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बीकानेर संभाग में महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के मामले बढ़े, देखें स्पेशल रिपोर्ट... - महिलाओं के साथ बर्बरता

पिछले कुछ सालों में देश में महिला उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के साथ ही दुष्कर्म जैसी घटनाओं ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. जिससे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इन सबके बीच बीकानेर की बात करें तो बीकानेर जिले सहित पूरे संभाग में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और अत्याचार के मामलों में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है. आइए नजर डालते है इन आंकड़ों पर...

Bikaner news, बीकानेर की खबर
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Published : Dec 22, 2019, 8:32 PM IST

बीकानेर. देश में महिलाओं को सम्मान और बराबरी का दर्जा देने के लिए लोग शास्त्रों का हवाला देते हुए कहते है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं. लेकिन जिस तरह से देश में लगातार महिलाओं के साथ उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो रही है. उससे तो कुछ और ही सामने आ रहा है.

दुष्कर्म होने के बाद निकालते हैं कैण्डल मार्च, फिर भूल जाते हैं लोग...

जब कोई बलात्कार जैसी घटना सामने आती है तो हम कैण्डल मार्च निकालते है और अपना आक्रोश जाहिर करते है. फिर कुछ दिनों बाद हम उस घटना को ठण्डे बस्ते में डालकर रख देते है और जब फिर से ऐसी कोई घटना सामने आती है तो फिर से हम यही सब दोहराते है. आखिर कब तक हम ऐसा करते रहेंगे. गंभीर विषय यह है कि क्या हम कभी किसी महिला को संकट देख कर उसकी मदद करते है या हम अपनी लाचारियों को सामने लाकर उससे दूर भाग जाते है.

महिलाओं के साथ बढ़ता अत्याचार

पढ़ें- बीकानेर में CAA के विरोध और समर्थन में निकली रैली

राजस्थान का बीकानेर संभाग भी नहीं है इससे अछूता

कुछ ऐसा ही मंजर राजस्थान के बीकानेर सहित पूरे बीकानेर संभाग में भी देखने को मिल रहा है. जहां महिलाओं के साथ हो रही बर्बरता बढ़ती ही जा रही है. बात करें पिछले 3 साल की तो बीकानेर संभाग में दहेज, हत्या, दुष्कर्म और महिला उत्पीड़न के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. बीकानेर के साथ ही हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरु जिले भी इसी श्रेणी में शामिल है.

वहीं, आंकड़ों की बात करें तो साल 2017 में बीकानेर संभाग में कुल 44 दहेज हत्या के प्रकरण दर्ज हुए. वहीं, साल 2018 में 33 और 2019 में नवंबर महीने तक कुल 55 प्रकरण दर्ज हुए हैं. इसके साथ ही दुष्कर्म के मामलों में 2017 में कुल 411, साल 2018 में 593 और 2019 में नवंबर महीने तक 779 प्रकरण सामने आए हैं. महिला उत्पीड़न के मामले में भी साल 2017 में 3016, साल 2018 में 3443 और साल 2019 में नवंबर माह तक कुल 5054 प्रकरण संभाग के विभिन्न थानों में दर्ज किए जा चुके हैं.

हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला सुरक्षा के मामले को गंभीरता से देखते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों पर परिवार की जांच की बजाय उन्हें सीधा एफआईआर के रूप में दर्ज करने से यह संख्या बढ़ी है. लेकिन बावजूद इसके पुलिस अधिकारी मानते हैं कि महिलाओं के साथ अन्य अपराधों में भी वृद्धि हुई है. बीकानेर शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन कुमार मीणा कहते है कि महिला अत्याचार के अलावा अन्य मामलों में भी वृद्धि हुई है, लेकिन महिला अत्याचार के मामलों में परिवार की बजाय सीधे एफआईआर दर्ज करना एक बड़ा कारण रहा है.

पढ़ें- बाल सुधार गृह से पांच बाल अपचारी हुए फरार, जिले में करवाई नाकाबंदी

दहेज सम्बन्धी मामला

  • साल 2017 में बीकानेर में 20, श्रीगंगानगर में 11, हनुमानगढ़ में 7 व चूरू में 6
  • साल 2018 में बीकानेर में 11, श्रीगंगानगर में 7, हनुमानगढ़ में 4 व चूरू में 11
  • साल 2019 में बीकानेर में 10, श्रीगंगानगर में 13, हनुमानगढ़ में 19 व चूरू में 13

दुष्कर्म सम्बन्धी मामला

  • साल 2017 में बीकानेर में 101, श्रीगंगानगर में 128, हनुमानगढ़ में 88 व चूरू में 94
  • साल 2018 में बीकानेर में 130, श्रीगंगानगर में 179, हनुमानगढ़ में 149 व चूरू में 135
  • साल 2019 में बीकानेर में 211, श्रीगंगानगर में 240, हनुमानगढ़ में 180 व चूरू में 148

