता था. ऐसे में खाने की बात की जाए तो उसकी व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई थी. क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रहने वाले लोगों की प्रशासन की ओर से फूड पैकेट उपलब्ध करवाए जाते थे. होटल द्वारा केवल लोगों रहने की सुविधा दी गई थी, जिसमें एक कमरे में एक ही व्यक्ति को रखना तय किया गया था.

ajmer news, etv bharat hindi news
अजमेर में स्थित एक होटल का दृश्य

अब तक नहीं किया गया भुगतान...

होटल संचालकों की मानें तो राजस्थान सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप प्रशासन द्वारा उनके होटल्स का अधिग्रहण किया गया था. लेकिन इसमें भी राजस्थान सरकार द्वारा जिलास्तर पर एक कमेटी गठित की गई थी, जिन्हें तय करना था कि किस होटल को या समारोह स्थल को कितने मापदंडों के अनुसार भुगतान करना है. अब ऐसे में अजमेर में कुछ होटलों को नॉन एसी रूम 500 और एसी रूम 700 रुपए में तय किया गया था.

उधर, एक होटल संचालक अमित के अनुसार पहले यह तय किया गया था कि एक रूम का 230 रुपए किराया लिया जाएगा. लेकिन होटल संचालकों यूनियन द्वारा इसे सिरे से खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद सरकार द्वारा रेट को बढ़ाया गया. लेकिन लगभग 2 महीने तक होटल के अधिग्रहण के बाद संचालकों द्वारा बिल तो भेज दिया गया, लेकिन अभी तक उन्हें प्रशासन द्वारा भुगतान नहीं किया गया है.

पढ़ेंः अलवर: 171 नए कोरोना पॉजिटिव आए सामने, कुल संख्या पहुंची 5816

क्वॉरेंटाइन सेंटर खत्म करने के बाद होटलों और समारोह स्थल संचालकों ने राहत की सांस ली है. चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग कोरोना काल के बीच होटलों और समारोह स्थलों का अधिग्रहण किया गया था. अगर मापदंड की बात की जाए तो केवल क्वॉरेंटाइन सेंटर लोगों के रुकने के लिए ही बनाया गया था. बाकी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाती थी.

पढ़ेंः भीलवाड़ा में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, 113 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या हुई 1482

यहां तक कि खाने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा ही मुहैया कराई जाती थी. इसके अलावा कई जगह पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए थे. जिनमें मुख्य रूप से रेल म्यूजियम, कायड़ विश्राम स्थली, जयपुर रोड स्थित पैराडिजो गार्डन, होटल रमाडा, होटल एंबेसी, होटल केसी इन, होटल सिद्धार्थ और होटल मानसिंह जैसी कई मुख्य जगह थी. जिन्हें कोरोना काल के बीच क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया था. लेकिन हाल फिलहाल अभी मौजूदा समय में एक भी क्वॉरेंटाइन सेंटर प्रशासन द्वारा नहीं बनाया गया है.

अब सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर को खत्म कर दिया गया...

जिले में लगभग 19 क्वॉरेंटाइन सेंटर संचालित हैं. लगभग 10 होटल क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए प्रशासन द्वारा अधिग्रहित की गई थी. जिसमें पुष्कर और किशनगढ़ के होटल भी इसमें शामिल हैं. इसके अलावा 9 समारोह स्थलों को प्रशासन द्वारा अधिग्रहित किया गया. जिसमें अजमेर जिले के ब्यावर में 1, नसीराबाद में 1, केकड़ी में 2, और किशनगढ़ में 2 समारोह स्थलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया. इसके अलावा लगभग ग्राम पंचायतों की बात की जाए तो 15 सरकारी इमारतों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था. जिसमें बाहर से आने वाले माइग्रेंट लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा था.

करोड़ों रुपए का नहीं हुआ भुगतान...

बता दें कि समारोह स्थल और क्वॉरेंटाइन सेंटर को लगभग करोड़ों रुपए का भुगतान अब तक सरकार द्वारा नहीं किया गया है. हालांकि क्वॉरेंटाइन सेंटर्स 2 महीनों के लिए अधिग्रहण किए गए थे. उसके बावजूद होटल संचालकों द्वारा प्रशासन को बिल भेज दिए गए हैं. लेकिन अब तक उन्हें भुगतान नहीं मिल पाया है.

अजमेर. जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बाद प्रशासन द्वारा जगह-जगह क्वॉरेंटाइन सेंटरों को स्थापित किया गया था. जिसमें संदिग्ध लोगों को और बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा था. 22 मार्च को देश के प्रधानमंत्री द्वारा जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया था. उसके बाद प्रशासन ने मुस्तैदी से कई होटलों का अधिग्रहण कर लिया. इसके अलावा कई समारोह स्थलों को भी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अधिग्रहण किया गया. लगभग 2 से 3 महीनों तक होटलों और समारोह स्थलों का अधिग्रहण किया गया था. जिसमें लोगों को अलग-अलग श्रेणी के हिसाब से रखा गया, जिनमें डॉक्टर, नर्सेज और आम लोग शामिल थे.

