बीकानेर. प्रदेश के एकमात्र पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में पिछले 10 से 15 सालों से काम कर रहे 150 से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को शनिवार को एक आदेश जारी कर कार्यमुक्त कर दिया गया है. यह सभी अशैक्षणिक कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसी के मार्फत विश्वविद्यालय में और विश्वविद्यालय के अधीन कॉलेज में कार्यरत थे.
अलग-अलग विभागों में कार्यरत इन कर्मचारियों को अलग-अलग आदेश जारी कर हटाया गया है और हटाने की सूचना मिलने के बाद कर्मचारी विश्वविद्यालय के पार्क में एकत्रित हुए और वहीं धरने पर बैठ गए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी (Contractual workers protest in Bikaner Veterinary Uni) की. कर्मचारियों ने कहा कि वे पिछले 10-15 सालों से विश्वविद्यालय में काम कर रहे हैं और अब इस तरह उन्हें अचानक एक आदेश के साथ हटाया गया है जिससे उनके सामने अब रोजगार का संकट आ गया है.
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कर्मचारियों ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने आदेश को वापस नहीं लिया, तो सोमवार से विश्वविद्यालय परिसर में ही कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठेंगे. इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय के रजिस्टर और कुलपति से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई. बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को अचानक हटाने का निर्णय विश्वविद्यालय पर पड़ रहे आर्थिक भार को कम करने के लिए किया गया है. ऐसे में अब विश्वविद्यालय का दैनिक कामकाज भी प्रभावित होता नजर आ रहा है.