बीकानेर. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के मंत्रिमंडल में बीकानेर के कोलायत विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार कांग्रेस विधायक के रूप में भंवर सिंह भाटी (Minister Bhanwar Singh Bhati) चुने गए. नई सरकार ने पहली बार मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के साथ ही उच्च शिक्षा महकमे की जिम्मेदारी भंवर सिंह भाटी को मिली.
मंत्री के रूप में भंवर सिंह भाटी ने उच्च शिक्षा (Higher Education of Rajasthan) को लेकर बीकानेर जिले में कई काम की शुरुआत की. शुरू में एक बड़ा काम था पीटीईटी परीक्षा की जिम्मेदारी. अब तक पीटीईटी परीक्षा की जिम्मेदारी जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के पास थी, लेकिन मंत्री भंवर सिंह ने इस जिम्मेदारी को बीकानेर संभाग के सबसे बड़े कॉलेज के रूप में ख्यात डूंगर कॉलेज को दी.
इस जिम्मेदारी को देने के पीछे मकसद भी यह था कि पीटीईटी परीक्षा में विद्यार्थियों से ली जाने वाली फीस का आधा हिस्सा उसी कॉलेज और जिले के उच्च शैक्षणिक विकास पर खर्च होता है. बात करें वर्ष 2019 और 20 की तो कमोबेश 30 करोड़ रुपये की राशि प्रति वर्ष राजस्व के रूप में पीटीईटी परीक्षा से डूंगर कॉलेज को मिली और इसकी आधे हिस्से के रूप में 15 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बीकानेर जिले में उच्च शिक्षा के शैक्षणिक विकास और आधारभूत ढांचे पर खर्च होने थे.
ऐसे में जब 4 दिन पहले तीसरी बार डूंगर कॉलेज पीटीईटी की परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न करवा दी, बावजूद इसके पहले साल की परीक्षा से प्राप्त राजस्व के विकास की राशि अभी तक डूंगर कॉलेज को नहीं मिली है.
दरअसल, पीटीईटी परीक्षा के समन्वयक और डूंगर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जीपी सिंह कहते हैं कि वर्ष 2019 में ही सरकार ने एक नियम बना दिया. जिसके बाद पीटीईटी की सारी फीस राजकोष में जमा करवा दी गई. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 और 2020 की कुल राशि करीब 60 करोड़ रुपये की राशि राजकोष में जमा करवाई है और वर्ष 2021 में भी तकरीबन 30 करोड़ रुपये की राशि राजकोष में जमा करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड के चलते 5 करोड़ रुपये की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में दी गई है.
2019 के प्रस्ताव सरकार के पास...
समन्वयक डॉ. जीपी सिंह कहते हैं कि डूंगर कॉलेज में विकास के काम के अलावा राज्य सरकार की ओर से बज्जू, कोलायत में नई कॉलेज खोलने की स्वीकृति दी गई थी और जमीन का आवंटन भी हो गया है. ऐसे में वहां पर नए भवन के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजे गए हैं और इन दोनों जगह के अलावा डूंगरगढ़ में भी बनने वाले नई कॉलेज भवन को डूंगर कॉलेज को मिलने वाले फंड में से ही बनाया जाएगा.
दरअसल, पिछले 3 साल में पीटीईटी की परीक्षा के बदले डूंगर कॉलेज को कुल 45 करोड़ रुपये बीकानेर जिले में नए कॉलेजों और पुराने चल रहे कॉलेजों के विकास के लिए मिलना है, लेकिन अभी तक एक भी रुपया नहीं मिला है और पीटीईटी की परीक्षा का समन्वयक केंद्र बीकानेर को वाहवाही लूटी गई है. ऐसे में जरूरत इस बात की भी है कि जल्द से जल्द वह राशि बीकानेर को वापस मिले ताकि बीकानेर में उच्च शिक्षा के आधारभूत और रचनात्मक विकास के कार्य किए जा सके.