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नशीली दवा की बिक्री पर रोक के लिए औषधि नियंत्रण विभाग के नए आदेश का केमिस्टों ने किया विरोध, जानें पूरा मामला

औषधि नियंत्रण आयुक्तालय की ओर से केमिस्टों के लिए एक नशे के कारोबार पर लगाम कसने के लिए नया आदेश जारी हुआ है. इस आदेश के तहत जिन दवाइयों में एनआरएक्स नाम का सॉल्ट मिक्स है, उनका रोजाना का बिक्री-खरीद का रिकॉर्ड एसएसओ आइडी से अपडेट करना (Drug Controller ordered to update daily sale record at medical stores) होगा. केमिस्ट इस आदेश से परेशान और नाराज हैं. उनका कहना है कि रोजाना इस तरह का रिकॉर्ड अपडेट करना न केवल अतिरिक्त समय लेगा बल्कि इसके लिए अलग से कार्मिक नियुक्त करना होगा, जिसका उन पर भार पड़ेगा.

Drug Controller orders to update daily sale record at medical stores
नशीली दवा की बिक्री पर रोक के लिए औषधि नियंत्रण विभाग के नए आदेश का केमिस्ट्स ने किया विरोध, जानें पूरा मामला
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Published : Jun 25, 2022, 7:42 PM IST

Updated : Jun 25, 2022, 10:36 PM IST

बीकानेर. नशीली दवाइयों के नाम पर नशे के बढ़ रहे कारोबार पर लगाम कसने के लिए औषधि नियंत्रण आयुक्तालय की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश को लेकर केमिस्ट विभाग से नजर आ रहे हैं. दरअसल दवाइयों में NRX ड्रग्स के मिश्रण की दवाइयों का इस्तेमाल मेडिकल में डॉक्टर अपने मरीजों पर करते हैं. लेकिन इन दवाइयों में मिश्रित साल्ट के चलते नशेड़ी भी इन दवाइयों को लेते हैं. इससे नशीले कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है. इसी की रोकथाम के लिए औषधि नियंत्रण विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए एक आदेश जारी किया (Protest of drug controller ordered to update daily record of sale) है. इसमें निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह के साल्ट की दवाइयों की बिक्री-खरीद से संबंधित सभी रिकॉर्ड हर रोज एसएसओ आइडी से लॉगिन कर एंट्री की जाए.

रोज रिकॉर्ड अपडेट करना जटिल: मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि अलग-अलग तरह की बहुत सी दवाइयां होती हैं और इनकी बिक्री और खरीद भी हर रोज होती है. ऐसे में हर दवाई की खपत के आधार पर हर रोज इस तरह से अपडेशन करने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है. इसमें समय लगता है और तकनीकी रूप से हर रोज संभव नहीं (Chemists oppose new order of drug controller) है. इस आदेश के जारी होने के बाद केमिस्ट एसोसिएशन ने विरोध भी दर्ज कराया है. उनका कहना है कि विभागीय अधिकारी हर दुकान पर औचक निरीक्षण करते हैं और यदि हर महीने का फिजिकल रिकॉर्ड भी देखना हो, तो उन्हें आपत्ति नहीं है. लेकिन इस तरह हर रोज ऑनलाइन रिकॉर्ड को अपडेट करना बड़ा जटिल है. इसके लिए एक व्यक्ति की अलग से नियुक्ति करनी होगी, जिससे उनका खर्चा भी बढ़ेगा.

औषधि नियंत्रण विभाग के नए आदेश का केमिस्टों ने किया विरोध

पढ़ें: नशे के खिलाफ प्रशासन हुआ सख्त, जयपुर में अब तक 10 लाख रुपए की ई-सिगरेट जब्त

करेंगे विरोध: केमिस्ट एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी और केमिस्ट सुशील आचार्य कहते हैं कि हम भी सरकार के नशे के खिलाफ अभियान में साथ हैं. हम भी चाहते हैं कि इस तरह से एक रिकॉर्ड मेंटेन हो कि मेडिकल स्टोर संचालकों पर आरोप नहीं लगें. लेकिन सरकार को उसके लिए एक सुलभ तरीका खोजना होगा, क्योंकि अभी सरकार ने जो फार्मूला अपनाया है वह केमिस्ट के लिए भी संभव नहीं है. इस पूरे मामले पर स्थानीय सहायक औषधि नियंत्रण अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए. आचार्य का कहना है कि यदि सरकार ने हमारी भावना को नहीं समझा और आदेश को वापस नहीं लिया, तो हमें मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ेगा. वे कहते हैं कि सबसे पहले सरकार को उसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और डिस्ट्रीब्यूटर से इस कड़ी को दुरुस्त करना होगा.

