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अंबिकापुर: चार दिवारी के अंदर बीती 20 बरस की जिंदगी, अब गुजारेंगे बेहतर जीवन

अंबिकापुर केंद्रीय जेल से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 19 कैदियों को रिहा किया गया है. जानकारी के मुताबिक सभी कैदी कई संगीन जुर्म के आरोप में सजा काट रहे थे, जिनको 15 अगस्त के दिन जेल की चार दिवारी से आजादी मिली है. केंद्रीय जेल से रिहा हुए कैदियों के चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिली.

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अंबिकापुर: चार दिवारी के अंदर बीती 20 बरस की जिंदगी, अब गुजारेंगे बेहतर जीवन
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Published : Aug 16, 2020, 5:38 AM IST

अंबिकापुर: केंद्रीय जेल में बंद 19 कैदियों ने कभी नहीं सोचा होगा कि उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इतनी बड़ी खुशी मिलेगी. संगीन जुर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे इन कैदियों ने अपनी 15 से 20 बरस की जिंदगी जेल की चार दिवारियों के बीच ही गुजार दी, लेकिन अब ये आजाद हो गए हैं. वो भी सिर्फ इस लिए क्योंकि इन्होंने अपने जीवन में हुई उस एक गलती से सीख ली. जेल में रहते हुए भी अपने जीवन स्तर में सुधार लाया. जेल में इन कैदियों के बर्ताव से प्रभावित होकर जेल प्रबंधन ने इन्हें छोड़ने का फैसला लिया. कोर्ट ने भी इनकी बची हुई सजा को माफ कर दिया है.

अंबिकापुर केंद्रीय जेल से 19 कैदियों को रिहा किया गया

दरअसल, अंबिकापुर केंद्रीय जेल में बंद 19 कैदियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजाद कर दिया गया है. इनमें से ज्यादातर कैदी हत्या जैसे कई संगीन अपराधों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. जेल में रहने के दौरान कैदियों ने न सिर्फ अपना बर्ताव बेहतर रखा, बल्कि जेल में कई हुनर सीखकर काम भी किए. इस तरह उन्होंने अपनी जिंदगी के 15 से 20 साल जेल में ही बिता दिए. जेल से रिहा होने के बाद आज इन 19 कैदियों के चेहरे पर खुशी का ठिकाना ना था. गलतियों से तौबा करते हुए इन कैदियों ने अब अपनी बची हुई जिंदगी मेहनत मजदूरी और खेती बाड़ी कर बिताने का निर्णय लिया है.

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 19 कैदियों को रिहा किया गया
कोर्ट के अनुमोदन के बाद शासन का निर्णयकेंद्रीय जेल प्रबन्धन की माने तो आज जिन 19 कैदियों को रिहा किया गया है, उन्हें आजीवन जेल में रहना जरूरी था. जेल में कैदियों के चाल चलन को देखकर जिस कोर्ट से उन्हें सजा मिली थी. जेल प्रबन्धन ने उसी कोर्ट से अनुमोदन लिया. अनुमोदन के बाद प्रकरण बनाकर जेल मुख्यालय भेजा गया था. जेल मुख्यालय से उनके प्रकरण शासन को भेजे गए थे. यह देखा गया कि जेल से बाहर आने पर ये कंही दोबारा अपराध तो नहीं करेंगे. इसके बाद उन्हें रिहा किया गया है.

इन कैदियों को मिली आजादी
बता दें कि जिन कैदियों को जेल से रिहा किया गया है, उनमें रामधीन आ. मानसाय, राजकुमार आ. लांजा, रतना आ. सिधवा, विजकय पटेल आ. सुखदेव, सुखी राम आ. नईहर साय, रामा आ. तेजु, राजू आ. सोमारू, ठुप्पी आ. रंजन, मंगल साय आ. गेंदा, पारसनाथ आ. मधुराम, अनूप साय आ.छोटन, चित्रों राम आ. सुदर्शन, बहोरन आ. फगुआ, आनंद गुड़वा आ. मोहर साय, तुलसाय आ. सुखराम, धनेश्वर आ. दुहन, अशोक कुमार आ. गोरखनाथ, विन्ध्येश्वरी सिंह आ. परसुराम सिंह, कमलेश आ. बाबूलाल शामिल है. कैदियों को रिहा करने के साथ ही उनके खाते में 1 लाख 70 हजार 373 रुपए का पारिश्रमिक भी दिया गया है.

