जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के आंकड़ों के बीच अब गहलोत सरकार ने अस्पतालों में अव्यवस्था ना हो और मरीजों को बेड सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो, इसको लेकर 19 अधिकारियों की निगरानी में कंट्रोल रूम तैयार किया है. जिसकी जिम्मेदारी 19 IPS, RAS और RPS को दी गई है. ये कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेगा.
गहलोत सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता कराने के लिए राज्य स्तरीय कोविड-19 नियंत्रण कक्ष (गृह) का गठन किया है. डीआईजी पुलिस और सीआईडी सीबी जयनारायण को नियंत्रण कक्ष का समन्वय प्रभारी बनाया गया है. जिसके लिए गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं. बता दें कि यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है. नियंत्रण कक्ष सूचना एवं प्रौद्योगिकी संचार विभाग के कॉन्फ्रेंस हॉल, भूतल, आईटी बिल्डिंग, सी-स्कीम तिलक मार्ग में कार्यरत रहेगा. राज्य सरकार ने इस साल पहली बार नियंत्रण कक्ष का गठन किया है. जिसके जरिए मरीजों को होने वाली असुविधा के लिए काम होगा.
यह भी पढ़ें. अलवर में डराने लगे कोरोना के आंकड़े...सख्ती के साथ नई गाइडलाइन जारी
इस नियंत्रण कक्ष के ये कार्य रहेंगे
कोविड-19 से संबंधित गतिविधियों के लिए जिला वार रूम और अन्य विभागों से समन्वय करेगा. वार रूम की दैनिक रिपोर्ट्स का अपडेट, अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता विभागों से समन्वय कर सुनिश्चित करवाना, कोविड-19 बेड की उपलब्धता अस्पतालों से समन्वय कर सुनिश्चित करवाना आदि है.
इन अफसरों की लगाई गई ड्यूटी
नियंत्रण कक्ष में 20 अधिकारी लगाए गए हैं. सभी अधिकारी IPS, RAS, RAS स्तर के अधिकारी हैं. रिपोर्ट प्रमुख शासन सचिव मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करेंगे. साथ में मुख्य सचिव गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव को भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. जयनारायण, मीनाक्षी मीणा, अलका विश्नोई, चेतराम सेवदा, रामेश्वर प्रसाद, अंशुमान भोमिया, हरिताभ कुमार आदित्य, करतार सिंह, शिव लाल बेरवा, सुरेंद्र सिंह सागर, डॉक्टर रवि, सोमदत्त दीक्षित, मोहन सिंह, विजय पाल सिंह, अश्वनी अत्रे, सत्येंद्र सिंह, सुरेंद्र यादव, आकाश रंजन, गोविंद देथा रामअवतार सोनी को लगाया गया है.
यह भी पढ़ें. Corona Update: राजस्थान में कोरोना के 15,398 नए मामले आए सामने, 64 मौत...कुल आंकड़ा 4,83,273
पिछले साल भी किया गया था नियंत्रण कक्ष का गठन
राज्य सरकार ने पिछले वर्ष भी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए नियंत्रण कक्ष गठन किया था. जिसमें आईएएस, आईपीएस और RAS अफसरों की ड्यूटी लगाई गई थी. नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम करता था. जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए. राज्य सरकार ने इस वर्ष पहली बार नियंत्रण कक्ष का गठन किया है.