होटलों का नहीं हुआ सरकारी भुगतान

उनकी देखरेख के लिए चिकित्सकों को टीम को भी वहां लगाया जाता था. ऐसे में खाने की बात की जाए तो उसकी व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई थी. क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रहने वाले लोगों की प्रशासन की ओर से फूड पैकेट उपलब्ध करवाए जाते थे. होटल द्वारा केवल लोगों रहने की सुविधा दी गई थी, जिसमें एक कमरे में एक ही व्यक्ति को रखना तय किया गया था.

ajmer news, etv bharat hindi news
अजमेर में स्थित एक होटल का दृश्य

अब तक नहीं किया गया भुगतान...

होटल संचालकों की मानें तो राजस्थान सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप प्रशासन द्वारा उनके होटल्स का अधिग्रहण किया गया था. लेकिन इसमें भी राजस्थान सरकार द्वारा जिलास्तर पर एक कमेटी गठित की गई थी, जिन्हें तय करना था कि किस होटल को या समारोह स्थल को कितने मापदंडों के अनुसार भुगतान करना है. अब ऐसे में अजमेर में कुछ होटलों को नॉन एसी रूम 500 और एसी रूम 700 रुपए में तय किया गया था.

उधर, एक होटल संचालक अमित के अनुसार पहले यह तय किया गया था कि एक रूम का 230 रुपए किराया लिया जाएगा. लेकिन होटल संचालकों यूनियन द्वारा इसे सिरे से खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद सरकार द्वारा रेट को बढ़ाया गया. लेकिन लगभग 2 महीने तक होटल के अधिग्रहण के बाद संचालकों द्वारा बिल तो भेज दिया गया, लेकिन अभी तक उन्हें प्रशासन द्वारा भुगतान नहीं किया गया है.

पढ़ेंः अलवर: 171 नए कोरोना पॉजिटिव आए सामने, कुल संख्या पहुंची 5816

क्वॉरेंटाइन सेंटर खत्म करने के बाद होटलों और समारोह स्थल संचालकों ने राहत की सांस ली है. चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग कोरोना काल के बीच होटलों और समारोह स्थलों का अधिग्रहण किया गया था. अगर मापदंड की बात की जाए तो केवल क्वॉरेंटाइन सेंटर लोगों के रुकने के लिए ही बनाया गया था. बाकी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाती थी.

पढ़ेंः भीलवाड़ा में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, 113 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या हुई 1482

यहां तक कि खाने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा ही मुहैया कराई जाती थी. इसके अलावा कई जगह पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए थे. जिनमें मुख्य रूप से रेल म्यूजियम, कायड़ विश्राम स्थली, जयपुर रोड स्थित पैराडिजो गार्डन, होटल रमाडा, होटल एंबेसी, होटल केसी इन, होटल सिद्धार्थ और होटल मानसिंह जैसी कई मुख्य जगह थी. जिन्हें कोरोना काल के बीच क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया था. लेकिन हाल फिलहाल अभी मौजूदा समय में एक भी क्वॉरेंटाइन सेंटर प्रशासन द्वारा नहीं बनाया गया है.

अब सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर को खत्म कर दिया गया...

जिले में लगभग 19 क्वॉरेंटाइन सेंटर संचालित हैं. लगभग 10 होटल क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए प्रशासन द्वारा अधिग्रहित की गई थी. जिसमें पुष्कर और किशनगढ़ के होटल भी इसमें शामिल हैं. इसके अलावा 9 समारोह स्थलों को प्रशासन द्वारा अधिग्रहित किया गया. जिसमें अजमेर जिले के ब्यावर में 1, नसीराबाद में 1, केकड़ी में 2, और किशनगढ़ में 2 समारोह स्थलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया. इसके अलावा लगभग ग्राम पंचायतों की बात की जाए तो 15 सरकारी इमारतों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था. जिसमें बाहर से आने वाले माइग्रेंट लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा था.

करोड़ों रुपए का नहीं हुआ भुगतान...

बता दें कि समारोह स्थल और क्वॉरेंटाइन सेंटर को लगभग करोड़ों रुपए का भुगतान अब तक सरकार द्वारा नहीं किया गया है. हालांकि क्वॉरेंटाइन सेंटर्स 2 महीनों के लिए अधिग्रहण किए गए थे. उसके बावजूद होटल संचालकों द्वारा प्रशासन को बिल भेज दिए गए हैं. लेकिन अब तक उन्हें भुगतान नहीं मिल पाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.