जयपुर. राजधानी जयपुर की लाइफलाइन कही जाने वाली मिनी बसें एक बार फिर से राजधानी जयपुर में संचालित होना शुरू हो गई है, लेकिन शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चल रही 15 साल से पुरानी कबाड़ा मिनी बसों को अब परिवहन विभाग बंद भी करने जा रहा है. इन बसों को अब विभाग की ओर से दोबारा फिटनेस कराने पर परमिट नहीं दिया जाएगा. बता दें कि परिवहन विभाग के द्वारा शुरुआती जांच में 2200 मिनी बसों में से 260 बसें को नोटिस देकर जवाब भी मांगा गया है.
विभाग के आंकड़ों की मानें तो करीब 260 बसें राजधानी जयपुर में गैरकानूनी तरीके से चल रही है, जो कि 15 साल से पुरानी हो गई है. इन्हें अब आरटीओ की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है. इसके बाद इनके परमिट भी निरस्त कर दिए जाएंगे. हालांकि इन बसों को लॉकडाउन से पहले ही 15 साल पूरे हो गए थे. लब इन बसों को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद परिवहन सेवा बंद कर दी गई थी.
ऐसे में बसों को बंद करने की कार्रवाई भी रोक दी गई थी. इसके बाद एक बार फिर परिवहन विभाग की ओर से उन बस मालिकों को नोटिस भी जारी किया गया है और अब वापस से बसों का संचालन शुरू हुआ तो कंडम बसों को सड़क से हटाने की कार्रवाई की जा रही है. यह कार्रवाई एनजीटी के आदेश के तहत की जाती है.
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एनजीटी ने प्रदूषण कम करने के लिए जयपुर सहित पांच शहरों से 15 साल पुराने वाहनों को हटाने के आदेश दे रखा है, लेकिन मिनी बस यूनियंस की मानें तो मिनी बस यूनियन ने कुछ दिन पूर्व ही परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास से 15 साल से ज्यादा पुरानी बसों को 1 साल तक चलाने की मांग की है. हालांकि अब देखने वाली बात यह होगी कि मंत्री इन बसों को चलने की अनुमति देंगे या इन पर कार्रवाई की जाएगी.