बीकानेर. नगर निगम की चुनाव की तस्वीर पूरी तरह से साफ हो चुकी है. सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा और बहुमत से दूर कांग्रेस दोनों ही पार्टियों कि आस अब निर्दलीयों के भरोसे है जारी चुनाव परिणामों में कई बातें देखने को मिली है.
भाजपा की ओर से चुनाव की कमान संभाल रहे केंद्रीय राज्य मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल के पैतृक वार्ड संख्या 6 में खुद उनकी पार्टी का प्रत्याशी नहीं जीत पाया. वहीं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला के खुद के वार्ड संख्या 74 में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है. ऐसे में जब दोनों ही पार्टियों बहुमत के लिए सत्ता से दूर रही हो और अपनी-अपनी पार्टी के लिए टिकट बांटने से लेकर बोर्ड बनाने की जिम्मेदारी संभालने वाले दोनों मंत्रियों के वादों में उनकी पार्टी की हार चर्चा का विषय बनी हुई है. इसके साथ ही इस बार दोनों ही दलों ने रिश्तेदारों को भी टिकट देकर मैदान में उतारा था, हालांकि इस मामले में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा में भाई-भतीजावाद ज्यादा देखने को मिला.
पढ़ेंः 49 में से 4 निगम और नगरपालिका में निर्दलीयों ने भाजपा और कांग्रेस को छोड़ा पीछे
वहीं वार्ड संख्या 71 से भाजपा के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के रिश्तेदार थे, लेकिन चुनाव मैदान में उनको हार का मुंह देखना पड़ा. वहीं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी के रिश्तेदार को भी कांग्रेस ने टिकट दिया, लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा. शहर भाजपा अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य के विचार को भाजपा ने टिकट दिया, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के निर्णय को सही साबित कर दिया. वहीं सामाजिक न्याय मंच के बैनर तले अपने प्रत्याशी उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का दावा करने वाले पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी को चुनाव में सफलता नहीं मिली.
पढ़ेंः जीत के जुलूस के दौरान भिड़े कांग्रेस और बीजेपी के समर्थक, 8 घायल
अब महापौर को लेकर कवायद
हालांकि भाजपा बहुमत से 3 के आंकड़े से दूर है, लेकिन बताया जा रहा है कि बाड़ाबंदी के समय ही सभी प्रत्याशियों से फीडबैक लेकर भाजपा को इस बात की आशंका हो गई थी कि वह बहुमत से दूर रह सकती है. ऐसे में उसने समय रहते ही निर्दलीय प्रत्याशियों से संपर्क स्थापित कर लिया था और बताया जा रहा है कि मतगणना के बाद निर्दलीय प्रत्याशियों को भाजपा के नेता अपने साथ ले गए. हालांकि बोर्ड बनाने की कवायद में कांग्रेस की हार नहीं मान रही है और अपनी पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ कर जीतने वाले बागी कांग्रेसियों से संपर्क स्थापित कर बोर्ड बनाने की कवायद में जुटी हुई है. फिलहाल संभावना इस बात की भी साफ नजर आ रही है कि आने वाले समय में बीकानेर नगर निगम में निर्देशों के सहारे भाजपा अपना बोर्ड बना सकती है.