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स्पेशल रिपोर्ट: नशे की लत से युवाओं को दूर करती नशा मुक्ति टीम...अब तक 5 हजार युवाओं की संवारी जिंदगी

नशा एक गंभीर समाजिक बुराई है. नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है. जहां एक तरफ युवा नशे की ओर जा रहे है. वहीं भीलवाड़ा की नशा मुक्ति टीम पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है. नशा मुक्ति टीम ने भीलवाड़ा सहित आसपास के जिले के 5 हजार युवाओं को नशे से दूर किया है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट.

Bhilwara de addiction team, भीलवाड़ा की नशा मुक्ति टीम
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Published : Oct 5, 2019, 5:40 PM IST

भीलवाड़ा. देश में युवाओं की धीरे-धीरे नशे की लत बढ़ रही है. इसको रोकने के लिए भीलवाड़ा जिले के अगरपुरा गांव में एक शख्स नारायण लाल जाट आगे आया है. नारायण लाल जाट के नेतृत्व में नशा मुक्ति टीम बनी हुई है. जो प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है. इस टीम ने अब तक 5000 युवाओं को नशे की लत से दूर कर सादा जीवन जीने के विचार सीखा रही हैं. ये टीम नशा छोड़ने वाले युवाओं को देशी घी देकर शरीर स्वस्थ रहने का संदेश दे रही हैं.

भीलवाड़ा में नशे की लत से युवाओं को दूर करती नशा मुक्ति टीम

नशा मुक्ति टीम की हर तरफ सराहना
नशा मुक्ति के गांव में ईटीवी भारत ने जब बात की तो बड़े से लेकर बुजुर्गों ने इस टीम की सराहना की. पूरा गांव इस टीम की तारीफ करते नजर आया. वहीं गांव में जगह-जगह देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर लगे हुए हैं. जिस पर नशे से होने वाले नुकसान के स्लोगन लिखे हुए हैं. वहीं इस टीम द्वारा जो टी-शर्ट पहन रखा है.उसपर नशा छोड़ने को लेकर स्लोगन लिखा है.

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टीम की प्रेरणा से अब नशा करने वाले बहुत कम
वहीं गांव की एक महिला ने बताया कि गांव में अफीम, गांजा,भांग का नशा पहले ज्यादा करते थे. लेकिन इन टीम की प्रेरणा से अब नशा करने वाले बहुत कम रह गए हैं. वही नशा छोड़ने वाली टीम के सदस्य जगदीश जाट ने बताया कि हम नशे के बारे में लोगों को समझाते हैं और उनके शरीर में नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं. साथ ही नशा छोड़ने पर जब जरूरत होती है तो उनको दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जाती है. हम गुटखा, शराब, अफीम, बीड़ी, सिगरेट सभी तरह का नशा छुड़वा देते हैं. बताया की सबसे पहले 100 आदमियों की टीम थी. जो धीरे-धीरे अब बढ़कर 1 हजार के करीब पहुंच गई है. जो राजस्थान के कई जिलों में काम कर रही है.

टीम की बदौलत मैंने छोड़ी नशे की लत
वहीं नशा छोड़ने वाले शख्स प्रकाश ने ईटीवी भारत को बताया कि गांव की नशा मुक्ति टीम की प्रेरणा से मैंने नशा छोड़ा है. साथ ही दूसरों को भी मैं हमेशा नशे से होने वाली हानि के बारे में बताता हूं. मेरे खुद के बारे में बताता हूं कि मैंने भी नशा छोड़ने के बाद मेरे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ा है. वहीं नशा मुक्ति अभियान के संयोजक नारायण लाल भदाला की मां ने बताया कि पहले हमारे गांव में बहुत से युवा नशे के आदि थे. लेकिन मेरे बेटे और उनकी टीम द्वारा पहल करने के बाद अब काफी संख्या में युवा ने नशे से दूर हो गए हैं.

