जयपुर. बिजली संकट से जूझ रहे राजस्थान के लिए अब एक राहत भरी खबर है. पिछले 1 सप्ताह के दौरान प्रदेश की 3 तापीय विद्युत इकाइयों में बिजली उत्पादन शुरू कर 1455 मेगावाट विद्युत का उत्पादन बढ़ाया गया है. वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल दिल्ली में केंद्रीय कोयला सचिव ऊर्जा सचिव से मुलाकात कर बिजली संकट के समाधान में जुटे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर दिल्ली गए डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार से मुलाकात कर प्रदेश के मौजूदा बिजली संकट के हालातों पर प्रकाश डाला. साथ ही कोयले की आपूर्ति की कमी (Coal crisis in Rajasthan) को जल्दी समाधान कराने को भी कहा. अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने विश्वास दिलाया है कि कोल ऑल इंडिया जल्द ही पर्याप्त मात्रा में कोयले की आपूर्ति शुरू कर देगी. अग्रवाल ने इस दौरान राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम परसा ईस्ट और कांता बासन के दूसरे में 1136 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
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इस तरह बढ़ा प्रदेश में बिजली का उत्पादन
13 अक्टूबर को सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह की यूनिट साथ में 660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन शुरू किया गया. इससे पहले 11 अक्टूबर को कोटा तापीय विद्युत गृह की यूनिट 6 में 195 मेगावाट और कालीसिंध तापीय विद्युत गृह की यूनिट 2 में 600 मेगावाट उत्पादन शुरू हो गया है. प्रदेश में 13 अक्टूबर को बिजली की 9916 मेगावाट उपलब्धता रही. जबकि 10790.33 मेगावाट औसत मांग और 12779 मेगावाट अधिकतम मांग रही. बता दें कि राज्य में 200 लाख 92 हजार यूनिट सोलर एनर्जी और 32 लाख 15 हजार यूनिट पवन ऊर्जा उत्पादन हो रहा है.