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बीकानेर: राज्य सरकार द्वारा घोषित नगर-निगम कमेटियों पर हाईकोर्ट की  रोक

बीकानेर नगर निगम में पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से घोषित कमेटियों पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगाने के बाद महापौर सुशीला कंवर ने इसे जनता की जीत बताया है.

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हाईकोर्ट ने कमेटियों पर लगाई रोक
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Published : Jul 22, 2020, 1:34 AM IST

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से पिछले दिनों घोषित की गई कमेटियों पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. नगर निगम में 17 कमेटियां राज्य सरकार ने घोषित की थी. जिसमें नगर निगम के पार्षदों को अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया था. लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार की ओर से घोषित इन कमेटियों को लेकर नगर निगम में भाजपा की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने आपत्ति जताई और न्यायालय की शरण ली.

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दरअसल, महापौर ने सरकार की ओर से घोषित कमेटियों को गलत ठहराया. क्योंकि वह पूर्व में ही नगर निगम में कमेटियां घोषित कर चुकी थी. लेकिन राज्य सरकार की ओर से महापौर की ओर से घोषित कमेटियों को समय के बाद घोषित होना बताते हुए राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने अपने स्तर पर इन कमेटियों को घोषित किया था. स्वायत्त शासन विभाग के तत्कालीन निदेशक उज्जवल राठौड़ की ओर से घोषित इन कमेटियों को लेकर महापौर सुशीला कंवर राजपूत ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने एक बार की महापौर को राहत देते हुए इन कमेटियों पर रोक लगा दी है.

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वहीं, हाईकोर्ट की ओर से रोक का फैसला आने के बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि, तत्कालीन निदेशक उज्जवल राठौड़ की ओर से राज्य सरकार के दबाव में लिए गए असंवैधानिक और षड्यंत्रकारी फैसले का यह करारा जवाब है. हमने कानूनी रूप से माननीय उच्च न्यायालय में अपनी बात रखी. उस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इस असंवैधानिक आदेश पर रोक लगा दी है. यह सत्य की जीत है और बीकानेर की आठ लाख जनता द्वारा चुनी गई सरकार की जीत है. बता दें कि, बीकानेर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है और राज्य में कांग्रेस की सरकार जिसके चलते नगर निगम में इस तरह के सियासी टकराव देखने को मिल रहे है.

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से पिछले दिनों घोषित की गई कमेटियों पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. नगर निगम में 17 कमेटियां राज्य सरकार ने घोषित की थी. जिसमें नगर निगम के पार्षदों को अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया था. लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार की ओर से घोषित इन कमेटियों को लेकर नगर निगम में भाजपा की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने आपत्ति जताई और न्यायालय की शरण ली.

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दरअसल, महापौर ने सरकार की ओर से घोषित कमेटियों को गलत ठहराया. क्योंकि वह पूर्व में ही नगर निगम में कमेटियां घोषित कर चुकी थी. लेकिन राज्य सरकार की ओर से महापौर की ओर से घोषित कमेटियों को समय के बाद घोषित होना बताते हुए राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने अपने स्तर पर इन कमेटियों को घोषित किया था. स्वायत्त शासन विभाग के तत्कालीन निदेशक उज्जवल राठौड़ की ओर से घोषित इन कमेटियों को लेकर महापौर सुशीला कंवर राजपूत ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने एक बार की महापौर को राहत देते हुए इन कमेटियों पर रोक लगा दी है.

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वहीं, हाईकोर्ट की ओर से रोक का फैसला आने के बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि, तत्कालीन निदेशक उज्जवल राठौड़ की ओर से राज्य सरकार के दबाव में लिए गए असंवैधानिक और षड्यंत्रकारी फैसले का यह करारा जवाब है. हमने कानूनी रूप से माननीय उच्च न्यायालय में अपनी बात रखी. उस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इस असंवैधानिक आदेश पर रोक लगा दी है. यह सत्य की जीत है और बीकानेर की आठ लाख जनता द्वारा चुनी गई सरकार की जीत है. बता दें कि, बीकानेर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है और राज्य में कांग्रेस की सरकार जिसके चलते नगर निगम में इस तरह के सियासी टकराव देखने को मिल रहे है.

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