बीकानेर. शहर के बीचों बीच से गुजरती रेल लाइन की समस्या बीकानेर (traffic at railway crossing in bikaner) के लिए सबसे बड़ा नासूर है. रेलवे फाटक बंद होने से लगने वाला कई घंटों का जाम, लोगों के लिए किसी कष्ट से कम नहीं है. हालांकि राजनीतिक पार्टियों के स्तर पर इस रेल फाटकों की समस्या के समाधान को लेकर दावें तो खूब हुए लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ. ऐसे में बीकानेर में संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन के प्रयासों से जिला प्रशासन ने इस समस्या के लिए एक वैकल्पिक रास्ता तैयार किया और कोटगेट-सांखला फाटक को वन वे कर दिया.
आम जनता को मिली जाम से मुक्ति: पूरे केईएम रोड को नो पार्किंग जोन घोषित करते हुए, किसी भी तरह के टू-व्हीलर को खड़ा करने पर भी रोक लगा दी गई. हालांकि प्रशासन के इस प्रयास को आम जनता बेहद कारगर बताते हुए सोशल मीडिया पर समर्थन कर रही है, तो वहीं केईएम रोड के व्यापारियों की भी अपनी एक अलग पीड़ा है. स्थानीय लोग प्रशासन के इस नवाचार से खुश नजर आ रहे हैं और उनका कहना है कि अब रेलवे फाटक के बंद होने के बावजूद भी जाम में नहीं फंसना पड़ता है. फाटक के खुलने के साथ ही आराम से रास्ता क्लियर मिलता है. स्थानीय नागरिक मनोज का कहना है कि प्रशासन को इस नवाचार के लिए जितना धन्यवाद दिया जाए उतना कम है.
व्यापारियों की पीड़ा ग्राहकी खत्म: वहीं केईएम रोड के व्यापारियों का कहना है कि हम प्रशासन के इस नवाचार के साथ हैं. निश्चित रूप से रेल फाटक की समस्या के समाधान को लेकर प्रशासन ने जो किया है उससे जाम से मुक्ति मिली है. लेकिन हमारी प्रशासन से मांग है (bikaner traders demand from administration) कि जो बाजार में खरीदारी करने के लिए ग्राहक आते हैं उनके टू-व्हीलर को दुकान के आगे खड़ा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. प्रशासन ने किसी भी तरह के वाहन को केएम रोड पर खड़ा करने की मनाही कर रखी है, जिससे चलते ग्राहक दुकान तक नहीं आ रहे हैं और इससे हमारी कमाई पूरी तरह से खत्म हो गई.
केएम रोड व्यापार मंडल के सचिव जतिन यादव कहते हैं कि हम प्रशासन के खिलाफ नहीं है लेकिन प्रशासन को हमारी भी सुननी पड़ेगी. प्रशासन ने इस नवाचार को केवल केईएम रोड तक सीमित कर दिया है जबकि रेलवे स्टेशन रोड कोटगेट और फड़ बाजार क्षेत्र में इस तरह का नियम लागू होना चाहिए. वहीं व्यापारी प्रेम खंडेलवाल का कहना है कि प्रशासन हमारी समस्या को सुने, हम समाधान के लिए तैयार हैं. भले ही दुकानदारों और दुकान में काम करने वाले व्यक्तियों की गाड़ी दुकान के आगे खड़ी नहीं हो, लेकिन ग्राहकों की गाड़ी को दुकान के आगे खड़ी करने की परमिशन प्रशासन को देनी चाहिए. इसके साथ ही प्रशासन ने दुकानदारों के वाहनों के लिए पार्किंग की जिस जगह को निर्धारित किया है, वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में अगर वहां से गाड़ी चोरी हो जाती है तो जिम्मेदारी कौन लेगा?
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बीकानेर का सबसे व्यस्त मार्ग है कि केईएम रोड: बीकानेर भौगोलिक दृष्टि से छोटा शहर है. शहरी क्षेत्र में व्यवासायिक दृष्टि से केईएम रोड सबसे बड़ा क्षेत्र है. यहां छोटे बड़े मिलाकर 100 से ज्यादा मार्केट और करीब 1000 दुकानें हैं. इन्हीं दुकानदारों के सामने इस बात की समस्या है कि प्रशासन के इस नवाचार से कोई भी ग्राहक गाड़ी को आधा एक किलोमीटर दूर पार्किंग करके दुकान नहीं आ रहा है और उनकी ग्राहकी 10 फीसदी रह गई है.
दुकानें बंद करके भी जताया विरोध: हालांकि प्रशासन के इस निर्णय के बाद व्यापारियों ने ग्राहकों की गाड़ी पार्किंग के लिए मांग की है और उसको लेकर सांकेतिक रूप से दुकानें बंद करके अपना विरोध भी जताया है. लेकिन प्रशासन से वार्ता के बाद भी अभी तक उसको लेकर कोई नतीजा नहीं निकला है. माना जा रहा है कि प्रशासन अभी ट्रायल मोड पर इस पूरे मामले को देख रहा है और दुकानदारों की मांगों पर खास ध्यान नहीं दे रहा है.