जयपुर. प्रदेश में अक्सर यह खबरें सुनाई देती थी कि कांग्रेस का कार्यकर्ता सरकार में आने के बाद राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए सरकार में अपनी हिस्सेदारी चाहता है. लेकिन अब हालात यह हो गए हैं कि सरकार में हिस्सेदारी की जगह अब कार्यकर्ता संगठन में अपने लिए जगह मांग रहा है, लेकिन वह भी उसे 71 दिन से नहीं मिली है. वह भी एक दो कार्यकर्ता नहीं बल्कि करीब 15 हजार कार्यकर्ता.
राजस्थान में कांग्रेस संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन हुए गोविंद सिंह डोटासरा को 71 दिन हो गए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि कांग्रेस पार्टी में इतने लंबे समय तक प्रदेश में कांग्रेस केवल एक सेनापति के भरोसे रही हो. कांग्रेस पार्टी के सेनापति यानी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो गोविंद डोटासरा को 71 दिन हो गए हैं, लेकिन उनके पास सेना के नाम पर आज एक भी पदाधिकारी नहीं है.
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डोटासरा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भंग कर दी थी कार्यकारिणी
गोविंद सिंह डोटासरा के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ ही प्रदेश, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी. ऐसे में आज की तारीख में राजस्थान में ना तो कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में कोई नेता है, ना जिला कार्यकारिणी और ना ही ब्लॉक कार्यकारिणी में. ऐसे में प्रदेश के करीब 15 हजार कांग्रेसी ऐसे हैं, जो टकटकी लगाकर यह इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें अपने सेनापति गोविंद सिंह डोटासरा की टीम में शामिल होने का मौका मिलेगा.
15 हजार कार्यकर्ता कर रहे इंतजार
बता दें, प्रदेश में कुल 400 ब्लॉक हैं. हर ब्लॉक में कम से कम 30 की कार्यकारिणी होती है, ऐसे में यह संख्या करीब 12 हजार हो जाती है. इसी तरीके से जिला कार्यकारिणी की बात करें तो 39 जिलों में करीब 50 की कार्यकारिणी कम से कम बनती है, तो ऐसे में यह संख्या 2000 के पार हो जाती है. वहीं, प्रदेश कार्यकारिणी अलग से बनेगी ऐसे में यह संख्या करीब 15 हजार के आसपास हो जाती है.
घोषणा में लग सकता है समय
वहीं, इसके अलावा सभी प्रकोष्ठ और विभाग भी कांग्रेस पार्टी ने भंग कर दिए हैं. ऐसे में आज पूरे प्रदेश में करीब 15 हजार कांग्रेसी कार्यकर्ता 71 दिनों से यह इंतजार कर रहा है कि उसका नंबर कब आएगा. हालांकि, अभी भी इसमें समय लगता हुआ दिखाई दे रहा है क्योंकि अभी प्रदेश में पंचायत चुनाव होने हैं. उसके साथ ही 10 अक्टूबर तक प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को कृषि बिलों के विरोध में धरने प्रदर्शन भी करने हैं.
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ऐसे में अपना नाम नहीं आने पर कोई भी गुट नाराज नहीं हो और इन प्रदर्शनों को कार्यकारिणी में आने का आधार बनाकर कांग्रेस अपने प्रदर्शनों को सफल बनाना चाहती है. माना जा रहा है कि कार्यकारिणी की घोषणा में अभी समय लग सकता है.