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नशा मुक्ति अभियान के संयोजक ने बताया ऐसी मिली प्रेरणा
वहीं नशा मुक्ति अभियान के संयोजक अगरपुरा के निवासी नारायणलाल जाट ने बताया कि इसकी शुरुआत मैंने आज से 12 वर्ष पहले की थी. जब मैं नवी क्लास में पढ़ता था. तब मेरे बड़े भाई व गांव के 1 व्यक्ति की एक्सीडेंट में मौत हो गई. मेरे भाई ने नशा नहीं कर रखा था, लेकिन टक्कर मारने वाली गाड़ी के ड्राइवर ने नशा कर रखा था. जिससे मेरे भाई को टक्कर मार दी और उनकी मौत हो गई. उसके बाद मेरी एक सोच बन गई. इसी सोच के कारण उसी दिन से यह प्रयास में में लगा कि जब इस नशे के कारण मेरा परिवार बर्बाद हो सकता है तो आने वाले कोई भी परिवार इस नशे के कारण बर्बाद ना हो. साथ ही हमें आने वाली पीढ़ी को नशे से मुक्त करना चाहिए. आज स्थिति यह है कि पूरे जिले सहित राजस्थान के अन्य जिलों में भी हमारी टीम तैयार हो गई है. लगभग 1000 युवाओं की टीम है. जो हर समय तैयार रहकर लोगों को नशा छोड़ने की प्रेरणा देती हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 5000 युवाओं को नशे से दूर किया है. जिसका लिस्ट उनके पास है.

भीलवाड़ा. देश में युवाओं की धीरे-धीरे नशे की लत बढ़ रही है. इसको रोकने के लिए भीलवाड़ा जिले के अगरपुरा गांव में एक शख्स नारायण लाल जाट आगे आया है. नारायण लाल जाट के नेतृत्व में नशा मुक्ति टीम बनी हुई है. जो प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है. इस टीम ने अब तक 5000 युवाओं को नशे की लत से दूर कर सादा जीवन जीने के विचार सीखा रही हैं. ये टीम नशा छोड़ने वाले युवाओं को देशी घी देकर शरीर स्वस्थ रहने का संदेश दे रही हैं.

भीलवाड़ा में नशे की लत से युवाओं को दूर करती नशा मुक्ति टीम

नशा मुक्ति टीम की हर तरफ सराहना
नशा मुक्ति के गांव में ईटीवी भारत ने जब बात की तो बड़े से लेकर बुजुर्गों ने इस टीम की सराहना की. पूरा गांव इस टीम की तारीफ करते नजर आया. वहीं गांव में जगह-जगह देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर लगे हुए हैं. जिस पर नशे से होने वाले नुकसान के स्लोगन लिखे हुए हैं. वहीं इस टीम द्वारा जो टी-शर्ट पहन रखा है.उसपर नशा छोड़ने को लेकर स्लोगन लिखा है.

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टीम की प्रेरणा से अब नशा करने वाले बहुत कम
वहीं गांव की एक महिला ने बताया कि गांव में अफीम, गांजा,भांग का नशा पहले ज्यादा करते थे. लेकिन इन टीम की प्रेरणा से अब नशा करने वाले बहुत कम रह गए हैं. वही नशा छोड़ने वाली टीम के सदस्य जगदीश जाट ने बताया कि हम नशे के बारे में लोगों को समझाते हैं और उनके शरीर में नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं. साथ ही नशा छोड़ने पर जब जरूरत होती है तो उनको दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जाती है. हम गुटखा, शराब, अफीम, बीड़ी, सिगरेट सभी तरह का नशा छुड़वा देते हैं. बताया की सबसे पहले 100 आदमियों की टीम थी. जो धीरे-धीरे अब बढ़कर 1 हजार के करीब पहुंच गई है. जो राजस्थान के कई जिलों में काम कर रही है.

टीम की बदौलत मैंने छोड़ी नशे की लत
वहीं नशा छोड़ने वाले शख्स प्रकाश ने ईटीवी भारत को बताया कि गांव की नशा मुक्ति टीम की प्रेरणा से मैंने नशा छोड़ा है. साथ ही दूसरों को भी मैं हमेशा नशे से होने वाली हानि के बारे में बताता हूं. मेरे खुद के बारे में बताता हूं कि मैंने भी नशा छोड़ने के बाद मेरे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ा है. वहीं नशा मुक्ति अभियान के संयोजक नारायण लाल भदाला की मां ने बताया कि पहले हमारे गांव में बहुत से युवा नशे के आदि थे. लेकिन मेरे बेटे और उनकी टीम द्वारा पहल करने के बाद अब काफी संख्या में युवा ने नशे से दूर हो गए हैं.

