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बीकानेर: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही राज्य सरकार द्वारा लागू की गई पोषाहार योजना

राज्य सरकार द्वारा लागू की गई आंगनवाड़ी पोषाहार योजना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस नई योजना को सरकार अपने स्तर पर ही चलाए, क्योंकि समूह की महिलाओं ने इस काम को करने से बिल्कुल मना कर दिया है.

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गनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही पोषाहार योजना
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Published : Feb 20, 2020, 8:52 PM IST

बीकानेर. 15 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा लागू की गई आंगनबाड़ी पोषाहार योजना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही है और अब इसका विरोध भी शुरू हो गया है. बीकानेर में गुरुवार को जिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की महिलाओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी में पोषाहार योजना शुरू की है, जिसमें पोषाहार की मात्रा को बढ़ा दिया है, लेकिन दरें नहीं बढाई है. ऐसे में इतनी कम दरों में पोषाहार उपलब्ध करवा पाना मुश्किल है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही पोषाहार योजना

पढ़ें: दलित युवकों से मारपीट का मामला गरमाया, पूनिया ने कहा- प्रदेश सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था फेल

उन्होंने बताया कि निर्धारित पोषाहार में पक्का केला, मौसमी, दूध, बेसन और तिल के लड्डू, पोहा, अंकुरित उबली दाले, मीठा दलिया, मूंग दाल, रोटी सब्जी और दाल खीचड़ी चावल के साथ उक्त व्यंजन अलग-अलग वार को दिया जाता है. सरकार की ओर से नाश्ते का व्यय 3.50 रुपये और भोजन का व्यय 4.50 रुपए निर्धारित किया गया, जबकि इस दर से बाजार में नाश्ता और भोजन सामग्री कैसे उपलब्ध हो पाएगी.

उन्होंने बताया कि भले ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों को भोजन वितरण करना हो, लेकिन आंगनबाड़ी की महिलाओं के पास पहले से सरकार की छह योजनाओं की जिम्मेदारी है. ऐसे में इस नई योजना से आंगनबाड़ी की महिलाओं को लाभ नहीं, बल्कि समूह को घाटा होगा. आंगनबाड़ी का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वावलम्बी बनाना है. ऐसे में इस नई योजना को सरकार अपने स्तर पर ही चलाए, क्योंकि समूह की महिलाओं ने इस काम को करने से बिल्कुल मना कर दिया है.

बीकानेर. 15 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा लागू की गई आंगनबाड़ी पोषाहार योजना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही है और अब इसका विरोध भी शुरू हो गया है. बीकानेर में गुरुवार को जिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की महिलाओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी में पोषाहार योजना शुरू की है, जिसमें पोषाहार की मात्रा को बढ़ा दिया है, लेकिन दरें नहीं बढाई है. ऐसे में इतनी कम दरों में पोषाहार उपलब्ध करवा पाना मुश्किल है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रही पोषाहार योजना

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उन्होंने बताया कि निर्धारित पोषाहार में पक्का केला, मौसमी, दूध, बेसन और तिल के लड्डू, पोहा, अंकुरित उबली दाले, मीठा दलिया, मूंग दाल, रोटी सब्जी और दाल खीचड़ी चावल के साथ उक्त व्यंजन अलग-अलग वार को दिया जाता है. सरकार की ओर से नाश्ते का व्यय 3.50 रुपये और भोजन का व्यय 4.50 रुपए निर्धारित किया गया, जबकि इस दर से बाजार में नाश्ता और भोजन सामग्री कैसे उपलब्ध हो पाएगी.

उन्होंने बताया कि भले ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों को भोजन वितरण करना हो, लेकिन आंगनबाड़ी की महिलाओं के पास पहले से सरकार की छह योजनाओं की जिम्मेदारी है. ऐसे में इस नई योजना से आंगनबाड़ी की महिलाओं को लाभ नहीं, बल्कि समूह को घाटा होगा. आंगनबाड़ी का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वावलम्बी बनाना है. ऐसे में इस नई योजना को सरकार अपने स्तर पर ही चलाए, क्योंकि समूह की महिलाओं ने इस काम को करने से बिल्कुल मना कर दिया है.

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