बीकानेर. देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव के रूप में केंद्र सरकार देशभर में आम लोगों को लेकर कार्यक्रम कर रही है. अमृत महोत्सव के साथ उन लोगों को लेकर भी सरकार कार्य योजना बनाकर काम कर रही है, जिन्होंने अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ी और आजादी के लिए संघर्ष किया. साथ ही हमारे इतिहास के उन नायकों को भी सम्मान देने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्हें पूरे तथ्य नहीं होने के चलते वो मुकाम नहीं मिला.
बीकानेर के दौरे पर आए केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह बात कही. इस दौरान अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उन स्मारकों और स्थलों की भी सुध ली जा रही है, जिन्हें आज तक संभाला नहीं गया और जो हमारे समृद्ध इतिहास का जीवंत का उदाहरण है.
इतिहास को सही पेश करना चाहिए...
महाराणा प्रताप से जुड़े एक शिलालेख को लेकर उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप और उनकी सेना के युद्ध में पीछे हट जाने को लेकर कुछ इतिहासकारों ने तर्क दिया और जिसके आधार पर वहां शिलालेख लगा हुआ है वह गलत है. उसको लेकर जब संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी मुझे मिली तो मैंने इस बात को संज्ञान में लिया और राजसमंद सांसद दीया कुमारी और लोगों ने भी मुझे इसकी बात बताई. जिसके बाद मैंने एएसआई के अधिकारियों को उसको ठीक करने के लिए कहा और जल्द ही हम उसको ठीक कर देंगे. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि महाराणा प्रताप ने कभी भी मुगलों की अधीनता को स्वीकार नहीं किया और इसको लेकर कई कष्ट झेले.
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दोषारोपण करने के बजाय खुद के मैनेजमेंट को ठीक करें...
प्रदेश में कोयले के अभाव में बिजली की उपलब्धता की कमी को लेकर पिछली सरकार पर दोषारोपण के ऊर्जा मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि अब 3 साल से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. बारिश के दिनों में कोयले की खदानों में पानी भरने और मानसून की बेरुखी करने जैसे हालातों का पहले ही ध्यान रखना चाहिए. 3 सालों में सरकार खुद का मैनेजमेंट ठीक नहीं कर पाई और अब पिछली सरकार पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है.