ETV Bharat / city

विशेष: बीकानेर का ये संग्रहालय भर देगा जज्बा, बताएगा कैसे हमारे पूर्वजों ने यातनाएं झेलकर दिलाई हमें आजादी

भारत आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार ने आने वाली पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कहानियां और उनके नायकों से परिचित करवाने के लिए एक नवाचार किया है. इसमें राज्य सरकार ने उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों को शामिल किया है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की कहानी जानने के लिए पढ़े पूरी खबर...

author img

By

Published : Aug 15, 2020, 4:56 PM IST

राजस्थान की खबर  74वां स्वतंत्रता दिवस  स्वतंत्रता संग्राम के नायक  bikaner news  rajasthan news  74th independence day  heroes of freedom struggle
स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की कहानी...

बीकानेर. स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में जश्न का माहौल है. देश की आजादी का महापर्व हर कोई उल्लास से मना रहा है, लेकिन इस आजादी को पाने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कितनी यातनाएं दुख झेला और कितने ही शहादत की बेदी पर खुद को न्यौछावर कर गए.

स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की कहानी...

आज भी आजादी के इतने साल बाद भी हमारी सरहदों को संभाल कर उसकी रक्षा करते हुए हमारे वीर सैनिक अपने प्राणों की परवाह नहीं करते. वीर सैनिक देश की रक्षा करते हुए शहादत को गले लगा रहे हैं. बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार ने आने वाली पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कहानियां और उनके नायकों से परिचित करवाने के लिए एक ऐसी पहल की है. जिससे आने वाली पीढ़ी आजादी के आंदोलन को महसूस कर सकेगी.

पढ़े: 74 वां स्वतंत्रता दिवसः मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

अभिलेखागार के निदेशक डॉ. महेंद्र खडगावत बताते हैं कि 1982 में राज्य सरकार ने तब जीवित स्वतंत्रता सेनानियों की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी यादों को संजोने के लिए एक टास्क दिया था. जिसके बाद अभिलेखागार ने उन सभी के संस्मरण उन्हीं की जुबानी रिकॉर्ड किए. खडगावत कहते हैं कि करीब 240 स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के सभी दस्तावेजों को अभिलेखागार से मिलान करने के बाद उनके संस्मरण को रिकॉर्ड किया गया और अब इसमें बीकानेर अंचल का काम बाकी है.

राजस्थान की खबर  74वां स्वतंत्रता दिवस  स्वतंत्रता संग्राम के नायक  bikaner news  rajasthan news  74th independence day  heroes of freedom struggle
74वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में जश्न का माहौल

पढ़ेः आजादी के 74 साल: भारत-पाक बंटवारे को लेकर शरणार्थियों ने बयां की दर्द भरी दास्तान...

बीकानेर स्थित अभिलेखागार में एक स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा बनाई गई है. जिसमें सभी स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो संस्मरण और उनके ऑडियो को पूरी तरह से लिपिबद्ध किया गया है. इसके साथ ही बीकानेर में एक अभिलेख म्यूजियम भी बनाया गया है. जिसका आने वाले समय में उद्घाटन किया जाएगा और इसमें आजादी से पहले अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने वाली रियासतों और प्रमुख युद्ध के साथ ही पुरंदर की संधि का असली दस्तावेज भी रखा गया है.

पढ़ेः बहावलपुर...जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है...वो कभी बीकानेर रियासत का हिस्सा हुआ करता था

उन्होंने कहा कि हम अक्सर ये सुनते है कि स्वतंत्रता हमें बड़ी मुश्किलों से मिली है, लेकिन किसी स्वतंत्रता सेनानी के खुद के अनुभव संस्मरण और उसकी परेशानियों को उन्हीं की जुबानी सुनने का मौका बहुत कम लोगों को मिला है. ऐसे में हर व्यक्ति तक इसकी पहुंच हो इसको लेकर हम पूरे रिकॉर्ड को लिपिबद्ध ऑनलाइन भी कर रहे हैं. खडगावत ने कहा कि अभिलेखागार एक पुस्तक भी निकाल रहा है जिसमें सभी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके संघर्षों के बारे में जिक्र है जो पहले ही दिवंगत हो गए या उनका संस्मरण रिकॉर्ड नहीं हो पाया है.

बीकानेर. स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में जश्न का माहौल है. देश की आजादी का महापर्व हर कोई उल्लास से मना रहा है, लेकिन इस आजादी को पाने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कितनी यातनाएं दुख झेला और कितने ही शहादत की बेदी पर खुद को न्यौछावर कर गए.

स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की कहानी...

आज भी आजादी के इतने साल बाद भी हमारी सरहदों को संभाल कर उसकी रक्षा करते हुए हमारे वीर सैनिक अपने प्राणों की परवाह नहीं करते. वीर सैनिक देश की रक्षा करते हुए शहादत को गले लगा रहे हैं. बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार ने आने वाली पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कहानियां और उनके नायकों से परिचित करवाने के लिए एक ऐसी पहल की है. जिससे आने वाली पीढ़ी आजादी के आंदोलन को महसूस कर सकेगी.

पढ़े: 74 वां स्वतंत्रता दिवसः मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

अभिलेखागार के निदेशक डॉ. महेंद्र खडगावत बताते हैं कि 1982 में राज्य सरकार ने तब जीवित स्वतंत्रता सेनानियों की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी यादों को संजोने के लिए एक टास्क दिया था. जिसके बाद अभिलेखागार ने उन सभी के संस्मरण उन्हीं की जुबानी रिकॉर्ड किए. खडगावत कहते हैं कि करीब 240 स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के सभी दस्तावेजों को अभिलेखागार से मिलान करने के बाद उनके संस्मरण को रिकॉर्ड किया गया और अब इसमें बीकानेर अंचल का काम बाकी है.

राजस्थान की खबर  74वां स्वतंत्रता दिवस  स्वतंत्रता संग्राम के नायक  bikaner news  rajasthan news  74th independence day  heroes of freedom struggle
74वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में जश्न का माहौल

पढ़ेः आजादी के 74 साल: भारत-पाक बंटवारे को लेकर शरणार्थियों ने बयां की दर्द भरी दास्तान...

बीकानेर स्थित अभिलेखागार में एक स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा बनाई गई है. जिसमें सभी स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो संस्मरण और उनके ऑडियो को पूरी तरह से लिपिबद्ध किया गया है. इसके साथ ही बीकानेर में एक अभिलेख म्यूजियम भी बनाया गया है. जिसका आने वाले समय में उद्घाटन किया जाएगा और इसमें आजादी से पहले अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने वाली रियासतों और प्रमुख युद्ध के साथ ही पुरंदर की संधि का असली दस्तावेज भी रखा गया है.

पढ़ेः बहावलपुर...जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है...वो कभी बीकानेर रियासत का हिस्सा हुआ करता था

उन्होंने कहा कि हम अक्सर ये सुनते है कि स्वतंत्रता हमें बड़ी मुश्किलों से मिली है, लेकिन किसी स्वतंत्रता सेनानी के खुद के अनुभव संस्मरण और उसकी परेशानियों को उन्हीं की जुबानी सुनने का मौका बहुत कम लोगों को मिला है. ऐसे में हर व्यक्ति तक इसकी पहुंच हो इसको लेकर हम पूरे रिकॉर्ड को लिपिबद्ध ऑनलाइन भी कर रहे हैं. खडगावत ने कहा कि अभिलेखागार एक पुस्तक भी निकाल रहा है जिसमें सभी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके संघर्षों के बारे में जिक्र है जो पहले ही दिवंगत हो गए या उनका संस्मरण रिकॉर्ड नहीं हो पाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.