बीकानेर. वैसे तो होली का त्यौहार अभी दूर है लेकिन, जिले में बसंत पंचमी के साथ ही मस्ती और उल्लास के पर्व होली की मस्ती भरे माहौल की शुरुआत हो जाती है. दरअसल बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजन के साथ ही डफ पूजन करने की परंपरा है.
बसंत पंचमी के साथ ही फाल्गुन में मस्ती के माहौल की शुरुआत करते हुए हर रोज देर रात तक डफ पूजन पर होली रसिक गाने गाते हैं. जिले में अलग-अलग स्थानों पर होली रसिक मां सरस्वती के पूजन के साथ ही डफ पूजन करते हैं. पिछले 30 सालों से जस्सूसर गेट क्षेत्र में बसंत पंचमी को मां सरस्वती के पूजन के साथ ही डफ पूजन करने की परंपरा को निभाने वाले जगदंबा मित्र मंडल के सदस्यों ने मां सरस्वती का पूजन किया और उसके बाद डफ पूजन करते हुए बसंत पंचमी पर मस्ती से भरे होली के गीत गाए.
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जगदंबा मित्र मंडल के सत्यनारायण प्रजापत कहते हैं कि होली मस्ती और उल्लास का पर्व है और फाल्गुनी मस्ती फाल्गुन माह से पहले ही बसंत पंचमी के साथ ही शुरुआत करने की सालों की परंपरा है और इसी को निभाते हुए बसंत पंचमी से इसका आगाज करते हैं.
दरअसल, होली को लेकर विशेष क्रेज देखने को मिलता है और बसंत पंचमी के बाद होली तक लगातार हर चौराहे और चौक में देर रात तक लोग डफ के साथ होली के गीत गाते हुए नजर आते हैं. इन गीतों में भगवान श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम से जुड़े प्रसंगों का उल्लेख होता है और दोनों के बीच होने वाली प्रेम व्यंग्य का जिक्र होता है.