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बीकानेर के गिरधर व्यास की बड़ी मूछें देखकर चौंक जाएंगे आप - अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव

हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई ऐसा शौक होता है जो उसके साथ जिंदगी भर चलता है कुछ लोगों को खाने-पीने पीने का शौक होता है तो किसी का अलग अंदाज से जीने का तरीका होता है. बीकानेर के गिरधर व्यास भी उन्हीं लोगों में शामिल है. अपनी अलग मूछों के चलते पूरे बीकानेर में एक अलग पहचान है. जानते हैम उनके बारे में इस खबर में

बीकानेर उंट उत्सव,  Bikaner Camel Festival,  गिरधर व्यास,  Girdhar Vyas
सबसे बड़ी मूंछों के साथ गिरधर व्यास
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Published : Jan 11, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 9:35 PM IST

बीकानेर. अक्सर हमने फिल्मों में कलाकरों को बोलते सुना है कि मुंछे हो तो नत्थूलाल जैसी. लेकिन बीकानेर के अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव में एक व्यक्ति ऐसे भी है जिनकी मूंछे शायद नत्थूलाल की मूंछो को भी टक्कर दे दे. जिले में लोग कहते है कि मूंछे हो तो गिरधर व्यास जैसी.

सबसे बड़ी मूंछों के साथ गिरधर व्यास

बात करे बीकानेर के ऊंट उत्सव की तो यह अपनी एक खास पहचान रखता है. पिछले 26 सालों में धीरे-धीरे हर बार ऊंट उत्सव में देशी और विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या यह बताने के लिए काफी है कि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ऊंट उत्सव बीकानेर की पहचान बन चुका है. अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के आगाज के दिन भी गिरधर व्यास सबके आकर्षण का केंद्र रहे. उत्सव में जब अपनी मूंछों का प्रदर्शन करने के लिए गिरधर व्यास मंच पर चढ़े और धीरे-धीरे अपनी मूंछों को खोलने लगे तो वहां बैठे हर देशी और विदेशी सैलानियों ने आश्चचर्य से दांतों तले अंगुली दबा ली.

पढ़ेंः बीकानेर : नर्स ग्रेड सेकंड भर्ती-2018 मामले को लेकर नर्सिंगकर्मियों ने किया प्रदर्शन

वहीं, उंट उत्सव में अपनी मूछों के प्रदर्शन से पहले ही ईटीवी भारत के दर्शकों के लिए मूछें दिखाते हुए गिरधर व्यास ने कहा कि मूछों की इतनी बड़ी लंबाई के लिए उन्हें काफी समय लगा है. उन्होंने कभी साबुन और शैंपू का इस्तेमाल मूछों को साफ करने के लिए नहीं किया है. बल्कि मुल्तानी मिट्टी से ही मूछों को धोते हैं. इस काम में उनके परिवार के सदस्य भी उनकी मदद करते हैं. गिरधर व्यास अपने मूंछों के बारे में कहते हैं कि मूछों को बढ़ाने की प्रेरणा उनको अपनी पत्नी से मिली. क्योंकि मैं खुद की पहचान बनाना चाहता था. इसलिए मैंने मूछों को बढ़ाना शुरू किया और कई सालों की बात धीरे धीरे लोग मेरी मूछों की चर्चा करने लग गए जिसके बाद मेरा रुझान और बढ़ गया और अब यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया.

बीकानेर. अक्सर हमने फिल्मों में कलाकरों को बोलते सुना है कि मुंछे हो तो नत्थूलाल जैसी. लेकिन बीकानेर के अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव में एक व्यक्ति ऐसे भी है जिनकी मूंछे शायद नत्थूलाल की मूंछो को भी टक्कर दे दे. जिले में लोग कहते है कि मूंछे हो तो गिरधर व्यास जैसी.

सबसे बड़ी मूंछों के साथ गिरधर व्यास

बात करे बीकानेर के ऊंट उत्सव की तो यह अपनी एक खास पहचान रखता है. पिछले 26 सालों में धीरे-धीरे हर बार ऊंट उत्सव में देशी और विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या यह बताने के लिए काफी है कि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ऊंट उत्सव बीकानेर की पहचान बन चुका है. अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के आगाज के दिन भी गिरधर व्यास सबके आकर्षण का केंद्र रहे. उत्सव में जब अपनी मूंछों का प्रदर्शन करने के लिए गिरधर व्यास मंच पर चढ़े और धीरे-धीरे अपनी मूंछों को खोलने लगे तो वहां बैठे हर देशी और विदेशी सैलानियों ने आश्चचर्य से दांतों तले अंगुली दबा ली.

