बीकानेर. करीब डेढ़ साल बाद आखिरकार प्रदेश में सरकारी और गैर सरकारी स्कूल 1 सितंबर से खुलने लग जाएंगे. राज्य सरकार से स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग ने बुधवार को इसकी एक कॉपी जारी कर दी है.
जारी SOP में कोरोना के बचाव को लेकर पूरी एहतियात बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही कोरोना को ध्यान में रखते हुए कोविड प्रोटोकॉल के लिए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और संस्था प्रधान के स्तर पर अलग-अलग बैठक का आयोजन भी किया जाएगा.
जारी एसओपी के मुताबिक एकल पारी विद्यालय में कक्षा 9 व 11 के विद्यार्थियों के आने का समय सुबह 7:30 बजे रहेगा. साथ ही दोपहर 12:30 तक स्कूल चलेगी. वहीं, कक्षा 10 व 12 के विद्यार्थियों के लिए सुबह 8:00 बजे से 1:00 बजे तक स्कूल लगेगी. इसके साथ ही 2 पारियों में संचालित होने वाले विद्यार्थियों में कक्षा 9 व 11 के विद्यार्थियों को दोपहर 12:30 बजे से 5:30 तक और कक्षा 10 व 12 की विद्यार्थियों को 1:00 बजे से 6:00 बजे तक का समय स्कूल में देना होगा.
Covid-19 के प्रोटोकॉल को देखते हुए कक्षा 9 से 12 की कुल कक्षा कक्षों की संख्या व क्षमता के साथ ही विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में विद्यार्थियों के लिए शिक्षण कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं. जारी SOP में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संबंधित निकटतम स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्यकर्मियों को स्कूल खुलने की सूचना देने के साथ ही विद्यार्थियों के लिए उपस्थिति को बाध्य नहीं किया गया है. साथ ही अभिभावकों की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
कोविड प्रोटोकॉल का करना होगा पालन : जारी SOP के मुताबिक विद्यालय में संस्था प्रधान और शिक्षकों की भी कोविड प्रोटोकाल का पालन करवाने की भी जिम्मेदारी रहेगी. विद्यालय में शिक्षण कार्य के अलावा अन्य किसी भी तरह की कोई भी गतिविधि आयोजित नहीं की जाएगी. साथ ही प्रार्थना सभा, खेलकूद जैसी गतिविधियां भी पूरी तरह से बंद रहेंगी.
इन पर लगाना होगा अंकुश : जारी SOP में कुछ ऐसे निर्देश दिए गए हैं, जिनकी पालना करवाना खुद शिक्षकों के लिए भी एक चुनौती है. इसको लेकर स्कूल खुलने के बाद शिक्षा विभाग पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं. SOP में शिक्षकों को इस बात के लिए भी ताकीद किया गया है कि विद्यार्थी अपनी किसी भी वस्तु को किसी भी दूसरे विद्यार्थी के साथ शेयर नहीं करें. जिसमें पुस्तक से लेकर पेन कॉपी, पेंसिल शामिल है. साथ ही दो विद्यार्थी न सिर्फ शारीरिक दूरी के साथ बैठेंगे, बल्कि लंच भी शेयर नहीं कर सकते.
50 लाख से ज्यादा विद्यार्थी : एक सितंबर से प्रदेश के करीब 50 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के स्कूल आने के बाद स्कूलों में जहां रौनक आ जाएगी, वहीं शिक्षण कार्य की जिम्मेदारी संभालने वाले शिक्षकों के लिए भी यह एक चुनौती से कम नहीं है. पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे शिक्षा विभाग के लिए स्कूल संचालन के साथ ही अलग से कुछ जिम्मेदारियां तय की गई हैं. जिसमें स्कूल के शुरू होने और स्कूल के खत्म होने के दौरान मुख्य द्वार पर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी और वे शिक्षक विद्यालय में प्रवेश करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी की मास्क नहीं होने की स्थिति पर स्कूल में प्रवेश नहीं देंगे.
जारी रहेगी ऑनलाइन व्यवस्था : हालांकि, राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने को लेकर SOP जारी कर दी है, लेकिन इसके बावजूद भी वे अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे उनके लिए ऑनलाइन व्यवस्था जारी रहेगी.