बीकानेर. कोरोना वायरस के चलते पूरा भारत 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है. लॉकडाउन के चलते बीकानेर नगर निगम की ओर से वार्डों में जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री दी जा रही है, ताकि शहर में कोई भूखा न सोये. इसके लिए निगम ने 80 वार्डो से जरूरतमंद लोगों की सूची तैयार की है. यह सूची उपलब्ध करवाने के लिए कांग्रेसी पार्षद सोमवार को नगर निगम पहुंचे, जहां आयुक्त से वार्डवार तैयार की गई सूची मांगी गई. इस पर आयुक्त खुशाल यादव ने पार्षदों को उपायुक्त के पास भेज दिया.
वहीं निगम उपायुक्त ने पार्षदों को सूची उपलब्ध नहीं होने की बात कही. इससे नाराज पार्षद दुबारा आयुक्त के पास गए. जहां आयुक्त सूची उपलब्ध करवाने की बजाय पार्षदों को सूची देने से टालमटोल करते रहे. इस दौरान पार्षदों औरस आयुक्त के बीच जबरदस्त कहासुनी शुरू हो गई. इसके बाद पार्षद निगम परिसर में धरने पर बैठ गए.
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वहां उपस्थित मीडिया कर्मियों ने आयुक्त से बाइट लेने के लिए पहुंचे तो आयुक्त ने मीडियाकर्मियों को भी धमकाया और मामले पर जानकारी देने से इनकार कर दिया. वहीं इसे लेकर मीडीयाकर्मियो और निगम आयुक्त में तीखी नौक-झोंक भी हुई. जिसके बाद मीडिया कर्मियों ने जिला कलेक्टर से आयुक्त द्वारा अभद्रता की शिकायत की. इसपर जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
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बता दें कि पार्षदों की मांग थी कि निगम की ओर से वितरित करवाए जा रही भोजन सामग्री के लिए वार्डवार सर्वे कर जो सूची बनाई गई है,उसमें बहुत से ऐसे लोगों को छोड़ दिया गया है, जो कि वास्तविक जरूरतमंद है. पार्षदों ने निगम आयुक्त पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए कहा कि बीएलओ की ओर से बनाई गई सूची में पात्र लोगों के नाम नहीं है. ऐसी स्थिति में लोग हमारे घर पर पहुंच रहे है और भोजन सामग्री की मांग कर रहे है. पार्षदों ने बताया कि हम चाहते है निगम की ओर से तैयार की गई सूची दुबारा बनाई जाए ताकि जरूरतमंद लोगों के नाम भी जोड़े जाए.