बीकानेर. देश में महिलाओं को सम्मान और बराबरी का दर्जा देने के लिए लोग शास्त्रों का हवाला देते हुए कहते है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं. लेकिन जिस तरह से देश में लगातार महिलाओं के साथ उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो रही है. उससे तो कुछ और ही सामने आ रहा है.
दुष्कर्म होने के बाद निकालते हैं कैण्डल मार्च, फिर भूल जाते हैं लोग...
जब कोई बलात्कार जैसी घटना सामने आती है तो हम कैण्डल मार्च निकालते है और अपना आक्रोश जाहिर करते है. फिर कुछ दिनों बाद हम उस घटना को ठण्डे बस्ते में डालकर रख देते है और जब फिर से ऐसी कोई घटना सामने आती है तो फिर से हम यही सब दोहराते है. आखिर कब तक हम ऐसा करते रहेंगे. गंभीर विषय यह है कि क्या हम कभी किसी महिला को संकट देख कर उसकी मदद करते है या हम अपनी लाचारियों को सामने लाकर उससे दूर भाग जाते है.
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राजस्थान का बीकानेर संभाग भी नहीं है इससे अछूता
कुछ ऐसा ही मंजर राजस्थान के बीकानेर सहित पूरे बीकानेर संभाग में भी देखने को मिल रहा है. जहां महिलाओं के साथ हो रही बर्बरता बढ़ती ही जा रही है. बात करें पिछले 3 साल की तो बीकानेर संभाग में दहेज, हत्या, दुष्कर्म और महिला उत्पीड़न के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. बीकानेर के साथ ही हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरु जिले भी इसी श्रेणी में शामिल है.
वहीं, आंकड़ों की बात करें तो साल 2017 में बीकानेर संभाग में कुल 44 दहेज हत्या के प्रकरण दर्ज हुए. वहीं, साल 2018 में 33 और 2019 में नवंबर महीने तक कुल 55 प्रकरण दर्ज हुए हैं. इसके साथ ही दुष्कर्म के मामलों में 2017 में कुल 411, साल 2018 में 593 और 2019 में नवंबर महीने तक 779 प्रकरण सामने आए हैं. महिला उत्पीड़न के मामले में भी साल 2017 में 3016, साल 2018 में 3443 और साल 2019 में नवंबर माह तक कुल 5054 प्रकरण संभाग के विभिन्न थानों में दर्ज किए जा चुके हैं.
हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला सुरक्षा के मामले को गंभीरता से देखते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों पर परिवार की जांच की बजाय उन्हें सीधा एफआईआर के रूप में दर्ज करने से यह संख्या बढ़ी है. लेकिन बावजूद इसके पुलिस अधिकारी मानते हैं कि महिलाओं के साथ अन्य अपराधों में भी वृद्धि हुई है. बीकानेर शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन कुमार मीणा कहते है कि महिला अत्याचार के अलावा अन्य मामलों में भी वृद्धि हुई है, लेकिन महिला अत्याचार के मामलों में परिवार की बजाय सीधे एफआईआर दर्ज करना एक बड़ा कारण रहा है.
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दहेज सम्बन्धी मामला
- साल 2017 में बीकानेर में 20, श्रीगंगानगर में 11, हनुमानगढ़ में 7 व चूरू में 6
- साल 2018 में बीकानेर में 11, श्रीगंगानगर में 7, हनुमानगढ़ में 4 व चूरू में 11
- साल 2019 में बीकानेर में 10, श्रीगंगानगर में 13, हनुमानगढ़ में 19 व चूरू में 13
दुष्कर्म सम्बन्धी मामला
- साल 2017 में बीकानेर में 101, श्रीगंगानगर में 128, हनुमानगढ़ में 88 व चूरू में 94
- साल 2018 में बीकानेर में 130, श्रीगंगानगर में 179, हनुमानगढ़ में 149 व चूरू में 135
- साल 2019 में बीकानेर में 211, श्रीगंगानगर में 240, हनुमानगढ़ में 180 व चूरू में 148
महिला उत्पीड़न सम्बन्धी मामला
- साल 2017 में बीकानेर में 653, श्रीगंगानगर में 1039, हनुमानगढ़ में 721 व चूरू में 630
- साल 2018 में बीकानेर में 644, श्रीगंगानगर में 1164, हनुमानगढ़ में 853 व चूरू में 782
- साल 2019 में बीकानेर में 1157, श्रीगंगानगर में 1679, हनुमानगढ़ में 1277 व चूरू में 901