बीकानेर. नामीबिया से लाए गए चीतों के भोजन के लिए हिरणों को भेजे जाने को लेकर बिश्नोई समाज और जीव प्रेमियों में आक्रोश (cheetahs brought from Namibia) देखने को मिल रहा है. खाजूवाला के श्रीगुरु जम्भेश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रशांत बिश्नोई के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के नाम जीव प्रेमियों ने चीतों को हिरण खिलाने पर पाबंदी लगाने की मांग करते हुए खाजूवाला नायब तहसीलदार सपना सोनी को ज्ञापन सौंपा.
प्रशांत बिश्नोई का कहना है कि हिरण को हम परिवार में बच्चे की तरह पालते हैं. हमारा 500 साल का इतिहास (Bishnoi samaj Opposed cheetals to send as food) रहा है कि हमने हिरणों की रक्षा की है. जिस तरीके से चीतों के भोजन के लिए चीतल को जबरन भेजा जा रहा है उससे पूरे समाज में रोष है. वहीं अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवराज विश्नोई ने भी प्रधानमंत्री और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री को ज्ञापन भेजकर इन चीतल को सुरक्षित रखने की मांग की है. साथ ही जबरन भोजन के रूप में चीतों के लिए भेजे जाने का विरोध किया है. शिवराज विश्नोई ने कहा कि शेड्यूल वन में संरक्षण की श्रेणी में आने वाले जानवरों में हिरण भी है और चिंकारा ब्लैक बग और चीतल उसी में आते हैं.
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विश्नोई समाज का जीव दया प्रेम : विश्नोई समाज का जीव दया और पर्यावरण के प्रति प्रेम की मिसाल प्रसिद्ध (Sending of cheetals for food for cheetahs) है. खेजड़ी के पेड़ को काटने से बचाने के साथ ही सुरक्षित रखने और हिरण शिकार को रोकने के लिए विश्नोई समाज कई बार आगे आया है. ऐसे में कूनो नेशनल पार्क में जबरन बंधक के रूप में चीतल को चीतों के भोजन के लिए भेजने को लेकर समाज के लोगों और जीव प्रेमियों में खासा आक्रोश है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी अब विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं. वहीं मंगलवार से इसको लेकर जीव प्रेमी तहसील और कस्बे स्तर पर भी विरोध प्रदर्शन ज्ञापन की तैयारी कर रहे हैं.
नोखा विधायक ने लिखा पत्र: नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर नामीबिया से लाए गए चीतों के भोजन के लिए चीतल व हिरणों को अन्य जगहों से लाकर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ने की कार्रवाई को रोकने की मांग की है.