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नशा मुक्ति अभियान के संयोजक ने बताया ऐसी मिली प्रेरणा
वहीं नशा मुक्ति अभियान के संयोजक अगरपुरा के निवासी नारायणलाल जाट ने बताया कि इसकी शुरुआत मैंने आज से 12 वर्ष पहले की थी. जब मैं नवी क्लास में पढ़ता था. तब मेरे बड़े भाई व गांव के 1 व्यक्ति की एक्सीडेंट में मौत हो गई. मेरे भाई ने नशा नहीं कर रखा था, लेकिन टक्कर मारने वाली गाड़ी के ड्राइवर ने नशा कर रखा था. जिससे मेरे भाई को टक्कर मार दी और उनकी मौत हो गई. उसके बाद मेरी एक सोच बन गई. इसी सोच के कारण उसी दिन से यह प्रयास में में लगा कि जब इस नशे के कारण मेरा परिवार बर्बाद हो सकता है तो आने वाले कोई भी परिवार इस नशे के कारण बर्बाद ना हो. साथ ही हमें आने वाली पीढ़ी को नशे से मुक्त करना चाहिए. आज स्थिति यह है कि पूरे जिले सहित राजस्थान के अन्य जिलों में भी हमारी टीम तैयार हो गई है. लगभग 1000 युवाओं की टीम है. जो हर समय तैयार रहकर लोगों को नशा छोड़ने की प्रेरणा देती हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 5000 युवाओं को नशे से दूर किया है. जिसका लिस्ट उनके पास है.

Intro:भीलवाड़ा- भले ही देश में युवाओं की धीरे-धीरे नशे की और लत बढ़ रही है इसको रोकने के लिए भीलवाड़ा जिले के अगरपुरा गांव के नारायण लाल जाट के नेतृत्व में बनी नशा मुक्ति टीम पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई है । जहां अब तक 5000 युवाओं को नशे की लत से दूर कर सादा जीवन जीने के विचार सिखा रहे हैं । इस मौके पर नशा छोड़ने वाले युवाओं को देशी घी देकर शरीर स्वस्थ रहने का संदेश दे रहे हैं।


Body:नोट- यह राजेश जी सर को पूछ कर भेजी गई है एक्सक्लूसिव खबर है इस खबर का वीडियो बाइट व 121 में विजुअल बिना वॉइसओवर के भेजे हैं जहां डेस्क द्वारा वॉइस ओवर कर स्पेशल लगाने का कष्ट करें ।


जहां वर्तमान समय में देश में युवाओं द्वारा नशे की लत दिनों दिन बढ़ती जा रही है वहीं भीलवाड़ा जिले के अगरपुरा गांव की नशा मुक्ति टीम पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही है। जहां अगरपुरा गांव के नारायण लाल भदाला के नेतृत्व में बनी नशा मुक्ति टीम भीलवाड़ा सहित आसपास के जिले के 5000 युवाओं को नशे से दूर किया । टीम द्वारा नशा छोड़ने पर उपहार स्वरूप देसी घी दिया जाता है । जिससे इनका शरीर तंदुरुस्त रह सके । साथ ही इनकी टीम प्रत्येक गांव में रात्रि चौपाल लगाकर नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं और नशा छोड़ने के बाद जीवन को अच्छा बनाने के लिए उपहार स्वरूप देसी घी दिया जाता है।
नशा मुक्ति के इस गांव में ईटीवी भारत की टीम धरातल पर पहुंची तो गांव के बड़े बुजुर्गों चाहे वृद्ध महिला हो सभी ने इस टीम की सराहना करते हुए कहा कि वाकई घर में नशे की लत दूर हो जाए तो घर में सुख शांति समृद्धि रह सकती है और पैसों की भी हानि नहीं रहेगी । जहां पूरे गांव के लोग इस टीम की काबिले तारीफ करते नजर आ रहे थे। वही गांव में जगह-जगह देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर लगे हुए हैं जिस पर नशे से होने वाले हानि लाभ के स्लोगन लिखे हुए हैं। वहीं इस टीम द्वारा जो टीशर्ट पहन रखा है जिसपर नशा छोड़ने को लेकर शब्द लिखे हुए हैं । टी-शर्ट पर नशा छोड़ें स्वस्थ रहें के स्लोगन लिखे रहे हैं लिख रखे हैं वह पीछे की तरफ एक विचार में विश्व बदल सकता है का स्लोगन लिखा हुआ है।
ईटीवी भारत की टीम ने गांव की महिला ने कहा कि नशे से शरीर में भारी नुकसान होता है और इसकी टीम बहुत सराहनीय काम कर रही है और हमारे गांव में जगह-जगह पोस्टर लगा रखे हैं जिसमें स्वस्थ रहे के पोस्टर लगा रखे हैं। एक विचार में विश्व बदल सकता है ।

