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Special : कोरोना के आंकड़ों में हो रहा 'खेल', प्रदेश और जिल स्तर की रिपोर्ट में भारी अंतर

लॉकडाउन खुलने के बाद बीकानेर जिले में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार पर भी कोविड नियंत्रण में लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं. यह भी आरोप है कि अव्यवस्थाओं के बीच आंकड़ों को छिपाने का भी 'खेल' चल रहा है. प्रदेश स्तर पर आने वाली रिपोर्ट में जिले का आंकड़ा कुछ और है, जबकि जिले की ओर से बनाई गई सूची में आंकड़ों में काफी अंतर है. देखिये ये रिपोर्ट...

Difference in Corona figures at state and district level
प्रदेश और जिला स्तर पर कोरोना के आंकड़ों में अंतर
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Published : Sep 25, 2020, 5:01 PM IST

बीकानेर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले 3 महीने में जिले में भी रोज पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. जिले में अब कम्युनिटी स्प्रेड होता नजर आ रहा है. एक ओर जहां विपक्ष लगातार सरकार पर कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में विफल होने का आरोप लगा रहा है तो वहीं दूसरी और कोविड-19 के हालातों को लेकर भी आए दिन अव्यवस्था के आरोप लग रहे हैं. ऐसे में इन अव्यवस्थाओं के बीच आंकडों को छिपाने का 'खेल' भी चल रहा है.

प्रदेश और जिला स्तर पर कोरोना के आंकड़ों में अंतर...

कोरोना के मामलों को लेकर अब सरकारी स्तर पर गफलत और लापरवाही सामने आ रही है. दरअसल, जिला स्तर पर रोज जारी होने वाले पॉजिटिव केस के आंकड़ों की जानकारी प्रदेश स्तर पर पहले दी जाती है. उसके बाद जिला स्तर पर चिकित्सा विभाग सूची जारी करता है, लेकिन ऐसा देखने में आ रहा है कि प्रदेश स्तर पर आंकड़ों को छुपाने का खेल चल रहा है. बीकानेर में अब तक कुल 7500 पॉजिटिव केस आए हैं, जिनमें से 120 की मौत हो चुकी है.

Corona patients are increasing continuously
लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज...

यह भी पढ़ें: डूंगरपुर में कोरोना के आंकड़ों को लेकर जब प्रभारी मंत्री की फिसली जुबान...कह दी ये बात

वहीं, दूसरी ओर जिले में अब तक करीब 155 हजार लोगों की जांच हो चुकी है, लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट और प्रदेश स्तर पर जारी होने वाली रिपोर्ट में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है. प्रदेश स्तर पर जारी रिपोर्ट में 20 सितंबर तक कुल पॉजिटिव की संख्या 5632 बताई जा रही है, जबकि वास्तव में अब तक कुल 7500 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. वहीं, आंकड़ों की मानें तो जिले में अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है तो दूसरी ओर प्रदेश स्तर पर जारी रिपोर्ट में यह आंकड़ा महज 102 ही बताया गया है.

Beds being extended for covid patients
कोविड मरीज के लिए बढ़ाए जा रहे बेड...

यह भी पढ़ें: Special : कोरोना ने तोड़ी रेल प्रशासन की कमर, ट्रेन संचालन के साथ कुली-वेंडर का काम भी ठप

हालांकि, बीकानेर में जिला कलेक्टर नमित मेहता रोज कोरोना को लेकर समीक्षा करते हैं और अधिकारियों को निर्देश देते नजर आते हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगातार कोरोना नियंत्रण को लेकर अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, लेकिन आंकड़ों की इस गफलत के पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा कहते हैं कि रिपोर्टिंग को लेकर कोई फर्क नहीं है. अपडेट होने में कभी-कभी देर हो जाती है.

रोजाना सौ से अधिक के सैंपल ले रहे डॉक्टर
रोजाना सौ से अधिक के सैंपल ले रहे डॉक्टर

लेकिन हैरत की बात यह है कि इस पूरी रिपोर्ट में बीकानेर में अब तक हुई जांच का आंकड़ा एकदम सही है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब एक ही रिपोर्ट में से एक आंकड़ा पूरी तरह से सही लिया जा रहा है तो दूसरे आंकड़ों को कम क्यों बताया जा रहा है. इस पूरी कवायद से साफ लग रहा है कि सरकार कोरोना से होने वाली मौतों और कुल पॉजिटिव की संख्या को कम बताना चाह रही है.

