बीकानेर. CAA को लेकर विपक्ष पूरी तरह से भ्रम फैला रहा है और इस एक्ट के आने के बाद किसी की नागरिकता छीनने का कोई काम नहीं है. बल्कि यह उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में आए हैं. ये कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर से सांसद महेश शर्मा का.
बीकानेर के दौरे पर आए महेश शर्मा ने कहा कि इस एक्ट के माध्यम से किसी की नागरिकता छीनने जैसा कोई भी उद्देश्य नहीं है. बल्कि यह उन लोगों के लिए एक समान है जो सालों से भारत में रह रहे हैं लेकिन उन पर अवैध का ठप्पा लगा हुआ है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत का नाम विश्व पटल पर तेजी से आगे बढ़ रहा है और जिस तरह से अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी ने कश्मीर से 35A और अनुच्छेद 370 हटाकर बड़ा काम किया है. उसी तर्ज पर यह एक्ट भी लाया गया है.
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उन्होंने कहा कि सालों से राम मंदिर का मुद्दा हल नहीं हो रहा था लेकिन अब वह मुद्दा भी हल हो गया है. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या आने वाले समय में केंद्र सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने वाली है तो उन्होंने कहा कि इस बारे में वह बोलने के लिए अधिकृत नहीं है. लेकिन अगर समय की जरूरत हुई तो सरकार उचित फैसला लेगी.
उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर पूरे देश में गलत प्रचार करते हुए गैर जिम्मेदारी निभा रहा है. जिसके चलते कई जगह हिंसा की घटना हुई है. लेकिन भाजपा इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में जनजागृति फैलाकर आमजन तक अपनी बात पहुंचा रही है. वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के सवाल पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है और वहां से दिया गया संदेश पूरे देश में जाता है.
महेश शर्मा ने कहा कि पिछली बार कुछ कमी रह गई थी. लेकिन इस बार दिल्ली की जनता उस कमी को दूर करते हुए भाजपा को मौका देगी. जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और विद्या के मंदिर में जिस तरह से यह घटना हुई है वे इसकी निंदा और विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए जो दोषी है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.