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'वंदे भारत मिशन' के तहत कुवैत से 174 प्रवासी राजस्थानी पहुंचे जयपुर - modi government news

केंद्र सरकार के 'वंदे भारत मिशन' के तहत गुरुवार को 174 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे. इस समय वंदे भारत मिशन का तीसरा चरण चल रहा है, जिसमें विदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों को वापस लाया जा रहा है. यह चरण 29 जून तक जारी रहेगा.

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कुवैत से 174 प्रवासी पहुंचे जयपुर
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Published : Jun 25, 2020, 9:59 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासियों को अब वापस राजस्थान लाया जा रहा है, जिसके तहत गुरुवार को 174 राजस्थानी प्रवासियों को जयपुर लाया गया. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम की ओर से मेडिकल चेकअप भी किया गया. वहीं, इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासी राजस्थानियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया.

कुवैत से 174 प्रवासी पहुंचे जयपुर

जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत आने वाले सभी प्रवासी राजस्थानियों की एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं, पुलिस का जाप्ता भी एयरपोर्ट पर तैनात कर रखा है. ऐसे में पुलिस निगरानी के बीच ही सभी यात्रियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. सभी यात्रियों को सात दिन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. उसके बाद उन्हें सात दिन की होम क्वॉरेंटाइन में भी रखा जाएगा.

यह भी पढ़ेंः वंदे भारत मिशन के तहत 3 फ्लाइट्स से 460 प्रवासी पहुंचे जयपुर

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि, अब विदेशों से आने वाले प्रवासी राजस्थानियों को उनके गृह जिलों या उनके संभाग में भी क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इसी के चलते इस फ्लाइट में उदयपुर संभाग के सभी प्रवासियों को उदयपुर में ही क्वॉरेंटाइन किया गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सभी उदयपुर के प्रवासियों को उदयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त की निगरानी में बसों के माध्यम से जयपुर से कोटा भी भेजा गया है.

गुरुवार देर रात एक और फ्लाइट आएगी जयपुर

वहीं एयरपोर्ट से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि, देर रात को एक और फ्लाइट यूक्रेन की राजधानी से जयपुर पहुंचेगी, जिसमें करीब 145 प्रवासी राजस्थानियों को जयपुर लाया जा रहा है. वहीं सभी यात्रियों के जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और उनका मेडिकल चेकअप किया जाएगा. उसके बाद सभी को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भी भिजवाया जाएगा.

एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सेनेटाइज

वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सेनेटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है, जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लियरेंस कराया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः देश में राशन वितरण में पहले पायदान पर राजस्थान, गेहूं वितरण की स्थिति दूसरे राज्यों से कई बेहतर

सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लियरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लियरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है.

वहीं, राज्य सरकार के तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई श्रेणी के लिए चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है, उनका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है. जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं, टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासियों को अब वापस राजस्थान लाया जा रहा है, जिसके तहत गुरुवार को 174 राजस्थानी प्रवासियों को जयपुर लाया गया. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम की ओर से मेडिकल चेकअप भी किया गया. वहीं, इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासी राजस्थानियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया.

कुवैत से 174 प्रवासी पहुंचे जयपुर

जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत आने वाले सभी प्रवासी राजस्थानियों की एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं, पुलिस का जाप्ता भी एयरपोर्ट पर तैनात कर रखा है. ऐसे में पुलिस निगरानी के बीच ही सभी यात्रियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. सभी यात्रियों को सात दिन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. उसके बाद उन्हें सात दिन की होम क्वॉरेंटाइन में भी रखा जाएगा.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि, अब विदेशों से आने वाले प्रवासी राजस्थानियों को उनके गृह जिलों या उनके संभाग में भी क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इसी के चलते इस फ्लाइट में उदयपुर संभाग के सभी प्रवासियों को उदयपुर में ही क्वॉरेंटाइन किया गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सभी उदयपुर के प्रवासियों को उदयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त की निगरानी में बसों के माध्यम से जयपुर से कोटा भी भेजा गया है.

गुरुवार देर रात एक और फ्लाइट आएगी जयपुर

वहीं एयरपोर्ट से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि, देर रात को एक और फ्लाइट यूक्रेन की राजधानी से जयपुर पहुंचेगी, जिसमें करीब 145 प्रवासी राजस्थानियों को जयपुर लाया जा रहा है. वहीं सभी यात्रियों के जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और उनका मेडिकल चेकअप किया जाएगा. उसके बाद सभी को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भी भिजवाया जाएगा.

एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सेनेटाइज

वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सेनेटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है, जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लियरेंस कराया जा रहा है.

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सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लियरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लियरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है.

वहीं, राज्य सरकार के तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई श्रेणी के लिए चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है, उनका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है. जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं, टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.

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