भीलवाड़ा. पानी अनमोल है. इसे व्यर्थ न बहाएं. विज्ञापनों में ऐसे निर्देश अक्सर लिखे देखे जा सकते हैं, लेकिन भीलवाड़ा शहर में सीवरेज कार्य के चलते कई जगह पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो शहर में कई इलाकों पेयजल लाइन टूटी मिली.
शहर में चल रहे सीवर लाइन बिछाने के काम के कारण कई जगह पेयजल लाइन टूट गई है. इससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है. भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कई जगह 72 घंटे के अंतराल में पेयजल सप्लाई हो रही है. ईटीवी भारत की टीम ने भीलवाड़ा शहर के प्रमुख इलाकों में पड़ताल की तो सड़कों पर हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहता दिखा. भले ही भीलवाड़ा जिले में चंबल पेयजल योजना लागू हो गई जिससे भीलवाड़ा शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्र में चंबल पेयजल से पानी उपलब्ध होने लगा है.
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता लादू लाल पितलिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मैं सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र का निवासी हूं. हमारे विधानसभा क्षेत्र मे 66 ग्राम पंचायत है. वहां गांव-गांव ढाणी का दौरा कर रहा हूं. सभी जगह पानी की समस्या है. जहां पुराने बोरवेल हैं, उनकी मोटर भी खराब है. मैं खुद के पैसे से उन बोरवेल की मोटरों को ठीक करवा रहा हूं. जिले के कई क्षेत्र में चंबल का पानी पहुंच गया है लेकिन हमारे इलाके में पानी नहीं पहुंचा है. इससे क्षेत्रवासियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
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शिकायतों के बाद भी नहीं होती सुनवाई
पाइप लाइन के लीकेज को ठीक कर रहे बडला चौराहे पर कैलाश ने कहा कि यहां कई दिनों से पानी भरा रहता था. पेयजल लाइन खराब हो गई है. रोजाना काफी मात्रा में पानी बह जा रहा था. वहीं क्षेत्र में व्यवसाय कर रहे विमल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि भीलवाड़ा में पानी की समस्या है. पानी व्यर्थ बह रहा है. हमारी दुकान के सामने 1 महीने से लीकेज की समस्या है. हमने 15 बार शिकायत कर दी है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. शहर के प्रदीप व्यास ने बताया कि शहर में सीवरेज लाइन का काम चल रहा है. इस कारण जगह-जगह रोड को खोदा जा रहा है. इससे कई जगह पर पानी की पाइप लाइन टूट गई है. जिससे हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जा रहा है. प्रशासन को इन पेयजल लाइनों को ठीक करवाना चाहिए जिससे पानी वेस्ट न हो.
चंबल योजना के तहत होती है सप्लाई
भीलवाड़ा जिले में पेयजल की स्थिति को लेकर ईटीवी भारत की टीम जलदाय विभाग के कार्यालय पहुंची जहां विभाग के अधीक्षण अभियंता डीएम व्यास ने ईटीवी भारत से कहा कि भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में विभिन्न योजनाओं से पेयजल सप्लाई हो रही है. जिले मे चंबल योजना के तहत सप्लाई की जा रही है. भीलवाड़ा जिले के 1887 गांव में से 789 गांव में चंबल का पानी पहुंच गया है और बाकी जगह काम चल रहा है. वहीं भीलवाड़ा जिले के 9 में से 7 शहरों में चंबल का पानी सप्लाई हो रहा है. गंगापुर और गुलाबपुरा में अभी कार्य चल रहा है. जहां पुरानी लाइन है, वह टूट गई हैं और उनको ठीक करवाने के लिए डीएमएफटी से प्रस्ताव भेजा है.
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वहीं भीलवाड़ा जिले में जल स्तर को लेकर कुछ क्षेत्र सैंड स्टोन का क्षेत्र है. वहां कुछ एरिया मिट्टी वाला है. चंबल का पेयजल आने के बाद यहां भूजल स्तर में सुधार आया है. जिले में 171426 कुल पेयजल कनेक्शन हैं. इसमें से भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 62813 व शहरी क्षेत्र व जिले के कस्बे में 108613 कनेक्शन हैं. वही भीलवाड़ा शहर में इनमें से 62450 कनेक्शन हैं. यह इंडस्ट्रियल, डोमेस्टिक वह घरेलू कनेक्शन हैं. जिले में 135 एलपी पानी सप्लाई किया जा रहा है. प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी देने का लक्ष्य रखा है.
भीलवाड़ा शहर में 24 से 48 घंटे में पेयजल सप्लाई की जा रही है. वहीं गंगापुर क्षेत्र में अभी चंबल का पानी नहीं पहुंचने के कारण 72 घंटे के अंतराल में पेयजल सप्लाई की जा रही है. वहीं जनगणना के आधार पर ही पेयजल सप्लाई का समय निश्चित किया जाता है. अभी भीलवाड़ा जिले में टूटी पाइप लाइन को ठीक करवाजा जा रहा है. साथ ही पाइप लीकेज में किसकी तरफ से लापरवाही बरती जा रही है, इसकी भी जांच की जा रही है.
भीलवाड़ा जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते से जब इस बारे में ईटीवी भारत ने पूछा तो उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा शहर में आरयूडीपी के तहत सीवरेज का काम चल रहा है. लगातार काम की मॉनिटरिंग की जा रही है, लेकिन कई जगह पेयजल लाइन टूटने की शिकायत मिली है. उसको भी ठीक करवाने के आदेश दिए गए हैं जिससे पानी व्यर्थ न हो.