महिला उत्पीड़न सम्बन्धी मामला

  • साल 2017 में बीकानेर में 653, श्रीगंगानगर में 1039, हनुमानगढ़ में 721 व चूरू में 630
  • साल 2018 में बीकानेर में 644, श्रीगंगानगर में 1164, हनुमानगढ़ में 853 व चूरू में 782
  • साल 2019 में बीकानेर में 1157, श्रीगंगानगर में 1679, हनुमानगढ़ में 1277 व चूरू में 901

बीकानेर. देश में महिलाओं को सम्मान और बराबरी का दर्जा देने के लिए लोग शास्त्रों का हवाला देते हुए कहते है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं. लेकिन जिस तरह से देश में लगातार महिलाओं के साथ उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो रही है. उससे तो कुछ और ही सामने आ रहा है.

दुष्कर्म होने के बाद निकालते हैं कैण्डल मार्च, फिर भूल जाते हैं लोग...

जब कोई बलात्कार जैसी घटना सामने आती है तो हम कैण्डल मार्च निकालते है और अपना आक्रोश जाहिर करते है. फिर कुछ दिनों बाद हम उस घटना को ठण्डे बस्ते में डालकर रख देते है और जब फिर से ऐसी कोई घटना सामने आती है तो फिर से हम यही सब दोहराते है. आखिर कब तक हम ऐसा करते रहेंगे. गंभीर विषय यह है कि क्या हम कभी किसी महिला को संकट देख कर उसकी मदद करते है या हम अपनी लाचारियों को सामने लाकर उससे दूर भाग जाते है.

महिलाओं के साथ बढ़ता अत्याचार

पढ़ें- बीकानेर में CAA के विरोध और समर्थन में निकली रैली

राजस्थान का बीकानेर संभाग भी नहीं है इससे अछूता

कुछ ऐसा ही मंजर राजस्थान के बीकानेर सहित पूरे बीकानेर संभाग में भी देखने को मिल रहा है. जहां महिलाओं के साथ हो रही बर्बरता बढ़ती ही जा रही है. बात करें पिछले 3 साल की तो बीकानेर संभाग में दहेज, हत्या, दुष्कर्म और महिला उत्पीड़न के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. बीकानेर के साथ ही हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरु जिले भी इसी श्रेणी में शामिल है.

वहीं, आंकड़ों की बात करें तो साल 2017 में बीकानेर संभाग में कुल 44 दहेज हत्या के प्रकरण दर्ज हुए. वहीं, साल 2018 में 33 और 2019 में नवंबर महीने तक कुल 55 प्रकरण दर्ज हुए हैं. इसके साथ ही दुष्कर्म के मामलों में 2017 में कुल 411, साल 2018 में 593 और 2019 में नवंबर महीने तक 779 प्रकरण सामने आए हैं. महिला उत्पीड़न के मामले में भी साल 2017 में 3016, साल 2018 में 3443 और साल 2019 में नवंबर माह तक कुल 5054 प्रकरण संभाग के विभिन्न थानों में दर्ज किए जा चुके हैं.

हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला सुरक्षा के मामले को गंभीरता से देखते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों पर परिवार की जांच की बजाय उन्हें सीधा एफआईआर के रूप में दर्ज करने से यह संख्या बढ़ी है. लेकिन बावजूद इसके पुलिस अधिकारी मानते हैं कि महिलाओं के साथ अन्य अपराधों में भी वृद्धि हुई है. बीकानेर शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन कुमार मीणा कहते है कि महिला अत्याचार के अलावा अन्य मामलों में भी वृद्धि हुई है, लेकिन महिला अत्याचार के मामलों में परिवार की बजाय सीधे एफआईआर दर्ज करना एक बड़ा कारण रहा है.

पढ़ें- बाल सुधार गृह से पांच बाल अपचारी हुए फरार, जिले में करवाई नाकाबंदी

दहेज सम्बन्धी मामला

  • साल 2017 में बीकानेर में 20, श्रीगंगानगर में 11, हनुमानगढ़ में 7 व चूरू में 6
  • साल 2018 में बीकानेर में 11, श्रीगंगानगर में 7, हनुमानगढ़ में 4 व चूरू में 11
  • साल 2019 में बीकानेर में 10, श्रीगंगानगर में 13, हनुमानगढ़ में 19 व चूरू में 13

दुष्कर्म सम्बन्धी मामला

  • साल 2017 में बीकानेर में 101, श्रीगंगानगर में 128, हनुमानगढ़ में 88 व चूरू में 94
  • साल 2018 में बीकानेर में 130, श्रीगंगानगर में 179, हनुमानगढ़ में 149 व चूरू में 135
  • साल 2019 में बीकानेर में 211, श्रीगंगानगर में 240, हनुमानगढ़ में 180 व चूरू में 148

