बीकानेर. सीएम अशोक गहलोत ने तीसरे कार्यकाल का चौथा बजट राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Vidhansabha Session) में बुधवार को पेश कर दिया है. इस बजट में सीएम अशोक गहलोत की ओर से की गई घोषणाओं के बीच 2023 के विधानसभा चुनाव की झलकियां भी दिखाई दीं. बजट में सीएम गहलोत हर सेक्टर पर मेहरबान होते दिखाई दिए. सीएम गहलोत ने कई क्षेत्रों और पहलुओं को टच किया है.
गहलोत के बजट पेश करने के बाद बीकानेर के लोगों ने महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर अपनी बात (Reactions on Women safety and law and order) रखी है. भाजपा से जुड़े युवा जतिन सहल का कहना है कि बजट में महिला सुरक्षा को लेकर सरकार के पास कोई भी खास घोषणा नहीं है. कानून व्यवस्था नाम की तो राजस्थान में कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बजट में ऐसी कोई चीज नजर नहीं आई जिससे यह लगे कि सरकार इन दोनों पहलुओं पर कोई ध्यान दे रही है.
कांग्रेस से जुड़े पूर्व पार्षद गजानंद शर्मा का कहना था कि राजस्थान में कई जिलों में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. हाल ही में एक घटना को पुलिस ने इसी तर्ज पर रोका है. उन्होंने कहा कि बजट में हुई घोषणाओं से ही यह सब चीजें संभव हुई हैं और कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नजर आती है. अधिवक्ता अशोक भाटी कहते हैं कि लॉ एंड ऑर्डर नाम की चीज राजस्थान में है ही नहीं. हाल में जिस तरह से परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, उससे इस बात की पुष्टि होती है.
होटल में व्यवसायी रवि पुरोहित कहते हैं कि निश्चित रूप से बजट बहुत बेहतर है. उन्होंने कहा कि बजट में जिस तरह से महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर सरकार ने गंभीरता दिखाई है. यह उनके विजन में भी नजर आया है. अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के राज्य महासचिव डॉ. सीमा जैन कहती है कि बजट एक प्रक्रिया है और हर सरकार हर साल इसे पेश करती है. लेकिन धरातल पर ये कितना लागू होता है यह महत्वपूर्ण बात है.
उन्होंने कहा कि केवल अच्छा और बुरा कहने से ही काम नहीं होगा. बल्कि इस चीज को भी देखना होगा कि वाकई में जो घोषणा होती है वह धरातल पर उतर पाती है. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर सरकार बिल्कुल फेल है. इसलिए बजट में भी जो बातें हुई इन दोनों विषयों को लेकर वो अब तक धरातल पर नहीं है.