बीकानेर. तेज तपिश वाली गर्मी हो या फिर बारिश आंधी तूफान या पारा जमा देने वाली वाली सर्दी. हर मौसम में दिन-रात देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवान निगहबान बनकर मुस्तैद रहते हैं. देश की रक्षा की खातिर जान की बाजी लगाने से नहीं चूकने वाले ये दुश्मन के नापाक इरादों को नेस्तानाबूत करते आए हैं. यही कारण है कि दुश्मन की आंख हमारी सीमाओं की और नहीं उठ पाती हैं. लेकिन कई बार सीमा पार से अवांछित गतिविधियों और पाकिस्तान के नापाक इरादों की कोशिश देखने को मिल जाती है.
पाक की नापाक करतूत और सीमा पार से होने वाली अवांछित गतिविधियों को रोकने के लिए अब बॉर्डर (Border area will be monitored through CCTV) सिक्योरिटी फोर्स यानी कि सीमा सुरक्षा बल कुछ नवाचार कर रहा है. इसके तहत अब तीसरी आंख यानी कि सीसीटीवी से नजर रहेगी. जिससे सीमाओं की सुरक्षा में किसी भी तरह से सेंध ना लग पाए. बीएसएफ के बीकानेर सेक्टर मुख्यालय में किए जा रहे इन नवाचारों में अब 'तीसरी आंख' यानी कि सीसीटीवी से नजर रहेगी. साथ ही पिछले कुछ दिनों में सामने आए ड्रोन से सीमा पार से तस्करी के मामलों के बाद बीएसएफ अब इसके तोड़ के लिए नए आइडिया पर विचार कर रहा है.
तीसरी आंख रखेगी नजरः बीएसएफ के बीकानेर सेक्टर मुख्यालय के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि बीकानेर सेक्टर मुख्यालय में अब बॉर्डर पर सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉलेशन का काम जारी है और इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीकानेर सेक्टर मुख्यालय के अधीन आने वाली 200 किलोमीटर दूर सीमा क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों को बीकानेर सेक्टर मुख्यालय से भी देखा जा सकेगा. यह काम अब अंतिम चरण में है.
दिखेगी और मुस्तैदीः 'तीसरी आंख' के जरिए अवांछित गतिविधियों पर और ज्यादा मुस्तैदी (New initiative by BSF to detect terror activities in Bikaner) हो सकेगी. डीआईजी ने कहा कि इसका नियंत्रण बीकानेर सेक्टर मुख्यालय से होगा और 24 घंटे अधिकारी और जवान सेक्टर मुख्यालय से इसकी मॉनिटरिंग करेंगे.
ड्रोन से तस्करी का निकाला तोड़ः डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि गंगानगर सेक्टर मुख्यालय में सीमा पार से ड्रोन से तस्करी के मामले सामने आए हैं. हालांकि बीकानेर में भी इस तरह की एक कोशिश हुई, लेकिन यह अभी तक कंफर्म नहीं हुआ कि क्या वाकई में ड्रोन से ही ऐसा कुछ करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि अवांछित गतिविधियों को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद है. इसी कड़ी में ड्रोन से होने वाली तस्करी को रोकने के लिए हाल ही में एक प्रयोग बीकानेर सेक्टर मुख्यालय में किया गया और उसके लिए डीजी मुख्यालय को भी सुझाव भेजा गया है.
उन्होंने बताया कि 12 बोर की पीएजी गन में अच्छी गुणवत्ता की बुलेट का इस्तेमाल करते हुए ड्रोन को नुकसान पहुंचाया जा सकता है और अवांछित गतिविधियों को रोका जा सकता है. उसके लिए एक प्रयोग बीकानेर में किया गया. राठौड़ ने बताया कि किसी भी तरह की तस्करी के लिए काम में लिए जाने वाला ड्रोन 400 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड़ सकता है और 12 बोर की पीएजी गनकी मारक क्षमता भी इस दूरी तक आराम से है. उससे निकलने वाले छर्रे ड्रोन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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सीमा क्षेत्र की सड़कों पर निगरानीः डीआईजी राठौड़ ने बताया कि सीमा क्षेत्र में अब सड़कों का विस्तार हो रहा है और भारतमाला सड़क के बनने के बाद जहां आम लोगों को और खास तौर से सीमा क्षेत्र में रहने वाले को इसका फायदा मिलेगा. वहीं तस्करी और अवांछित गतिविधियों से जुड़े लोग इसका गलत फायदा उठा सकते हैं. क्योंकि सीमा क्षेत्र से निकलने वाली कनेक्टिंग सड़कों से वे सीधे इन रास्तों के जरिए बाहर निकल सकते हैं. ऐसे में उनके नापाक इरादों को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस से संबंध रखते हुए कुछ जगह चेक पोस्ट बनाने के लिए काम शुरू किया गया है. साथ ही इन रास्तों पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर नजर रखी जाएगी. उन्होंने बताया कि इस योजना को लेकर प्रारंभिक स्तर पर चर्चा हो गई है और आने वाले दिनों में इस को धरातल पर लागू किया जाएगा.