हालांकि, अब अपनी कमी को छिपाने के लिए सरकारी स्तर पर 2 दिन से बीकानेर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कोरोना पॉजिटिव के सही आंकड़े भी नहीं दिए जा रहे हैं तो वहीं प्रदेश स्तर पर भी दिन में एक बार शाम को 6:00 बजे रिपोर्ट जारी करने को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं.

बीकानेर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले 3 महीने में जिले में भी रोज पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. जिले में अब कम्युनिटी स्प्रेड होता नजर आ रहा है. एक ओर जहां विपक्ष लगातार सरकार पर कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में विफल होने का आरोप लगा रहा है तो वहीं दूसरी और कोविड-19 के हालातों को लेकर भी आए दिन अव्यवस्था के आरोप लग रहे हैं. ऐसे में इन अव्यवस्थाओं के बीच आंकडों को छिपाने का 'खेल' भी चल रहा है.

प्रदेश और जिला स्तर पर कोरोना के आंकड़ों में अंतर...

कोरोना के मामलों को लेकर अब सरकारी स्तर पर गफलत और लापरवाही सामने आ रही है. दरअसल, जिला स्तर पर रोज जारी होने वाले पॉजिटिव केस के आंकड़ों की जानकारी प्रदेश स्तर पर पहले दी जाती है. उसके बाद जिला स्तर पर चिकित्सा विभाग सूची जारी करता है, लेकिन ऐसा देखने में आ रहा है कि प्रदेश स्तर पर आंकड़ों को छुपाने का खेल चल रहा है. बीकानेर में अब तक कुल 7500 पॉजिटिव केस आए हैं, जिनमें से 120 की मौत हो चुकी है.

Corona patients are increasing continuously
लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज...

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वहीं, दूसरी ओर जिले में अब तक करीब 155 हजार लोगों की जांच हो चुकी है, लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट और प्रदेश स्तर पर जारी होने वाली रिपोर्ट में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है. प्रदेश स्तर पर जारी रिपोर्ट में 20 सितंबर तक कुल पॉजिटिव की संख्या 5632 बताई जा रही है, जबकि वास्तव में अब तक कुल 7500 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. वहीं, आंकड़ों की मानें तो जिले में अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है तो दूसरी ओर प्रदेश स्तर पर जारी रिपोर्ट में यह आंकड़ा महज 102 ही बताया गया है.

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हालांकि, बीकानेर में जिला कलेक्टर नमित मेहता रोज कोरोना को लेकर समीक्षा करते हैं और अधिकारियों को निर्देश देते नजर आते हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगातार कोरोना नियंत्रण को लेकर अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, लेकिन आंकड़ों की इस गफलत के पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा कहते हैं कि रिपोर्टिंग को लेकर कोई फर्क नहीं है. अपडेट होने में कभी-कभी देर हो जाती है.

रोजाना सौ से अधिक के सैंपल ले रहे डॉक्टर
रोजाना सौ से अधिक के सैंपल ले रहे डॉक्टर

लेकिन हैरत की बात यह है कि इस पूरी रिपोर्ट में बीकानेर में अब तक हुई जांच का आंकड़ा एकदम सही है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब एक ही रिपोर्ट में से एक आंकड़ा पूरी तरह से सही लिया जा रहा है तो दूसरे आंकड़ों को कम क्यों बताया जा रहा है. इस पूरी कवायद से साफ लग रहा है कि सरकार कोरोना से होने वाली मौतों और कुल पॉजिटिव की संख्या को कम बताना चाह रही है.

हालांकि, अब अपनी कमी को छिपाने के लिए सरकारी स्तर पर 2 दिन से बीकानेर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कोरोना पॉजिटिव के सही आंकड़े भी नहीं दिए जा रहे हैं तो वहीं प्रदेश स्तर पर भी दिन में एक बार शाम को 6:00 बजे रिपोर्ट जारी करने को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं.

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