जयपुर. डीजल से चलने वाले वाहनों को लेकर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. अब राजधानी के शहरी क्षेत्र में 15 साल पुराने डीजल के वाहन नहीं चल सकेंगे. जिला कलेक्टर ने अधिसूचना जारी करते हुए डीजल के वाहनों पर पाबंदी लगा दी. ऐसे वाहनों को शहर से एनओसी लेकर जाना पड़ेगा.
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने बताया कि अब ऐसे वाहनों का यहां ना तो रजिस्ट्रेशन होगा और ना ही री-रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा. 15 साल पुराने डीजल वाहनों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. जिला कलेक्टर ने इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी. कलेक्टर ने कहा कि एनजीटी और प्रदेश सरकार के आदेशों की पालना में यह अधिसूचना जारी की गई है.
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कलेक्टर ने कहा कि एनजीटी का भी आदेश था कि जयपुर शहर में 15 साल पुरानी वाहनों को नहीं चलाया जाए. इसके चलते अब जयपुर शहर में पेट्रोल के वाहन ही चल सकेंगे. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देश के 102 शहरों में प्रदूषण नियंत्रण के आदेश दिए थे. इन शहरों में राजस्थान के 5 शहर शामिल थे. जिनमें अलवर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा शामिल हैं. इन शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति राष्ट्रीय मानकों की तुलना में अत्यंत चिंताजनक होने के कारण इन्हें नॉन अटेनमेंट सिटी (non attainment cities) की संज्ञा दी गई है.
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राज्य के 5 शहरों अलवर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर कोटा की स्थानीय निकाय क्षेत्र में डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा, टैंपो के पंजीयन पर रोक और 15 साल पुराने डीजल व्यावसायिक वाहनों के संचालन को प्रतिबंध व चरणबद्ध तरीके से बाहर करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. 15 वर्ष पुराने डीजल चालित सभी व्यावसायिक वाहनों के संचालन को प्रतिबंधित तथा फेस आउट करने के लिए पुनः पंजीयन, दूसरे जिले के वाहनों का स्वामित्व अंतरण, दूसरे राज्यों के वाहनों का समनुदेशन तथा अनुज्ञा पत्र जारी करने, नवीकरण हस्तांतरण करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने के लिए जिला कलेक्टर ने परिवहन विभाग को आदेश भी दिया है कि वे जिला और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के माध्यम से कार्यवाही कराएं. यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है. इस तरह से जयपुर शहर के नगर निगम क्षेत्र हेरिटेज और ग्रेटर की सीमाओं में डीजल से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.