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SPECIAL: बीकानेर में खाद्य सुरक्षा में सभी वंचितों को सरकारी खाद्यान्न मिलने का प्रशासन का दावा

कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन और अनलॉक होने के बाद भी आम लोगों के जनजीवन पर खासा असर देखने को मिला. जहां एक ओर लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. वही वंचित और गरीब जरूरतमंदों के सामने भी मुंह के निवाले को लेकर खासी परेशानी हुई. लेकिन सरकारी अधिकारियों का दावा है कि सरकार की योजना से आमजन तक राहत सामग्री पहुंची है.

Food safety department, etv bharat hindi news
वंचितों को सरकारी खाद्यान्न मिलने का दावा
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Published : Jul 21, 2020, 10:51 PM IST

बीकानेर. कोरोना काल में आम व्यक्ति के जीवन पर खासा प्रभाव पड़ा है. पहले हुए लॉकडाउन के चलते सभी प्रकार की औद्योगिक गतिविधियां, व्यापार और दुकानें पूरी तरह से बंद रही. जिसके चलते अर्थव्यवस्था पर खासा प्रभाव पड़ा. वहीं दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को सामने भी रोजी रोटी का संकट आ गया.

हालांकि लॉकडाउन में ऐसे लोगों के संकट को देखते हुए सरकार ने भी अपनी तरफ से सहायता पहुंचाने के लिए काम किया तो, वहीं भामाशाह और सामाजिक संस्थाओं ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए. बात करे बीकानेर की तो यहां अधिकारियों का दावा है कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से लेकर अब तक सरकारी स्तर पर सभी जरूरतमंदों को सरकारी सहायता मिली है. बीकानेर के जिला रसद अधिकारी यशवंत भाकर कहते हैं कि अप्रैल से लेकर जून तक गेहूं, दाल और चना का जरूरतमंद परिवारों को वितरण किया गया है.

वंचितों को सरकारी खाद्यान्न मिलने का दावा

उन्होंने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को भी रसद सामग्री का वितरण किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी सभी पात्र लोगों को पूरे राशन का वितरण हुआ है. भाकर ने कहा कि आत्मनिर्भर योजना के तहत जिले में ऐसे से जुड़े 14 लाख 88 हजार 511 हजार लाभार्थी हैं. जिन्हें 5 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति और 5 किलो दाल प्रति परिवार दी जा रही है और यह नवंबर तक जारी रहेगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी इतना ही मात्रा में राशन 2 महीने तक दिया गया है.

पढ़ेंः Ground Report : गरीबों के हक पर डाका...डूंगरपुर में गेहूं, चावल और चीनी चट कर गए 'घोटालेबाज'

भाकर ने बताया कि इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य 36 श्रेणियों में 93321 परिवार, जिसमें 321203 लाभार्थी रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्हें भी यह राशन दिया गया है. जिला रसद विभाग के निरीक्षक संदीप कहते हैं कि 26 जून तक जिले में सभी वंचितों और जरूरतमंदों को संपूर्ण खाद्यान्न का वितरण कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 26 जून तक किए गए वितरण में 26 जून तक रजिस्टर्ड होने वाले परिवारों को और लाभार्थियों को भी इसका वितरण किया गया है.

Food safety department, etv bharat hindi news
राशन सामग्री का एकत्रित

पढ़ेंः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने दिव्यांगों को वितरित की साइकिल और राशन

उन्होंने कहा कि अब सरकार की ओर से कोरोना संकट के बीच 2 माह तक और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन दिया जाना है और जिसके आदेश आने के साथ ही उसका भी वितरण शुरू कर दिया जाएगा. बीकानेर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल और मई माह में 14 लाख 86 हजार 511 जून माह में 14 लाख 88 हजार 916 लाभार्थियों को गेहूं और चना और दाल का वितरण किया गया.

Food safety department, etv bharat hindi news
गेहूं के पैकेट...