बाईट- महिला

वही गांव की लाड देवी ने कहा कि गांव में अफीम, गांजा भांग का नशा पहले ज्यादा करते थे लेकिन इन टीम की प्रेरणा से अब नशा करने वाले बहुत कम रह गए हैं। वहीं गांव में जगह-जगह पोस्टर लगा रखे हैं व टीम गांव में नशा छोड़ स्वस्थ रहे के नारे लगा रहे थे. इस टीम द्वारा गांव के लोगो को समझाते हैं शरीर से नशे से होने वाले नुकसान बताते है।

बाईट-लाड देवी
ग्रामीण महिला

वही नशा छोड़ने वाली टीम के जगदीश जाट ने कहा कि हम नशे के बारे में लोगों को समझाते हैं और उनके शरीर में नशे से होने वाले नुकसान और फायदे के बारे में बताते हैं साथ ही नशा छोड़ने पर जब जरूरत होती है तो उनको दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जाती है । हम गुटखा ,शराब ,अफीम, बीड़ी व सिगरेट सभी तरह का नशा छुड़वा देते हैं। लोगों को चौपाल में नशे से पैसे व शरीर के नुकसान के बारे में बताते हैं। हमारे सबसे पहले 100 आदमियों की टीम थी जो धीरे-धीरे अब बढ़कर हजार के करीब पहुंच गई है ।जो राजस्थान के कहीं जिले में काम कर रही है।

बाईट- जगदीश जाट
नशा मुक्ति टीम का सदस्य

वही नशा छोड़ने वाले प्रकाश ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि में हमारे गांव की नशा मुक्ति टीम की प्रेरणा से मैंने नशा छोड़ा है और दूसरों को भी मैं हमेशा यही नशे से होने वाले लाभ हानि के बारे में बताता हूं और मेरे खुद के बारे में बताता हूं कि मैंने भी नशा छोड़ने के बाद मेरे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ा है।

बाईट- प्रकाश
नशा छोडने वाला

वही नशा मुक्ति अभियान के संयोजक नारायण लाल भदाला की मां ने कहा कि पहले हमारे गांव में बहुत से युवा नशे की लत में आदि थे लेकिन मेरे बेटे और उनकी टीम द्वारा पहल करने के बाद अब काफी संख्या में युवा ने नशे से दूर हो गए हैं।

बाईट नन्दू देवी
नशा मुक्ति अभियान के संयोजक नारायण लाल की मां

वही नशा मुक्ति अभियान के संयोजक अगरपुरा के निवासी नारायणलाल भदाला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत मैंने आज से 12 वर्ष पहले की थी। जब मैं नवी क्लास में पढ़ता था तब मेरे बड़े भाई व गांव के 1 लोग की एक्सीडेंट में मौत हो गई। मेरे भाई ने नशा नहीं कर रखा था लेकिन टक्कर मारने वाली गाड़ी के ड्राइवर ने नशा कर रखा था जिससे मेरे भाई को टक्कर मार दी और उनकी मौत हो गई। मेरे भाई की मौत के बाद हमारा परिवार ग्रत में चला गया ओर मेरे पिताजी को वापिस उठकर जवान होकर काम करना पड़ा । उसके बाद मेरी एक सोच बन गई इसी सोच के कारण उसी दिन से यह प्रयास में मैं लगा कि जब इस नशे के कारण मेरा परिवार बर्बाद हो सकता है तो आने वाले कोई भी परिवार इस नशे के कारण बर्बाद न हो । साथ ही हमे आने वाली पीढ़ी को नशे से मुक्त करना चाहिए। हम लोगों को नशा छोड़ो ,नशा छोड़ो के बारे में कहने लगे । आज स्थिति यह है कि पूरे जिले सहित राजस्थान के अन्य जिलों में भी हमारी टीम तैयार हो गई है लगभग 1000 युवाओं की टीम है जो हर समय तैयार रहकर लोगों को नशा छोड़ने की प्रेरणा देती हैं ।

