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बीकानेर : स्थानीय विधायक के साथ ग्रामीणों ने दिया धरना - Villagers strike with MLA

पंचायत राज के चुनाव को लेकर अब रणनीति बननी शुरू हो गई है. गांव की चौपाल से लेकर पंचायत समिति के मुख्यालय तक पंचायतराज के नेता सक्रिय हो गए हैं. वहीं पंचायतों के पुनर्गठन पुनर्सीमांकन और नई पंचायत समिति के मुख्यालय को लेकर भी विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं.

Villagers strike with MLA, बीकानेर न्यूज
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Published : Aug 20, 2019, 4:37 AM IST

बीकानेर. श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति के अंतर्गत नई पंचायत समिति के गठन में मुख्यालय को लेकर सोमवार को बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर स्थानीय विधायक कॉमरेड गिरधारी महिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने धरना दिया. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत समिति में नई पंचायत का गठन किया गया है. लेकिन उसका मुख्यालय ऐसे गांव को बना दिया गया, जिस पर पहुंचना संभव नहीं है और वो राजमार्ग से 12 किमी की दूरी पर है.

पढ़ें: कैंसर इलाज के नाम पर 12 करोड़ के क्लेम मामले में मानवाधिकार आयोग सख्त

स्थानीय विधायक कॉमरेड गिरधारी महिया ने कहा कि पंचायतों की पुनर्गठन का निर्णय स्वीकार्य है. इसका आबादी के मुताबिक पुनर्गठन होना भी आवश्यक है. लेकिन नई पंचायत मुख्यालय बनाते वक्त इस बात की भी जानकारी रखनी चाहिए कि इससे लोगों को कितना फायदा होगा और धरातल पर पंचायत समिति मुख्यालय गठन का लाभ मिल पाएगा या नहीं.

स्थानीय विधायक के साथ ग्रामीणों ने दिया धरना

पढ़ें: हम चाह लेते तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने देतेः शिवराज सिंह चौहान

श्रीडूंगरगढ़ में दूसरी पंचायत समिति के बनाने और उसका मुख्यालय अपनी गांव को करने के विरोध में विधायक ने कहा कि ये गांव सड़क से 12 किलोमीटर दूर है और ऐसे गांव में जाने का साधन भी आसानी से नहीं मिलता. इससे लोगों को फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर सड़क के किनारे किसी भी गांव को या फिर श्रीडूंगरगढ़ में ही दूसरी पंचायत समिति का मुख्यालय बना दिया जाए, इससे लोगों को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते हमारी बात नहीं मानी तो बीकानेर के साथ ही जरूरत पड़ने पर जयपुर में भी बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

बीकानेर. श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति के अंतर्गत नई पंचायत समिति के गठन में मुख्यालय को लेकर सोमवार को बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर स्थानीय विधायक कॉमरेड गिरधारी महिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने धरना दिया. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत समिति में नई पंचायत का गठन किया गया है. लेकिन उसका मुख्यालय ऐसे गांव को बना दिया गया, जिस पर पहुंचना संभव नहीं है और वो राजमार्ग से 12 किमी की दूरी पर है.

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स्थानीय विधायक कॉमरेड गिरधारी महिया ने कहा कि पंचायतों की पुनर्गठन का निर्णय स्वीकार्य है. इसका आबादी के मुताबिक पुनर्गठन होना भी आवश्यक है. लेकिन नई पंचायत मुख्यालय बनाते वक्त इस बात की भी जानकारी रखनी चाहिए कि इससे लोगों को कितना फायदा होगा और धरातल पर पंचायत समिति मुख्यालय गठन का लाभ मिल पाएगा या नहीं.

स्थानीय विधायक के साथ ग्रामीणों ने दिया धरना

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श्रीडूंगरगढ़ में दूसरी पंचायत समिति के बनाने और उसका मुख्यालय अपनी गांव को करने के विरोध में विधायक ने कहा कि ये गांव सड़क से 12 किलोमीटर दूर है और ऐसे गांव में जाने का साधन भी आसानी से नहीं मिलता. इससे लोगों को फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर सड़क के किनारे किसी भी गांव को या फिर श्रीडूंगरगढ़ में ही दूसरी पंचायत समिति का मुख्यालय बना दिया जाए, इससे लोगों को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते हमारी बात नहीं मानी तो बीकानेर के साथ ही जरूरत पड़ने पर जयपुर में भी बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

Intro:पंचायत राज के चुनावों को लेकर अब रणनीति बननी शुरू हो गई है गांव की चौपाल से लेकर पंचायत समिति के मुख्यालय तक पंचायतराज के नेता सक्रिय हो गए हैं। तो वहीं कहीं पंचायतों की पुनर्गठन पुनसीमांकन और नई पंचायत समिति के मुख्यालय को लेकर भी विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं।


Body:बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति में नई पंचायत समिति के गठन में मुख्यालय को लेकर सोमवार को बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर स्थानीय विधायक कॉमरेड गिरधारी महिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर धरना दिया। ग्रामीणों का कहना था कि पंचायत समिति में नई पंचायत का गठन किया गया है लेकिन उसका मुख्यालय ऐसे गांव को बना दिया गया जिस पर पहुंचना संभव नहीं है और वो राजमार्ग से 12 किमी की दूरी पर है। स्थानीय विधायक कॉमरेड गिरधारी महिया ने कहा कि पंचायतों की पुनर्गठन का निर्णय स्वीकार्य है और इसका आबादी के अनुसार पुनर्गठन होना भी आवश्यक है लेकिन नई पंचायत मुख्यालय बनाते वक्त इस बात की भी जानकारी रखनी चाहिए कि इससे लोगों को कितना फायदा होगा और धरातल पर पंचायत समिति मुख्यालय गठन का लाभ मिल पाएगा या नहीं।


Conclusion:श्रीडूंगरगढ़ में दूसरी पंचायत समिति के बनाने और उसका मुख्यालय अपनी गांव को करने के विरोध में विधायक ने कहा कि यह गांव सड़क से 12 किलोमीटर दूर है और ऐसे गांव में जाने का साधन भी आसानी से नहीं मिलता इससे लोगों को फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर सड़क के किनारे किसी भी गांव को या फिर श्रीडूंगरगढ़ में ही दूसरी पंचायत समिति का मुख्यालय बना दिया जाए तो इससे लोगों को फायदा मिलेगा उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते हमारी बात नहीं मानी तो बीकानेर के साथ ही जरूरत पड़ने पर जयपुर में भी बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।



नोट ......बाइट ली हुई थी लेकिन कैमरा बीच मे बन्द हो गया।
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