भीलवाड़ा. कोरोना वायरस के कहर से परेशान कपड़ा नगरी भीलवाड़ा को प्लाज्मा थेरेपी की सुविधा मिलने जा रही है, जिससे गंभीर रूप से बीमार कोरोना संक्रमित व्यक्ति को राहत मिलने की उम्मीद जग गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति शनिवार को भीलवाड़ा को जारी कर दी.
इसके चलते प्लाज्मा दान करने के लिए अब किसी भी कोरोना संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति को जयपुर और उदयपुर नहीं जाना पड़ेगा. इसके बाद शनिवार को शहर की आरके कॉलोनी में रहने वाले आशीष बाफना ने पहली प्लाज्मा दान करके इसकी शुरुआत की.
महात्मा गांधी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने कहा कि प्लाज्मा चढ़ाने का काम पहले ही शुरू कर दिया था. लेकिन डोनेट करने के आदेश नहीं मिलने से यहां के लोग जयपुर या उदयपुर जाकर प्लाज्मा दान कर रहे थे. अब यह सुविधा यहां शुरू होने से गंभीर रोगियों को कुछ ही घंटों में प्लाज्मा मिल सकेगा. इसके लिए 250 प्लाज्मा दोनर्स की लिस्ट बना ली है. जहां यह थेरेपी का शुल्क 8 हजार रुपए तक लगता है तो वहीं भीलवाड़ा चिकित्सालय द्वारा यह फ्री में दिया जाएगा. थेरेपी का फायदा गंभीर यानी सिंप्टोमेटिक रोगी को संक्रमित होने के 6 दिन के भीतर पहुंचाया जा सकता है.
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गौड़ ने यह भी कहा कि भीलवाड़ा में इलाज कराने के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य हुए लोग प्लाज्मा डोनेट करें. डोनर्स को लाने और वापस जोड़ने की व्यवस्था चिकित्सा प्रशासन करेगा. कोरोना से पूरी तरह ठीक हुए व्यक्ति ही प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं, जिनमें संक्रमण के दौरान कम से कम बुखार-खांसी के लक्षण रहे हो. कोरोना को हराने के 28 दिन बाद से 4 माह तक प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है.
बता दें कि डोनर की उम्र 18 से 55 साल के बीच होनी चाहिए. इन मापदंडों को पूरा करने वाले सभी पुरुष प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. महिलाओं की बात की जाए तो वही महिलाएं प्लाज्मा डोनेट कर सकती है, जिन्होंने अभी तक गर्भधारण नहीं किया हो. वहीं, डोनेट करने वाले का वजन भी करीब 55 किलो से ज्यादा होना चाहिए.