पढ़ेंः धौलपुर: राशन डीलर के खिलाफ महिलाओं ने कलेक्टर को दिया शिकायत पत्र

वहीं प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य 36 श्रेणियों के वंचितों में मई और जून माह में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बीकानेर जिले के 93321 परिवारों के 321203 व्यक्तियों को 2551 मीट्रिक टन गेहूं और 134 मीट्रिक टन चना का वितरण किया गया है. विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल माह में पात्र लोगों में कुल 94 फीसदी, मई में 95 फीसदी और जून में 99 फीसदी लोगों ने योजना के तहत राशन लिया है. वहीं आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मई और जून महीने में 80 फीसदी लोगों ने गेहूं और 72 फीसदी लोगों को चना और दाल का वितरण किया गया.

बीकानेर. कोरोना काल में आम व्यक्ति के जीवन पर खासा प्रभाव पड़ा है. पहले हुए लॉकडाउन के चलते सभी प्रकार की औद्योगिक गतिविधियां, व्यापार और दुकानें पूरी तरह से बंद रही. जिसके चलते अर्थव्यवस्था पर खासा प्रभाव पड़ा. वहीं दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को सामने भी रोजी रोटी का संकट आ गया.

हालांकि लॉकडाउन में ऐसे लोगों के संकट को देखते हुए सरकार ने भी अपनी तरफ से सहायता पहुंचाने के लिए काम किया तो, वहीं भामाशाह और सामाजिक संस्थाओं ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए. बात करे बीकानेर की तो यहां अधिकारियों का दावा है कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से लेकर अब तक सरकारी स्तर पर सभी जरूरतमंदों को सरकारी सहायता मिली है. बीकानेर के जिला रसद अधिकारी यशवंत भाकर कहते हैं कि अप्रैल से लेकर जून तक गेहूं, दाल और चना का जरूरतमंद परिवारों को वितरण किया गया है.

वंचितों को सरकारी खाद्यान्न मिलने का दावा

उन्होंने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को भी रसद सामग्री का वितरण किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी सभी पात्र लोगों को पूरे राशन का वितरण हुआ है. भाकर ने कहा कि आत्मनिर्भर योजना के तहत जिले में ऐसे से जुड़े 14 लाख 88 हजार 511 हजार लाभार्थी हैं. जिन्हें 5 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति और 5 किलो दाल प्रति परिवार दी जा रही है और यह नवंबर तक जारी रहेगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी इतना ही मात्रा में राशन 2 महीने तक दिया गया है.

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भाकर ने बताया कि इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य 36 श्रेणियों में 93321 परिवार, जिसमें 321203 लाभार्थी रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्हें भी यह राशन दिया गया है. जिला रसद विभाग के निरीक्षक संदीप कहते हैं कि 26 जून तक जिले में सभी वंचितों और जरूरतमंदों को संपूर्ण खाद्यान्न का वितरण कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 26 जून तक किए गए वितरण में 26 जून तक रजिस्टर्ड होने वाले परिवारों को और लाभार्थियों को भी इसका वितरण किया गया है.

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राशन सामग्री का एकत्रित

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उन्होंने कहा कि अब सरकार की ओर से कोरोना संकट के बीच 2 माह तक और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन दिया जाना है और जिसके आदेश आने के साथ ही उसका भी वितरण शुरू कर दिया जाएगा. बीकानेर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल और मई माह में 14 लाख 86 हजार 511 जून माह में 14 लाख 88 हजार 916 लाभार्थियों को गेहूं और चना और दाल का वितरण किया गया.

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वहीं प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य 36 श्रेणियों के वंचितों में मई और जून माह में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बीकानेर जिले के 93321 परिवारों के 321203 व्यक्तियों को 2551 मीट्रिक टन गेहूं और 134 मीट्रिक टन चना का वितरण किया गया है. विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल माह में पात्र लोगों में कुल 94 फीसदी, मई में 95 फीसदी और जून में 99 फीसदी लोगों ने योजना के तहत राशन लिया है. वहीं आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मई और जून महीने में 80 फीसदी लोगों ने गेहूं और 72 फीसदी लोगों को चना और दाल का वितरण किया गया.

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