पढ़ें: झालावाड़: औषधि नियंत्रण विभाग ने शिकायत के बाद शहर के एक दर्जन मेडिकल स्टोर्स का किया निरक्षण

सीमावर्ती जिलों में कई बार पकड़ी जाती नशीली खेप: दरअसल नशे के खिलाफ पुलिस के लगातार चलाए जा रहे अभियान के तहत कई बार एलोपैथी की नशीली टेबलेट की खेप पकड़ी जाती है. ऐसे में नशे के खिलाफ कार्रवाई की तरह ही औषधी नियंत्रण विभाग ने इस तरह का आदेश जारी किया है. ताकि बिक्री होने वाली हर दवाई का हिसाब-किताब रहे और इन दवाई का उपयोग नशे के लिए ना हो.

बीकानेर. नशीली दवाइयों के नाम पर नशे के बढ़ रहे कारोबार पर लगाम कसने के लिए औषधि नियंत्रण आयुक्तालय की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश को लेकर केमिस्ट विभाग से नजर आ रहे हैं. दरअसल दवाइयों में NRX ड्रग्स के मिश्रण की दवाइयों का इस्तेमाल मेडिकल में डॉक्टर अपने मरीजों पर करते हैं. लेकिन इन दवाइयों में मिश्रित साल्ट के चलते नशेड़ी भी इन दवाइयों को लेते हैं. इससे नशीले कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है. इसी की रोकथाम के लिए औषधि नियंत्रण विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए एक आदेश जारी किया (Protest of drug controller ordered to update daily record of sale) है. इसमें निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह के साल्ट की दवाइयों की बिक्री-खरीद से संबंधित सभी रिकॉर्ड हर रोज एसएसओ आइडी से लॉगिन कर एंट्री की जाए.

रोज रिकॉर्ड अपडेट करना जटिल: मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि अलग-अलग तरह की बहुत सी दवाइयां होती हैं और इनकी बिक्री और खरीद भी हर रोज होती है. ऐसे में हर दवाई की खपत के आधार पर हर रोज इस तरह से अपडेशन करने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है. इसमें समय लगता है और तकनीकी रूप से हर रोज संभव नहीं (Chemists oppose new order of drug controller) है. इस आदेश के जारी होने के बाद केमिस्ट एसोसिएशन ने विरोध भी दर्ज कराया है. उनका कहना है कि विभागीय अधिकारी हर दुकान पर औचक निरीक्षण करते हैं और यदि हर महीने का फिजिकल रिकॉर्ड भी देखना हो, तो उन्हें आपत्ति नहीं है. लेकिन इस तरह हर रोज ऑनलाइन रिकॉर्ड को अपडेट करना बड़ा जटिल है. इसके लिए एक व्यक्ति की अलग से नियुक्ति करनी होगी, जिससे उनका खर्चा भी बढ़ेगा.

औषधि नियंत्रण विभाग के नए आदेश का केमिस्टों ने किया विरोध

पढ़ें: नशे के खिलाफ प्रशासन हुआ सख्त, जयपुर में अब तक 10 लाख रुपए की ई-सिगरेट जब्त

करेंगे विरोध: केमिस्ट एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी और केमिस्ट सुशील आचार्य कहते हैं कि हम भी सरकार के नशे के खिलाफ अभियान में साथ हैं. हम भी चाहते हैं कि इस तरह से एक रिकॉर्ड मेंटेन हो कि मेडिकल स्टोर संचालकों पर आरोप नहीं लगें. लेकिन सरकार को उसके लिए एक सुलभ तरीका खोजना होगा, क्योंकि अभी सरकार ने जो फार्मूला अपनाया है वह केमिस्ट के लिए भी संभव नहीं है. इस पूरे मामले पर स्थानीय सहायक औषधि नियंत्रण अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए. आचार्य का कहना है कि यदि सरकार ने हमारी भावना को नहीं समझा और आदेश को वापस नहीं लिया, तो हमें मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ेगा. वे कहते हैं कि सबसे पहले सरकार को उसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और डिस्ट्रीब्यूटर से इस कड़ी को दुरुस्त करना होगा.

पढ़ें: झालावाड़: औषधि नियंत्रण विभाग ने शिकायत के बाद शहर के एक दर्जन मेडिकल स्टोर्स का किया निरक्षण

सीमावर्ती जिलों में कई बार पकड़ी जाती नशीली खेप: दरअसल नशे के खिलाफ पुलिस के लगातार चलाए जा रहे अभियान के तहत कई बार एलोपैथी की नशीली टेबलेट की खेप पकड़ी जाती है. ऐसे में नशे के खिलाफ कार्रवाई की तरह ही औषधी नियंत्रण विभाग ने इस तरह का आदेश जारी किया है. ताकि बिक्री होने वाली हर दवाई का हिसाब-किताब रहे और इन दवाई का उपयोग नशे के लिए ना हो.

Last Updated : Jun 25, 2022, 10:36 PM IST
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