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भीलवाड़ा में भगवान चारभुजानाथ की बारात मामला: एसपी और कलेक्टर ने की बैठक...बोले- धारा 188 की अवहेलना की इसलिए 33 के खिलाफ की FIR

भीलवाड़ा में भगवान चारभुजा नाथ की बारात (The procession of Lord Charbhujanath Case in Bhilwara) के दौरान हंगामे की घटना को लेकर बुधवार को एसपी और जिला कलेक्टर (SP and Collector held meeting in Bhilwara) ने मीडिया से बातचीत की और घटना को लेकर जानकारी देते हुए अपना पक्ष रखा.

भीलवाड़ा में भगवान चारभुजानाथ की बारात मामला
एसपी-कलेक्टर ने की बातचीत
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Published : Apr 13, 2022, 6:43 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 11:10 PM IST

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा शहर में कोटड़ी चारभुजा नाथ की बारात में शामिल 33 लोगों के खिलाफ दर्ज केस का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा है. इसे लेकर शहर में दो संगठनों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया तो वहीं पूरा कोटडी कस्बा आज बंद रहा. इसको लेकर आज जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित सभागार (SP and Collector held meeting in Bhilwara) में पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू और जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने मीडिया से बातचीत कर घटना के बारे में जानकारी दी.

एसपी सिद्धू ने कहा कि 11 अप्रैल को कोटड़ी चारभुजानाथ संग तुलसी विवाह में विधायकों व जनप्रतिनिधियों सहित 33 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर इसलिए की गई है क्योंकि उन लोगों ने धारा 188 की अवहेलना (FIR against 33 for disobeying section 188) की थी. पहले ही पुलिस प्रशासन और आयोजक के बीच बात और नियम-शर्तें तय हो गईं थीं. कोराना संक्रमण के दो साल बाद यह शोभायात्रा निकलनी थी, इसलिए हर पहलू को क्लीयर कर दिया गया था. आयोजकों ने जो रूट मांगा था वह भी हमने दिया था, इसके बाद तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार पुलिस की व्यवस्था की गई थी. इसी बीच कुछ लोग दूसरे रूट से जाने की मांग करने लगे जिसकी अनुमति देना संभव नहीं था. फिर भी अंतिम समय पर पुलिस प्रशासन ने रूट डायवर्ट कर शोभायात्रा को गंतव्य तक शांतिपूर्वक पहुंचाया.

एसपी-कलेक्टर ने की बातचीत

पढ़ें. Lord Charbhujanath marry with Tulsi- तुलसी संग ब्याह रचाने चले भगवान चारभुजा नाथ...पुलिस ने रोकी बारात तो हुई नोकझोंक

जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वे लोगों तक व्यवस्थाएं पहुंचाएं. यह प्राचीनकाल से चला आ रहा है कि जुलूस या शोभायात्रा से पहले पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी देनी होती है. 11 अप्रैल को तुलसी विवाह की शोभायात्रा में 2500 लोग कोटड़ी से और 1500 लोग स्थानीय शामिल होने की संभावना थी. इसी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था कर रखी थी. आयोजक ने तय नियम शर्तों का पालन नहीं किया. कोई भी धर्म या संगठन शोभायात्रा या जुलूस निकालना चाहे तो 72 घंटे पूर्व प्रशासन से संपर्क करे ताकि पुलिस की ओर से व्यवस्थाएं की जा सकें. हम लोगों के सहयोग के लिए हैं.

पढ़ें. प्रशासन ने नहीं दी अनुमति, धार्मिक समारोह में शामिल हुए 100 से ज्यादा भक्त...मुकदमा दर्ज, विरोध में कोटड़ी कस्बा बंद

समूचे घटनाक्रम के लिए कौन जिम्मेदार ?
बिंदौली में विवाद, आज कोटड़ी बंद, प्रदर्शन इन सबके लिए जिम्मेदार कौन है? क्या यह इंटेलिजेंस फेल्योर है? इस सवाल पर एसपी सिद्धू ने कहा कि यह कार्यक्रम के आयोजकों का फेल्योर था. उन्होंने जो लोग आए, उन्हें सही तरीके से कम्यूनिकेट नहीं किया कि किधर से गुजरना है. जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि समूचे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार कौन है और कहां चूक हुई इसके लिए अलग से मंथन और कार्रवाई की जाएगी.

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा शहर में कोटड़ी चारभुजा नाथ की बारात में शामिल 33 लोगों के खिलाफ दर्ज केस का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा है. इसे लेकर शहर में दो संगठनों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया तो वहीं पूरा कोटडी कस्बा आज बंद रहा. इसको लेकर आज जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित सभागार (SP and Collector held meeting in Bhilwara) में पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू और जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने मीडिया से बातचीत कर घटना के बारे में जानकारी दी.

एसपी सिद्धू ने कहा कि 11 अप्रैल को कोटड़ी चारभुजानाथ संग तुलसी विवाह में विधायकों व जनप्रतिनिधियों सहित 33 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर इसलिए की गई है क्योंकि उन लोगों ने धारा 188 की अवहेलना (FIR against 33 for disobeying section 188) की थी. पहले ही पुलिस प्रशासन और आयोजक के बीच बात और नियम-शर्तें तय हो गईं थीं. कोराना संक्रमण के दो साल बाद यह शोभायात्रा निकलनी थी, इसलिए हर पहलू को क्लीयर कर दिया गया था. आयोजकों ने जो रूट मांगा था वह भी हमने दिया था, इसके बाद तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार पुलिस की व्यवस्था की गई थी. इसी बीच कुछ लोग दूसरे रूट से जाने की मांग करने लगे जिसकी अनुमति देना संभव नहीं था. फिर भी अंतिम समय पर पुलिस प्रशासन ने रूट डायवर्ट कर शोभायात्रा को गंतव्य तक शांतिपूर्वक पहुंचाया.

एसपी-कलेक्टर ने की बातचीत

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जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वे लोगों तक व्यवस्थाएं पहुंचाएं. यह प्राचीनकाल से चला आ रहा है कि जुलूस या शोभायात्रा से पहले पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी देनी होती है. 11 अप्रैल को तुलसी विवाह की शोभायात्रा में 2500 लोग कोटड़ी से और 1500 लोग स्थानीय शामिल होने की संभावना थी. इसी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था कर रखी थी. आयोजक ने तय नियम शर्तों का पालन नहीं किया. कोई भी धर्म या संगठन शोभायात्रा या जुलूस निकालना चाहे तो 72 घंटे पूर्व प्रशासन से संपर्क करे ताकि पुलिस की ओर से व्यवस्थाएं की जा सकें. हम लोगों के सहयोग के लिए हैं.

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समूचे घटनाक्रम के लिए कौन जिम्मेदार ?
बिंदौली में विवाद, आज कोटड़ी बंद, प्रदर्शन इन सबके लिए जिम्मेदार कौन है? क्या यह इंटेलिजेंस फेल्योर है? इस सवाल पर एसपी सिद्धू ने कहा कि यह कार्यक्रम के आयोजकों का फेल्योर था. उन्होंने जो लोग आए, उन्हें सही तरीके से कम्यूनिकेट नहीं किया कि किधर से गुजरना है. जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि समूचे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार कौन है और कहां चूक हुई इसके लिए अलग से मंथन और कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Apr 13, 2022, 11:10 PM IST
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