आप लोगों को कैसे मोटिवेट करते हो के सवाल पर नारायण लाल ने कहा कि सबसे पहले तो हम एक गांव को सलेक्ट करते हैं । उस गांव मे शाम के समय चौपाल लगाते हैं जहां पूरा गांव एकत्रित होता है। उस गांव में हम बताते हैं कि नशे की वजह से कितना नुकसान होता है एक घर से लेकर देश तक इन नशे की वजह से बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। फिर उन्हें नशा छोड़ने पर जो रुपैया नशा करने में लगाते हो वह रुपए आपके जीवन में लगा दे तो जीवन को अच्छे से अच्छा बनाया जा सकता है के बारे मे बताते है।

हमारी टीम ने नशा छोड़ने पर देसी घी देने की योजना चला रखी है -नशा मुक्त युवा भारत टीम द्वारा अफीम छोड़ने पर हम प्रत्येक युवा को 10 किलो देसी घी । शराब छोड़ने पर प्रत्येक युवा को 10 किलो देसी घी व विमल ,गुटखा व तंबाकू छोड़ने पर 3 किलो देसी घी दिया जाता है। बिना पैसे के हम उनको हम मेहनत मजदूरी करके उनको घी देते हैं। नशा छोडने वाले का गांव वाले प्रमाण देने पर ही उनको घी दिया जाता है।

नशा छोड़ने के पीछे उद्देश्य के सवाल पर नारायण लाल ने ईटीवी भारत पर कहा कि जिस तरह मेरा परिवार बर्बाद हुआ। हो सके हम किसी के परिवार को बचाएं । जिसकी गलती नहीं होती है वह भी इसकी भेंट चढ़ जाता है। नशा करने वाले को मैं एक आतंकवादी की तरह मानता हूं कि जिस तरह सेना में बॉर्डर पर सेना के एक जवान उग्रवादी को मार कर हमेशा गर्व महसूस करता है ।उसी तरह अगर कोई नशा करने वाला हमारी वजह से नशा छोड़ता है तो हम यह मानते हैं कि मनुष्य जीवन हमने उस आदमी को दे दिया है। उसी के साथ हमारा सीना चौड़ा हो जाता है।

अब तक कितने युवाओं को नशे की लत से छुड़वाया के सवाल पर नारायण लाल ने कहा कि अब तक हमने 5000 युवाओं की हमारे पास लिस्ट है जिनको हमने नशे से मुक्ति दिलाई है वह यह कारवां भी हमारे साथ जुड़कर जो नशे के आदी व्यक्ति होते हैं उनको प्रेरणा देते हैं।

आगे नशा मुक्ति के लिए और क्या प्रयास किए जाएंगे के सवाल पर नारायण लाल ने कहा कि अब शराब को लेकर जहां प्रदेश में अनर्गल शराब के दुकानें चल रही है उनके खिलाफ हमने अभियान चला रखा है जिस तरह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि नशा मुक्ति देश हो हमारी सोच है कि देश अगर नशे से मुक्त होगा तो देश की उन्नति कितनी बढ़ेगी की कोई कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

अब देखना यह होगा कि नारायण लाल भदाला की तरह देश में और युवा किस तरह नशा मुक्ति के खिलाफ अभियान चलाते हैं जिससे देश के युवा नशे की लत से दूर हो सके।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

वन -टू- वन। - नारायण लाल भदाला

नशा मुक्ति युवा भारत टीम के संयोजक



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