बीकानेर. पापड़ बनाने के दौरान काम में आने वाली साजी के व्यापारियों पर राजस्व खुफिया निदेशालय ने बीकानेर में बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, पापड़ का स्वाद और पापड़ को बनाने के लिए साजी का उपयोग करना जरूरी है, लेकिन ये साजी पाकिस्तान से आती है और पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से आयातित सभी वस्तुओं पर आयात सीमा शुल्क दोगुना कर दिया था. जिसके बाद बीकानेर का पापड़ उद्योग पूरी तरह से ठप हो गया था.
जिसको देखते हुए यहां के साजी कारोबारियों ने उसका तोड़ निकाला और पाकिस्तान से आने वाली साजी को अफगानिस्तान से आयातित बताकर बीकानेर में इसका बड़ी मात्रा में कारोबार किया. लेकिन इस कारोबार के कारण सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था. गोपनीय तरीके से राजस्व खुफिया निदेशालय की जयपुर में मुंबई और जोधपुर की टीमों ने बीकानेर में कई साजी कारोबारियों के यहां दस्तावेजों को खंगाला. बताया जा रहा है कि गोपनीय तरीके से इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. वहीं, खुफिया निदेशालय के अधिकारी बीकानेर में हैं और आने वाले एक दो दिन भी बीकानेर में ही रहेंगे. खुफिया निदेशालय के अधिकारियों ने साजी कारोबारियों के यहां आयात शुल्क और साजी के आयात की मात्रा को लेकर जानकारी जुटाई है.
क्या होती है साजी?
दरअसल, पापड़ बनाने में साजी का उपयोग पापड़ में खार देने के लिए होता है. जिससे पापड़ स्वादिष्ट बनता है और ये एक तरह का पौधा होता है. जिसकी जड़ का भी कई तरह की औषधीय बनाने में उपयोग होता है. पाकिस्तान के सिंध में बड़ी मात्रा में साजी होती है.
वहीं, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से सटे भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में भी इसकी उपलब्धता है, लेकिन जिस क्वालिटी की साजी की जरूरत पापड़ कारोबारियों को होती है वो हमारे देश में नहीं होती है. यही कारण है कि सालों से बीकानेर में पाकिस्तान से आयातित साजी का कारोबार होता है, लेकिन पुलवामा हमले के बाद साजी पर लगाए गए दोगुना आयात सीमा शुल्क के बाद इसको खरीदना यहां के पापड़ व्यापारियों के लिए काफी मुश्किल हो गया था क्योंकि इससे पापड़ की उत्पादन लागत में भी बढ़ोतरी हो रही थी. जिसके चलते उन्हें खासा नुकसान हो रहा था. ऐसे में साजी कारोबारियों ने इसका तोड़ निकाला और पाकिस्तान से अफगानिस्तान होते हुए साजी को मंगाना शुरू किया और इसका आयात अफगानिस्तान से दिखाया गया.