जयपुर. सन् 1860 का बॉक्स कैमरा, जिसको राजधानी जयपुर की प्रसिद्ध इमारत हवा महल के बाहर फोटोग्राफर टिकम चंद पहाड़ियां 35 साल से चला रहे हैं. टिकम चंद ने बताया कि की 159 साल पुराने इस कैमरे को तीसरी पीढ़ी चला रही है. टिकम के मुताबिक ये बॉक्स कैमरा उनको दादाजी की विरासत में मिला है. जिसको तीसरी पीढ़ी चला रही है, साथ ही कैमरा से ही इनका गुजारा होता है.
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लकड़ी से बना ये 20 किलो का कैमरा लकड़ी के ही एक ट्राइपॉड पर पत्थरों के सहारे टिका है. इसके फोटो के लिए जो केमिकल इस्तेमाल होते है वो फ्रांस, जर्मनी और यूके से आते है. बॉक्स कैमरा में आज भी नेगेटिव और पॉजिटिव ब्लैक एंड वाइट फोटो निकाली जाती है. टिकम चंद ने बताया कि इस कैमरा से 5 मिनिट में फोटो निकल जाता है.
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अपने पूर्वजों की निशानियां को सहेज कर रखना बड़ी बात है. टीकम चंद ने ऐसा किया. उन्होंने बदलते समय के साथ इस कैमरे को धरोहर के तौर पर संजोकर रखा. उनका कैमरा बहुत पुराना है, लगभग 159 साल पुराना है, जो 1860 में किसी समय निर्मित हुआ था. इसमें जर्मनी में कार्ल जीस द्वारा निर्मित लैंस है. टीकम अपने दम पर सभी मरम्मत का ख्याल रखता है.