बीकानेर. छात्रसंघ चुनाव को लेकर जिले में उत्साह पूरे शबाब पर है. छात्रसंघ चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा संभाग के सबसे बड़े महाविद्यालय के रूप में पहचान रखने वाले डूंगर कॉलेज को लेकर होती है. राजनीति के बड़े नेता भी कॉलेज की राजनीति पर निगाहें रखते हैं और ऐसे में इस बार नागौर से सांसद और आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने डूंगर कॉलेज में मुकाबले को त्रिकोणीय कर दिया है.
दरअसल पिछले साल कॉलेज पर एनएसयूआई का कब्जा था और इस बार एबीवीपी ने पूरे दमखम के साथ एनएसयूआई को टक्कर देने के मूड में थी. लेकिन, इसी बीच चुनाव की नामांकन के दिन कॉलेज में निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देते हुए पूरे पैनल उतार दिया है. डूंगर कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और आरएलपी से जुड़े विजयपाल बेनीवाल ने कहा कि आरएलपी गरीब किसान की बात करती है. उन्होंने दावा किया कि इस बार हम मैदान में उतरे हैं और निश्चित रूप से बीकानेर में डूंगर कॉलेज में एक नया इतिहास लिखने की तैयारी कर रहे हैं.
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वहीं अब तक डूंगर कॉलेज पर काबिज एनएसयूआई एक बार छात्रावास बनाने के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में उतरने का मानस बनाया है. एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष रामनिवास कुकणा ने कहा कि पिछले साल भी हमने छात्रावास का वादा किया था. लेकिन, तब प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के चलते हमारी घोषणा पूरी नहीं हो पाई. लेकिन इस बार बीकानेर जिले से ही उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी प्रदेश की सरकार में है और इस बार एनएसयूआई अपने चुनावी वादे को पूरा करेगी.
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छात्र संघ के चुनाव पूरी तरह से जातीय रंग में रंगते हुए नजर आ रहे हैं. क्योंकि, एनएसयूआई, एबीवीपी और आरएलपी के समर्थित से मैदान में उतरे प्रत्याशी एक ही जाति से नाता रखते हैं. ऐसे में अब जहां आरएलपी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का दावा कर रही है तो वहीं एनएसयूआई फिर से डूंगर कॉलेज के चुनाव को जीतकर अपना कब्जा कायम रखना चाहती है. वहीं एबीवीपी इस बार दोनों ही दोनों को पछाड़कर चुनाव में जितना चाह रही है.