प्रदेश में सर्वाधिक 19 कैदी रिहा
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रदेशभर से कुल 61 कैदियों को रिहा किया गया है. जेल प्रबन्धन की माने तो सर्वाधिक 19 कैदी अम्बिकापुर केंद्रीय जेल से रिहा किए गए हैं. बहरहाल अब देखना यह है कि जेल से बाहर आने के बाद ये कैदी अपनी गलतियों से सीख लेकर एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं या नहीं. ये आने वाला समय बताएगा.

अंबिकापुर: केंद्रीय जेल में बंद 19 कैदियों ने कभी नहीं सोचा होगा कि उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इतनी बड़ी खुशी मिलेगी. संगीन जुर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे इन कैदियों ने अपनी 15 से 20 बरस की जिंदगी जेल की चार दिवारियों के बीच ही गुजार दी, लेकिन अब ये आजाद हो गए हैं. वो भी सिर्फ इस लिए क्योंकि इन्होंने अपने जीवन में हुई उस एक गलती से सीख ली. जेल में रहते हुए भी अपने जीवन स्तर में सुधार लाया. जेल में इन कैदियों के बर्ताव से प्रभावित होकर जेल प्रबंधन ने इन्हें छोड़ने का फैसला लिया. कोर्ट ने भी इनकी बची हुई सजा को माफ कर दिया है.

अंबिकापुर केंद्रीय जेल से 19 कैदियों को रिहा किया गया

दरअसल, अंबिकापुर केंद्रीय जेल में बंद 19 कैदियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजाद कर दिया गया है. इनमें से ज्यादातर कैदी हत्या जैसे कई संगीन अपराधों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. जेल में रहने के दौरान कैदियों ने न सिर्फ अपना बर्ताव बेहतर रखा, बल्कि जेल में कई हुनर सीखकर काम भी किए. इस तरह उन्होंने अपनी जिंदगी के 15 से 20 साल जेल में ही बिता दिए. जेल से रिहा होने के बाद आज इन 19 कैदियों के चेहरे पर खुशी का ठिकाना ना था. गलतियों से तौबा करते हुए इन कैदियों ने अब अपनी बची हुई जिंदगी मेहनत मजदूरी और खेती बाड़ी कर बिताने का निर्णय लिया है.

Ambikapur Central Jail,  19 prisoners released,  joy in prisoners,  Independence Day,  life imprisonment sentence
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 19 कैदियों को रिहा किया गया
कोर्ट के अनुमोदन के बाद शासन का निर्णयकेंद्रीय जेल प्रबन्धन की माने तो आज जिन 19 कैदियों को रिहा किया गया है, उन्हें आजीवन जेल में रहना जरूरी था. जेल में कैदियों के चाल चलन को देखकर जिस कोर्ट से उन्हें सजा मिली थी. जेल प्रबन्धन ने उसी कोर्ट से अनुमोदन लिया. अनुमोदन के बाद प्रकरण बनाकर जेल मुख्यालय भेजा गया था. जेल मुख्यालय से उनके प्रकरण शासन को भेजे गए थे. यह देखा गया कि जेल से बाहर आने पर ये कंही दोबारा अपराध तो नहीं करेंगे. इसके बाद उन्हें रिहा किया गया है.

इन कैदियों को मिली आजादी
बता दें कि जिन कैदियों को जेल से रिहा किया गया है, उनमें रामधीन आ. मानसाय, राजकुमार आ. लांजा, रतना आ. सिधवा, विजकय पटेल आ. सुखदेव, सुखी राम आ. नईहर साय, रामा आ. तेजु, राजू आ. सोमारू, ठुप्पी आ. रंजन, मंगल साय आ. गेंदा, पारसनाथ आ. मधुराम, अनूप साय आ.छोटन, चित्रों राम आ. सुदर्शन, बहोरन आ. फगुआ, आनंद गुड़वा आ. मोहर साय, तुलसाय आ. सुखराम, धनेश्वर आ. दुहन, अशोक कुमार आ. गोरखनाथ, विन्ध्येश्वरी सिंह आ. परसुराम सिंह, कमलेश आ. बाबूलाल शामिल है. कैदियों को रिहा करने के साथ ही उनके खाते में 1 लाख 70 हजार 373 रुपए का पारिश्रमिक भी दिया गया है.

प्रदेश में सर्वाधिक 19 कैदी रिहा
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रदेशभर से कुल 61 कैदियों को रिहा किया गया है. जेल प्रबन्धन की माने तो सर्वाधिक 19 कैदी अम्बिकापुर केंद्रीय जेल से रिहा किए गए हैं. बहरहाल अब देखना यह है कि जेल से बाहर आने के बाद ये कैदी अपनी गलतियों से सीख लेकर एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं या नहीं. ये आने वाला समय बताएगा.

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