महिला उत्पीड़न सम्बन्धी मामला

  • साल 2017 में बीकानेर में 653, श्रीगंगानगर में 1039, हनुमानगढ़ में 721 व चूरू में 630
  • साल 2018 में बीकानेर में 644, श्रीगंगानगर में 1164, हनुमानगढ़ में 853 व चूरू में 782
  • साल 2019 में बीकानेर में 1157, श्रीगंगानगर में 1679, हनुमानगढ़ में 1277 व चूरू में 901
Intro:पिछले सालों में देश में महिला उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के साथ ही दुष्कर्म जैसी घटनाओं ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। निर्भया के दोषियों को फांसी देने की मांग भी पूरे देश में हो रही है लेकिन इन सबके बीच बात करें बीकानेर की तो बीकानेर जिले सहित पूरे संभाग में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और अत्याचार के मामलों में खासा वृद्धि देखने को मिल रही है देखिए खास रिपोर्ट।


Body:बीकानेर। देश की आधी आबादी को कहने को तो खूब सम्मान और बराबरी का दर्जा देने की बातें की जाती है शास्त्रों का हवाला देते हुए यहां तक भी कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। लेकिन जिस तरह से देश में लगातार महिलाओं के साथ उत्पीड़न दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही है से साफ पता चलता है कि महिलाओं को लेकर देश में किस तरह की सोच बनी हुई है। हालांकि सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ ही सामाजिक संस्थाओं में भी लगातार इसको लेकर कैंपेन चलाया है साथी महिला सुरक्षा को लेकर समय-समय पर आयोजन भी होते नजर आते हैं। बावजूद इसके महिला सुरक्षा के मामले में चूक और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। कुछ ऐसी ही बानगी बीकानेर सहित बीकानेर संभाग में भी देखने को मिल रही है। बात करें पिछले 3 सालों की तो बीकानेर संभाग में दहेज हत्या दुष्कर्म और महिला उत्पीड़न के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। बीकानेर के साथ ही हनुमानगढ़ गंगानगर चूरु जिले भी इसी श्रेणी में शामिल है।

वर्ष 2017 में बीकानेर संभाग में कुल 44 दहेज हत्या के प्रकरण दर्ज हुए तो वहीं वर्ष 2018 में 33 और वर्ष 2019 में नवंबर माह तक कुल 55 प्रकरण दर्ज हुए हैं वहीं दुष्कर्म के मामलों में कुल 411 मामले वर्ष 2017 में दर्ज की गई तो वहीं वर्ष 2018 में यह बढ़कर 593 पर पहुंच गए और वर्ष 2019 में नवंबर तक 700 779 प्रकरण सामने आए हैं। महिला उत्पीड़न के मामले में भी कुछ ऐसी ही बांधी है पिछले 3 सालों में तुलनात्मक रूप से बात करें तो वर्ष 2017 में 3016 वर्ष 2018 में 3443 और वर्ष 2019 में नवंबर माह तक कुल 5056 प्रकरण महिला उत्पीड़न के संभाग के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं।







Conclusion:हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला सुरक्षा के मामले को गंभीरता से देखते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों के परिवार पर जांच की बजाय उन्हें सीधा एफ आई आर के रूप में दर्ज करने से यह संख्या बढ़ी है लेकिन बावजूद इसके पुलिस अधिकारी मानते हैं कि महिलाओं के साथ ही अन्य अपराधों में भी वृद्धि हुई है। बीकानेर शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन कुमार मीणा कहते हैं कि महिला अत्याचार के अलावा अन्य मामलों में भी वृद्धि हुई है लेकिन महिला अत्याचार के मामलों में परिवार की बजाय सीधा एफ आई आर दर्ज करना भी एक बड़ा कारण रहा है।

दहेज मामले 2017 2018 2019
बीकानेर 20 11 10
श्रीगंगानगर 11 7 13
हनुमानगढ़ 7 4 19
चुरू 6 11 13
कुल 44 33 55



दुष्कर्म मामले 2017 2018 2019
बीकानेर 101 130 211
श्रीगंगानगर 128 179 240
हनुमानगढ़ 88 149 180
चुरू 94 135 148
कुल 411 593 779




महिला उत्पीड़न मामले

2017 2018 2019
बीकानेर 653 644 1157
श्रीगंगानगर 1039 1164 1679
हनुमानगढ़ 721 853 1277
चुरू 630 782 901
कुल 3016 3447 5054

कुल मिलाकर यह कहना गलत नही होगा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को रोकने के लिए सख्त कानून बनने के बावजूद सामाजिक स्तर पर जागरूकता की कमी भी इस तरह के अपराधों की बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण है।







कृपया EXCCLUSIVE का tag लगाए कुछ शॉट्स महिलाओं के उत्पीड़न जैसे मामलों से सम्बंधित साथ जोड़कर VO डेस्क से करवाने का कष्ट करें।

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