जयपुर. प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती एलडीसी भर्ती परीक्षा 2018 का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के बदले नियमों से अब इस भर्ती से 1500 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं. एलडीसी भर्ती को लेकर 13 फरवरी तक दस्तावेज सत्यापन किया गया और बोर्ड की ओर से 14 फरवरी को अंतिम परिणाम जारी किया गया लेकिन, अंतिम परिणाम सिर्फ 11322 पदों पर ही जारी किया. जिससे कई अभ्यार्थी भर्ती से बाहर हो गए. जिससे अभ्यर्थियों में आक्रोश है और इसको लेकर वे सोमवार को बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं.
14 फरवरी को अंतिम परिणाम जारी होने के साथ ही अब नया विवाद भर्ती से जुड़ गया है. बोर्ड की ओर से नियमों में बदलाव कर 500 पदों की संख्या कम कर दी गई, तो वही एमबीसी के 4 फीसदी पदों को जनरल और ओबीसी से देने के चलते 400 से ज्यादा जनरल और ओबीसी के अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं. अब यह चयनित अभ्यर्थी दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं.
ये निकली थी भर्ती
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 18 अप्रैल 2018 को 11255 पदों पर एलडीसी भर्ती की विज्ञप्ति निकाली. उसके बाद बोर्ड ने 1 मार्च 2019 को संशोधित विज्ञप्ति निकालते हुए पदों को बढ़ाते हुए 12456 पद कर दिए. लेकिन, एमबीसी आरक्षण के चलते पदों में तीसरी बार संशोधन करते हुए 12906 पद कर दिए और इन पदों पर करीब 14 लाख अभ्यार्थीयों ने आवेदन किया था.
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12 हजार 906 पदों के अनुसार तीन गुना अभ्यर्थी टाइपिंग के लिए चयनित हुए. इन्हीं में से दस्तावेज सत्यापन के लिए डेढ़ गुना अभ्यर्थियों का चयन हुआ. 23 दिसंबर से 7 फरवरी और 13 फरवरी तक दस्तावेज सत्यापन किए गए और 14 फरवरी को बोर्ड की ओर से अंतिम परिणाम जारी किया गया.
ऐसे हुए पद कम
दस्तावेज सत्यापन में 326 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे तो वहीं 132 लोगों के दस्तावेजों में कमी होने के चलते बाहर हो गए. इसके साथ ही टीएसपी क्षेत्र के लिए करीब 600 अभ्यर्थी कम रहे, जिसके बाद अंतिम परिणाम में इन पदों की संख्या कुल 12419 मानी गई.
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इसके साथ ही बोर्ड की ओर से 487 पदों पर अंतिम परिणाम जारी ही नहीं किया गया, जिसका बोर्ड अभी तक कोई जवाब नहीं दे रहा है. वहीं भर्ती में करीब 487 पद कम होने के साथ ही करीब 1000 पदों पर योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने से करीब 1500 से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं और यह अभ्यर्थी अब दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.