ETV Bharat / city

Corona Side Effect: बीकानेर के पटाखा कारोबारियों को सताने लगी रोजी-रोटी की चिंता, लगातार दूसरे साल पटाखों पर रोक के सरकारी फरमान से खफा

कोरोना (Corona Side Effect) के चलते लगातार दूसरे साल राज्य सरकार (State Government) ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन कर दिया है. इस रोक से अब पटाखा कारोबारियों (cracker traders ) पर रोजी-रोटी का संकट छा गया है.

Corona Side Effect
बीकानेर के पटाखा कारोबारियों को सताने लगी रोजी रोटी की चिंता
author img

By

Published : Oct 6, 2021, 7:23 AM IST

Updated : Oct 6, 2021, 2:35 PM IST

बीकानेर: कोरोना के चलते राज्य सरकार (State Government) ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है और पटाखों पर लगाए गए सरकार के इस बैन के निर्णय के बाद पटाखा व्यवसायियों (cracker traders ) के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. बीकानेर में हर साल 10 से ₹15 करोड़ का पटाखों का कारोबार दिवाली के मौके पर होता है और बीकानेर (Bikaner) में स्थाई और अस्थाई मिलाकर 350 बजे से ज्यादा दुकानें दिवाली (Diwali) के मौके पर लगती है.

ये भी पढ़ें- आतिशबाजी पर प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

हालांकि इससे ज्यादा दुकानदार ऐसे हैं जो पूरे साल सिर्फ पटाखों का ही काम करते हैं और स्थाई लाइसेंस रखते हैं. राजस्थान फायरवर्क्स एसोसिएशन (Rajasthan Fireworks Association) से जुड़े पदाधिकारी वीरेंद्र किराडू कहते हैं कि पटाखा व्यवसायियों (cracker traders ) के सामने बड़ा गहरा संकट है. पिछले साल भी दिवाली के मौके पर सरकार ने पटाखों पर रोक लगा दी और जिसके चलते उनके पास स्टॉक रह गया.

पिछले एक साल में उस स्टॉक में भी नुकसान हुआ और दीमक लग गई. इस साल भी पटाखा व्यवसायियों ने बाजार से उधार लेकर फिर काम किया. सरकार ने ऐन वक्त पर रोक लगा दी जिसके चलते अब पूरी तरह से कारोबार भी ठप हो गया है और आने वाला समय भी संकट से घिरा नजर आ रहा है.

पटाखा व्यवसायी ओमप्रकाश और कुणाल कहते हैं कि हमारे पास सिर्फ एक यही ऐसा काम है जो रोजी-रोटी दे रहा है और सरकार ने इस काम को 2 साल से पूरी तरह से ठप कर दिया है ऐसे में सरकार को हमारे बारे में सोचना चाहिए.

गौरतलब है कि बीकानेर (Bikaner) में भी पांच से छह पटाखा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है और उसके अलावा बड़े कारोबारी दक्षिण भारत में शिवाकाशी (Crackers From Shivakashi) से बीकानेर में पटाखे मंगवाते हैं. ऐसे में इस बार सरकार की रोक के बाद पटाखा व्यवसायियों के सामने उस स्टॉक को अगले एक साल तक रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है. पिछले साल के स्टॉक की खराबी से हुए नुकसान की भरपाई इस बार पटाखे भाइयों को होने की उम्मीद थी लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद अब पटाखा व्यवसायियों के सामने बड़ा संकट नजर आ रहा है.

बीकानेर: कोरोना के चलते राज्य सरकार (State Government) ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है और पटाखों पर लगाए गए सरकार के इस बैन के निर्णय के बाद पटाखा व्यवसायियों (cracker traders ) के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. बीकानेर में हर साल 10 से ₹15 करोड़ का पटाखों का कारोबार दिवाली के मौके पर होता है और बीकानेर (Bikaner) में स्थाई और अस्थाई मिलाकर 350 बजे से ज्यादा दुकानें दिवाली (Diwali) के मौके पर लगती है.

ये भी पढ़ें- आतिशबाजी पर प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

हालांकि इससे ज्यादा दुकानदार ऐसे हैं जो पूरे साल सिर्फ पटाखों का ही काम करते हैं और स्थाई लाइसेंस रखते हैं. राजस्थान फायरवर्क्स एसोसिएशन (Rajasthan Fireworks Association) से जुड़े पदाधिकारी वीरेंद्र किराडू कहते हैं कि पटाखा व्यवसायियों (cracker traders ) के सामने बड़ा गहरा संकट है. पिछले साल भी दिवाली के मौके पर सरकार ने पटाखों पर रोक लगा दी और जिसके चलते उनके पास स्टॉक रह गया.

पिछले एक साल में उस स्टॉक में भी नुकसान हुआ और दीमक लग गई. इस साल भी पटाखा व्यवसायियों ने बाजार से उधार लेकर फिर काम किया. सरकार ने ऐन वक्त पर रोक लगा दी जिसके चलते अब पूरी तरह से कारोबार भी ठप हो गया है और आने वाला समय भी संकट से घिरा नजर आ रहा है.

पटाखा व्यवसायी ओमप्रकाश और कुणाल कहते हैं कि हमारे पास सिर्फ एक यही ऐसा काम है जो रोजी-रोटी दे रहा है और सरकार ने इस काम को 2 साल से पूरी तरह से ठप कर दिया है ऐसे में सरकार को हमारे बारे में सोचना चाहिए.

गौरतलब है कि बीकानेर (Bikaner) में भी पांच से छह पटाखा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है और उसके अलावा बड़े कारोबारी दक्षिण भारत में शिवाकाशी (Crackers From Shivakashi) से बीकानेर में पटाखे मंगवाते हैं. ऐसे में इस बार सरकार की रोक के बाद पटाखा व्यवसायियों के सामने उस स्टॉक को अगले एक साल तक रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है. पिछले साल के स्टॉक की खराबी से हुए नुकसान की भरपाई इस बार पटाखे भाइयों को होने की उम्मीद थी लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद अब पटाखा व्यवसायियों के सामने बड़ा संकट नजर आ रहा है.

Last Updated : Oct 6, 2021, 2:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.