बीकानेर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री टीकाराम जूली (Tikaram Julie) सोमवार को देशनोक स्थित करणी माता मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए गहलोत के मंत्री ने कहा कि वे 2005 से देशनोक करणी माता मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं. जब भी नई जिम्मेदारी मिली है तो मैं दर्शन के लिए देशनोक आया हूं और यहां आकर सुकून मिलता है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मंत्री टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) का धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने नई जिम्मेदारी दी है और पूरी ईमानदारी से इसे पूरा करने का प्रयास करूंगा. नई विभाग की प्राथमिकताओं को लेकर उन्होंने कहा कि विभाग में अलग-अलग योजनाएं हैं जो वंचित, शोषित और पिछड़े तबके के उत्थान के लिए बनी हुई हैं. मेरा यह प्रयास रहेगा कि ऐसे वर्ग को अधिकाधिक लाभ मिल सके.
इस दौरान भाजपा पर पलटवार (Target on BJP) करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा केवल दलितों के नाम पर वोट लेने की कोशिश करती है और उसके उत्थान के लिए कोई काम नहीं किया है. कांग्रेस ने शोषित और वंचित लोगों को 70 सालों में मुख्यधारा में लाने का काम किया है. मंत्री ने कहा कि पंजाब में दलित को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाया है. वहीं, राजस्थान की कैबिनेट में अब चार दलित कैबिनेट मंत्री हैं.
पढ़ें : Vasundhara Raje On Mewar Tour: 23 नवंबर से मेवाड़ में देवदर्शन, सांवलिया सेठ के दरबार से होगा आगाज
राठौड़ के बयान पर पर पलटवार...
इस दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार की नियुक्ति को लेकर पत्र लिखने और कोर्ट में जाने की बात पर उन्होंने (Tikaram Julie) ने कहा कि कोर्ट के दरवाजे खुले हैं. कोई भी व्यक्ति सकता है और उन्हें किसी ने नहीं रोका है.
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस...
सोमवार को अलवर में एसीबी की ओर से कांग्रेस की नगर परिषद की सभापति को ट्रैप किए जाने के सवाल पर गहलोत के मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की नीति है. इस कार्रवाई से यह साफ है कि किसी भी तरह से दलगत राजनीति कांग्रेस नहीं कर रही है और सबको एक समान देखते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
जौहरीलाल और परमार को लेकर बोले...
इस दौरान कांग्रेस के विधायक जौहरी लाल मीणा (MLA Johari Lal Meena) के लगाए गए आरोपों पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और यह हमारे घर का मामला है. कोई गलतफहमी हुई है, हम मिल बैठकर उसे दूर करेंगे. वहीं, पूर्व मंत्री दयाराम परमार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री और आलाकमान का निर्णय है कि किसको क्या जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सबको सब मिले यह जरूरी नहीं है. टीकाराम ने कहा कि समय आने पर हर व्यक्ति को पार्टी याद रखती है.