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भीलवाड़ाः सरकारी अध्यादेश के विरोध में कृषि उपज मंडी में हड़ताल जारी, करोड़ों का हो रहा नुकसान

भीलवाड़ा में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश के विरोध में कृषि उपज मंडी बुधवार को भी बंद रही. मंडी के व्यापारियों ने इस अध्यादेश के विरोध में 4 दिन की हड़ताल रखने का आह्वान किया था.

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हड़ताल जारी
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Published : Aug 26, 2020, 5:14 PM IST

भीलवाड़ा. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश के विरोध में बुधवार को दूसरे दिन भी भीलवाड़ा की कृषि उपज मंडी बंद रही. कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने इस अध्यादेश के विरोध में 4 दिन की हड़ताल रखने का आह्वान किया था.

कृषि उपज मंडी में हड़ताल जारी

मंडी बंद होने के कारण धरतीपुत्र किसानों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही उन्हें बारिश के वजह से अपने उपज खराब होने की आशंका भी सता रही है. वहीं, मंडी बंद होने के कारण रोजाना 1 से 2 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.

पढ़ें- ठेका दिलवाने के लिए मांगे थे 22 हजार, 10 हजार की रिश्वत लेते प्रोजेक्ट हेल्पर चढ़ा ACB के हत्थे

महात्मा ज्योतिबा फुले कृषि उपज मंडी खाद्यान्न व्यापार संघ के अध्यक्ष मुरली नानी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मंडी के बाहर भी व्यापारियों द्वारा तहसील खरीदने का निर्णय लिया है. उससे कृषि मंडियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. अब किसान मंडी शेष के कारण यहां पर अपना माल बेचने नहीं आएंगे. जिससे यहां पर व्यापारियों को अपना काम बंद करना पड़ जाएगा.

इसके साथ ही राज्य सरकार ने जो कृषि कल्याण के नाम से 1 फीसदी का व्यापारियों पर टैक्स लगाया है. जहां पहले मंडी में रोजाना 1 से 2 करोड़ रुपए की इनकम हो जाती थी, लेकिन अब यह इनकम ना के बराबर होगी. उससे अब यह मंडियां वीरान हो जाएंगी.

पढ़ें- तिजारा में अतिक्रमण करने वालों को वक्फ बोर्ड चेयरमैन की दो टूक, कहा- जेल जाने को रहे तैयार

वहीं, दूसरी ओर भीलवाड़ा की कृषि मंडी में अपना माल बेचने आए उदयलाल का कहना है कि हम रायसिंगपुरा से यहां चना बेचने आये हैं. लेकिन मंडी बंद होने के कारण हमें वापस जाना पड़ रहा है. जिसके कारण यहां से आने और जाने का माल भाड़े का हमें नुकसान उठाना पड़ रहा है.

भीलवाड़ा. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश के विरोध में बुधवार को दूसरे दिन भी भीलवाड़ा की कृषि उपज मंडी बंद रही. कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने इस अध्यादेश के विरोध में 4 दिन की हड़ताल रखने का आह्वान किया था.

कृषि उपज मंडी में हड़ताल जारी

मंडी बंद होने के कारण धरतीपुत्र किसानों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही उन्हें बारिश के वजह से अपने उपज खराब होने की आशंका भी सता रही है. वहीं, मंडी बंद होने के कारण रोजाना 1 से 2 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.

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महात्मा ज्योतिबा फुले कृषि उपज मंडी खाद्यान्न व्यापार संघ के अध्यक्ष मुरली नानी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मंडी के बाहर भी व्यापारियों द्वारा तहसील खरीदने का निर्णय लिया है. उससे कृषि मंडियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. अब किसान मंडी शेष के कारण यहां पर अपना माल बेचने नहीं आएंगे. जिससे यहां पर व्यापारियों को अपना काम बंद करना पड़ जाएगा.

इसके साथ ही राज्य सरकार ने जो कृषि कल्याण के नाम से 1 फीसदी का व्यापारियों पर टैक्स लगाया है. जहां पहले मंडी में रोजाना 1 से 2 करोड़ रुपए की इनकम हो जाती थी, लेकिन अब यह इनकम ना के बराबर होगी. उससे अब यह मंडियां वीरान हो जाएंगी.

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वहीं, दूसरी ओर भीलवाड़ा की कृषि मंडी में अपना माल बेचने आए उदयलाल का कहना है कि हम रायसिंगपुरा से यहां चना बेचने आये हैं. लेकिन मंडी बंद होने के कारण हमें वापस जाना पड़ रहा है. जिसके कारण यहां से आने और जाने का माल भाड़े का हमें नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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