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जयपुर बम ब्लास्ट: जहां बहती है अमन और चैन की गंगा, वहां बह रहा था निर्दोषों का खून - बाटला हाउस एनकाउंटर

आतंकवादियों ने जयपुर के दिल (चारदीवारी) पर 13 मई, 2008 के दिन हमला करते हुए छलनी-छलनी कर दिया था. ब्लास्ट के चश्मदीद इसके बाद के मंजर को याद करके आज भी सिहर जाते हैं. इस बलास्ट के चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है पर उन्हें फांसी पर लटकाया नहीं गया है. ऐसे में जयपुरवासी इंसाफ मिलने का इंतजार आज तक कर रहे हैं.

राजस्थान न्यूज, Jaipur serial bomb blast
जयपुर सीरियल बम बलास्ट के 12 साल पूरे
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Published : May 13, 2020, 11:55 AM IST

Updated : May 13, 2020, 3:47 PM IST

जयपुर. 13 मई, ये वो तारीख है, जिसे राजधानी के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे. इस दिन के साथ जयपुर की कुछ ऐसी कड़वी यादें जुड़ी हैं, जिन्हें याद कर आज भी हर कोई सहम उठता है. साल 2008 में आज ही के दिन जयपुर में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे.

जयपुर सीरियल बम बलास्ट के 12 साल पूरे

दहशतगर्दों द्वारा अंजाम दी गई इस नापाक हरकत को आज पूरे 12 साल हो गए हैं. आतंकवादियों ने जयपुर के दिल (चारदीवारी) पर हमला करते हुए छलनी-छलनी कर दिया था. 'पधारो म्हारे देश' की परंपरा का निर्वहन करने वाले जयपुर को इन 'बिन बुलाए मेहमानों' ने ऐसा दर्द दिया, जिसे आज भी भुला पाना मुश्किल है. इंसानियत को शर्मसार करने वाले इन दहशतगर्दों की नफरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पहला निशाना भगवान के भक्तों को ही बनाया.

पहला बलास्ट सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के बाहर हुआ. मंदिर के बाहर खड़े 14 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. हालांकि संतोष की बात ये रही कि मंदिर के अंदर मौजूद सभी भक्त सुरक्षित रहे. इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़, माणक चौक पुलिस स्टेशन इलाका, कोतवाली इलाके और त्रिपोलिया बाजार में धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में 71 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, वहीं 150 लोग घायल हुए थे.

यह भी पढ़ें. जयपुर ब्लास्ट: जब तक दोषियों को नहीं होगी फांसी, तब तक हरे रहेंगे जख्म..

इस सीरियल बम ब्लास्ट (Jaipur Serial Bomb Blast) के चार गुनहगारों को विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर, 2019 को फांसी की सजा सुनाई. सीरियल बम ब्लास्ट करने वाले चारों आरोपियों मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सरवर आजमी और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान को 11 साल 7 महीने और 7 दिन बाद फांसी की सजा दी गई.

हालांकि, आरोपियों को अदालत ने फांसी की सजा तो सुना दी, लेकिन उन्हें लटकाया जाना अभी बाकी है. शहर वासियों को आज भी न्याय का इंतजार है, क्योंकि अभी तक अभियुक्तों को मिली सजा के खिलाफ उनकी अपील हाईकोर्ट में लंबित है. राज्य सरकार ने भी सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में 'डेथ रेफरेंस' पेश कर रखा है.

गौरतलब है कि विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त मोहम्मद सैफ को माणक चौक थाने के पास, सैफुर्रहमान को फूलों के खंदे में, सलमान को सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास और अभियुक्त सरवर आजमी को चांदपोल हनुमान मंदिर के पास बम रखने का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.

यह भी पढ़ें. PM मोदी के आर्थिक पैकेज की घोषणा पर CM गहलोत का ट्वीट, कहा- देर आए, दुरुस्त आए

इन चारों अभियुक्तों के अलावा आरोपी साजिद बड़ा, मोहम्मद खालिद और शादाब फरार चल रहे हैं. जबकि मामले का सरगना मोहम्मद आतिफ और छोटा साजिद बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं. जबकि आरिज उर्फ जुनैद, असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी और अहमद सिद्दी उर्फ यासीन भटकल जेल में बंद हैं.

जयपुर. 13 मई, ये वो तारीख है, जिसे राजधानी के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे. इस दिन के साथ जयपुर की कुछ ऐसी कड़वी यादें जुड़ी हैं, जिन्हें याद कर आज भी हर कोई सहम उठता है. साल 2008 में आज ही के दिन जयपुर में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे.

जयपुर सीरियल बम बलास्ट के 12 साल पूरे

दहशतगर्दों द्वारा अंजाम दी गई इस नापाक हरकत को आज पूरे 12 साल हो गए हैं. आतंकवादियों ने जयपुर के दिल (चारदीवारी) पर हमला करते हुए छलनी-छलनी कर दिया था. 'पधारो म्हारे देश' की परंपरा का निर्वहन करने वाले जयपुर को इन 'बिन बुलाए मेहमानों' ने ऐसा दर्द दिया, जिसे आज भी भुला पाना मुश्किल है. इंसानियत को शर्मसार करने वाले इन दहशतगर्दों की नफरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पहला निशाना भगवान के भक्तों को ही बनाया.

पहला बलास्ट सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के बाहर हुआ. मंदिर के बाहर खड़े 14 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. हालांकि संतोष की बात ये रही कि मंदिर के अंदर मौजूद सभी भक्त सुरक्षित रहे. इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़, माणक चौक पुलिस स्टेशन इलाका, कोतवाली इलाके और त्रिपोलिया बाजार में धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में 71 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, वहीं 150 लोग घायल हुए थे.

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इस सीरियल बम ब्लास्ट (Jaipur Serial Bomb Blast) के चार गुनहगारों को विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर, 2019 को फांसी की सजा सुनाई. सीरियल बम ब्लास्ट करने वाले चारों आरोपियों मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सरवर आजमी और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान को 11 साल 7 महीने और 7 दिन बाद फांसी की सजा दी गई.

हालांकि, आरोपियों को अदालत ने फांसी की सजा तो सुना दी, लेकिन उन्हें लटकाया जाना अभी बाकी है. शहर वासियों को आज भी न्याय का इंतजार है, क्योंकि अभी तक अभियुक्तों को मिली सजा के खिलाफ उनकी अपील हाईकोर्ट में लंबित है. राज्य सरकार ने भी सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में 'डेथ रेफरेंस' पेश कर रखा है.

गौरतलब है कि विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त मोहम्मद सैफ को माणक चौक थाने के पास, सैफुर्रहमान को फूलों के खंदे में, सलमान को सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास और अभियुक्त सरवर आजमी को चांदपोल हनुमान मंदिर के पास बम रखने का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.

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इन चारों अभियुक्तों के अलावा आरोपी साजिद बड़ा, मोहम्मद खालिद और शादाब फरार चल रहे हैं. जबकि मामले का सरगना मोहम्मद आतिफ और छोटा साजिद बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं. जबकि आरिज उर्फ जुनैद, असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी और अहमद सिद्दी उर्फ यासीन भटकल जेल में बंद हैं.

Last Updated : May 13, 2020, 3:47 PM IST
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