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वहीं, उंट उत्सव में अपनी मूछों के प्रदर्शन से पहले ही ईटीवी भारत के दर्शकों के लिए मूछें दिखाते हुए गिरधर व्यास ने कहा कि मूछों की इतनी बड़ी लंबाई के लिए उन्हें काफी समय लगा है. उन्होंने कभी साबुन और शैंपू का इस्तेमाल मूछों को साफ करने के लिए नहीं किया है. बल्कि मुल्तानी मिट्टी से ही मूछों को धोते हैं. इस काम में उनके परिवार के सदस्य भी उनकी मदद करते हैं. गिरधर व्यास अपने मूंछों के बारे में कहते हैं कि मूछों को बढ़ाने की प्रेरणा उनको अपनी पत्नी से मिली. क्योंकि मैं खुद की पहचान बनाना चाहता था. इसलिए मैंने मूछों को बढ़ाना शुरू किया और कई सालों की बात धीरे धीरे लोग मेरी मूछों की चर्चा करने लग गए जिसके बाद मेरा रुझान और बढ़ गया और अब यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया.

Intro:हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई ऐसा शौक होता है जो उसके साथ जिंदगी भर चलता है कुछ लोगों को खाने-पीने पीने का शौक होता है तो किसी का अलग अंदाज से जीने का तरीका होता है। बीकानेर के गिरधर व्यास भी उन्हीं लोगों में शामिल है। अपनी अलग मूछों के चलते पूरे बीकानेर में एक अलग पहचान है।


Body:बीकानेर। अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव बीकानेर में शुरू हो गया। ऊंट उत्सव की अपनी एक खास पहचान है और पिछले 26 सालों में धीरे-धीरे हर बार ऊंट उत्सव में देशी और विदेशी विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या यह बताने के लिए काफी है कि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ऊंट उत्सव बीकानेर की पहचान बन चुका है। इसी उत्सव में सबके आकर्षण का केंद्र है बीकानेर के गिरधर व्यास। पुरानी हिंदी फिल्म का एक डायलॉग काफी चर्चित हुआ की मूछें हो तो नत्थूलाल जैसी। लेकिन बात करें बीकानेर की तो यहां नत्थूलाल जैसी नहीं बल्कि गिरधर व्यास जैसी मूछें प्रसिद्ध है। अंदरूनी बीकानेर शहर में रहने वाले गिरधर व्यास की मूछों की कुल लंबाई 32 फीट 2 इंच है। एक साइड से 16 फीट 1 इंच लंबी गिरधर व्यास की मूंछे देखकर हर कोई दंग रह जाता है। अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के आगाज के दिन भी गिरधर व्यास सबके आकर्षण का केंद्र रहे। दूसरों के आयोजन के तहत जब अपनी मूंछों का प्रदर्शन करने के लिए गिरधर व्यास मंच पर चढ़े और धीरे-धीरे अपनी मूंछों को खोलने लगे तो वहां बैठे हर देशी और विदेशी सैलानियों ने अचरज से दांतों तले अंगुली दबा ली।


Conclusion:दूसरों के आयोजन में अपनी मूछों के प्रदर्शन से पहले ही ईटीवी भारत के दर्शकों के लिए मूछें दिखाते हुए गिरधर व्यास ने कहा कि मूछों की इतनी बड़ी लंबाई के लिए उन्हें काफी समय लगा है और उन्होंने कभी साबुन और शैंपू का इस्तेमाल मूछों को साफ करने के लिए नहीं किया है बल्कि मुल्तानी मिट्टी से ही मूछों को धोते हैं और इस काम में उनके परिवार के सदस्य भी उनकी मदद करते हैं। वे कहते हैं कि मूछों को बढ़ाने की प्रेरणा उनको अपनी पत्नी से मिली। क्योंकि मैं खुद की पहचान बनाना चाहता थी और इसलिए मैंने मूछों को बढ़ाना शुरू किया और कई सालों की बात धीरे धीरे लोग मेरी मूछों की चर्चा करने लग गए जिसके बाद मेरा रुझान और बढ़ गया और अब यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया।

बाइट गिरधर व्यास,


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Last Updated : Jan 11, 2020, 9:35 PM IST
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